नोएडा प्राधिकरण के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग की टीम ने शनिवार को सेक्टर 18 में खुले में शौच करने वालों के खिलाफ जांच अभियान चलाया. प्राधिकरण कर्मचारियों द्वारा चालान काटने के साथ सामूहिक रूप से शौच करने वालों को उठक बैठक लगवाई. इसका वीडियो वायरल होने के साथ लोग में रोष व्यक्त करना शुरू कर दिया. लोगों का कहना है कि खुले में शौच पर है पाबंदी पर चालान काटने का अधिकार प्राधिकरण के कर्मचारियों को है लेकिन सार्वजनिक रूप से उठक-बैठक लगवा कर सजा देने का अधिकार किसने दिया, यह सबसे बड़ा सवाल है. प्राधिकरण की इस मनमानी ने अमानवीय चेहरे का उदाहरण दिया है.
नोएडा में खुले में पर पेशाब और शौच करने पर लगवाई उठक बैठक pic.twitter.com/CKKbrnRcOt
— Mukesh singh sengar (@mukeshmukeshs) December 30, 2018
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स्वच्छ सर्वेक्षण के नाम पर नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा में खुले में शौच करने पर पाबंदी लगा दी है. शहर में अगर कोई भी व्यक्ति खुले में शौच या फिर लघुशंका करते हुए पकड़ा जा रहा है तो प्राधिकरण के कर्मचारी शौच करने वालों पर आर्थिक जुर्माना लगा रहे हैं. शनिवार को भी सेक्टर 18 में जांच अभियान चलाया गया और 800 रुपए का चालान भी काटा गया.
शनिवार की शाम को सेक्टर 18 में नोएडा प्राधिकरण की पीएचई टीम कर्मचारियों से पूछा गया कि वे चालान काटने के बजाय लोगों को से उठक बैठक क्यों करा रहा हैं. इस पर पीएचई कर्मचारियों ने कहा कि लोगों को सबक सिखाने के लिए उठक-बैठक कराई गई, जबकि संवैधानिक रूप से यह गलत है. सवाल यह है कि कार्रवाई के नाम पर प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी आखिर कब तक मनमानी करते रहेंगे.
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