- मतदाता सूची मामले में आप और बीजेपी नेताओं में घमासान
- अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयुक्त के प्रति जताई नाराजगी
- बीजेपी ने आप पर लोगों को गुमराह करने का लगाया आरोप
चुनाव आयोग द्वारा दिल्ली के लोगों को मतदाता सूची के संबंध में "भ्रामक" कॉलों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस से कहने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग बीजेपी के दफ्तर में तब्दील हो गया है, जिससे आप और भगवा दल में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आप की मान्यता रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी आप के स्वयंसेवक लोगों को फोन करके बता रहे हैं कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है और पार्टी संयोजक उन्हें फिर से जोड़ रहे हैं.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, चुनाव आयोग को भाजपा कार्यालय में बदलने के लिए आपके चुनाव आयुक्तों को इस्तीफा दे देना चाहिए.शर्मनाक, मोदीजी हर संस्थान को नष्ट कर रहे हैं. हम भाजपा को उसकी साजिश में कामयाब नहीं होने देंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया और उनसे कहा कि चुनाव आयोग और पुलिस को "गलत, गंदे" कृत्यों में लिप्त न करें, और कहा कि देश किसी भी पार्टी या व्यक्ति की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है.
Ur ECs shud resign for converting EC into BJP office. Shameful Modi ji has subverted every institution. We will not allow BJP to succeed in its conspiracies
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 10, 2019
पुलिस आपकी, EC आपका - उनसे इस तरह ग़लत और गंदे काम मत करवाइए। ये देश किसी एक व्यक्ति और पार्टी से बहुत बड़ा है https://t.co/dPfc3iKhZv
तिवारी ने आप पर लोगों को ‘गुमराह'करने और समाज में ‘अशांति'पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने ट्वीट किया, भारत के संविधान का सम्मान नहीं करने वाले एक राजनीतिक दल द्वारा गंभीर अपराध किया गया है. नागरिकों को गुमराह करने और समाज में अशांति पैदा करने की कोशिश के लिए आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द की जानी चाहिए. दिल्ली पुलिस को कई प्राथमिकियां दर्ज करनी चाहिए और दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. ''
Serious offence by a political party, who does not respect the constitution of India 🇮🇳
— Manoj Tiwari (@ManojTiwariMP) February 10, 2019
recognition of @AamAadmiParty should be cancelled for misleading citizens and trying to create unrest in the society@DelhiPolice must register Multiple FIRs and culprits should be penalised. https://t.co/DmHHaiWedK
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बता दें कि दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने शनिवार को उन फोन कॉल के प्रति लोगों को आगह किया था जिनमें निर्वाचन सूची से लोगों का नाम हटाने का दावा किया गया है. निर्वाचन अधिकारी ने साफ किया था कि निर्वाचन पंजीयन अधिकारी के सिवा कोई भी उनका नाम निर्वाचन सूची में न शामिल कर सकता है और न हटा सकता है. अब सीईओ ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से मामले की जांच करके असल स्थिति का पता लगाने को कहा है. पुलिस को की गई शिकायत में कहा गया है, ‘‘इस संबंध में प्राप्त हुई विभिन्न लिखित शिकायतें इसके साथ संलग्न हैं. पहली नजर में ऐसा प्रतीत होता है कि उपरोक्त शिकायतों में दिए गए कथन की असलियत का पता लगाने के लिए मामले की अच्छी तरह से जांच करने की जरूरत है और कानून के तहत जरूरी कार्रवाई की जाए.'' दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता मधुर वर्मा ने कहा कि हम मामले की जांच कर रहे हैं और उचित कार्रवाई करेंगे.
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