दिल्ली की एक अदालत ने सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर गिरफ्तार किये गये 11 लोगों को शनिवार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इस मामले से जुड़े एक वकील ने यह जानकारी दी. आरोपियों की वकील नित्य रामकृष्णन ने बताया कि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मयंक मित्तल ने आरोपियों को जेल भेज दिया क्योंकि पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की मांग की नहीं की. रामकृष्णन ने अदालत में कहा कि तीन आरोपियों को गंभीर चोट लगी है और उनमें से किसी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला भी नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने घायल सुरक्षाकर्मियों के घाव की प्रकृति दिखाने के लिए कोई एमएलसी (चिकित्सा-कानूनी मामला) नहीं सामने रखा.
उन्होंने कहा कि कैसे भादंसं की धारा 307 (हत्या के प्रयास) आरोपियों पर लागू होती है, उसके बारे में भी पुलिस ने एमएलसी पेश नहीं किया. उन्होंने कहा, ‘‘आरोपियों की आजादी पर अंकुश लगाने के लिए भादंसं की धारा 307 लगायी.''
सीमापुरी में शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान सुरक्षाकर्मियों पर कथित रूप से पथराव करने को लेकर 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. पथराव में एक अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त घायल हो गए थे. पुलिस ने शनिवार को बताया कि अतिरिक्त डीसीपी, शाहदरा जिला रोहित राजबीर सिंह को इस घटना में मामूली चोटें आईं. अब वह ठीक हैं.
VIDEO: दरियागंज में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया- दिल्ली पुलिस
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं