 
                                            प्रतीकात्मक चित्र
                                                                                                                        - अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है.
- उकसाने के लिए उसकी मां को भी सात साल कैद की सजा
- आरोपी ने महिला को बंधक बनाया
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                                                                                नई दिल्ली: 
                                        अपनी भाभी के साथ बार-बार बलात्कार करने वाले एक सरकारी कर्मचारी को दिल्ली की एक अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है. इस अपराध के लिए अभियुक्त को उकसाने के लिए उसकी मां को भी सात साल कैद की सजा दी गई है.
अदालत ने कहा कि यह साबित हो गया है कि आरोपी ने महिला को बंधक बनाया, उसके साथ बलात्कार किया और उसे धमकी भी दी कि अगर वह इसका विरोध करती है तो वह उसके बच्चों को मार डालेगा. मामला दर्ज होने के बाद आरोपी को रेलवे ने निलंबित कर दिया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैल जैन ने कहा, मेरा मानना है कि अभियोजन पक्ष इस मामले को संदेह से परे सफलतापूर्वक साबित कर पाया है कि आरोपी ने वादी को जबरन बंधक बनाया और उसके साथ कई बार बलात्कार किया. उसने महिला को धमकी भी दी कि यदि वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाती है तो वह उसके बच्चों को मार डालेगा. न्यायाधीश ने कहा, यह भी साबित हो गया है कि आरोपी महिता (सास) ने आरोपी पुरुष को शिकायतकर्ता महिला के साथ बलात्कार करने के लिए उकसाया था. अदालत ने 35 वर्षीय पुरुष और उसकी मां को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई.
अदालत ने अभियुक्त पुरुष पर 21 हजार और अभियुक्त महिला पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दी जानी चाहिए.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, महिला की शादी वर्ष 2003 में हुई थी और उसका पति एवं सास उसके साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव करते थे. महिला पहले भी अपने पति के भाई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी है. उस समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और तब उसके ससुराल पक्ष वालों ने उसे जमानत पर बाहर निकलवाने के लिए दबाव बनाया था.
महिला ने आरोप लगाया कि जब उक्त व्यक्ति को जमानत मिली तो उसने अपनी मां के साथ मिलकर भाभी को सबक सिखाने की ठानी. उसने महिला को एक माह तक एक झोंपड़ी में बंद रखा और उसके साथ बार-बार बलात्कार किया. बाद में महिला भाग निकली और उसने पुलिस में जाकर इस व्यक्ति और अपनी सास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.
                                                                        
                                    
                                अदालत ने कहा कि यह साबित हो गया है कि आरोपी ने महिला को बंधक बनाया, उसके साथ बलात्कार किया और उसे धमकी भी दी कि अगर वह इसका विरोध करती है तो वह उसके बच्चों को मार डालेगा. मामला दर्ज होने के बाद आरोपी को रेलवे ने निलंबित कर दिया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शैल जैन ने कहा, मेरा मानना है कि अभियोजन पक्ष इस मामले को संदेह से परे सफलतापूर्वक साबित कर पाया है कि आरोपी ने वादी को जबरन बंधक बनाया और उसके साथ कई बार बलात्कार किया. उसने महिला को धमकी भी दी कि यदि वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाती है तो वह उसके बच्चों को मार डालेगा. न्यायाधीश ने कहा, यह भी साबित हो गया है कि आरोपी महिता (सास) ने आरोपी पुरुष को शिकायतकर्ता महिला के साथ बलात्कार करने के लिए उकसाया था. अदालत ने 35 वर्षीय पुरुष और उसकी मां को सात-सात साल कैद की सजा सुनाई.
अदालत ने अभियुक्त पुरुष पर 21 हजार और अभियुक्त महिला पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने कहा कि जुर्माने की आधी राशि पीड़िता को मुआवजे के तौर पर दी जानी चाहिए.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, महिला की शादी वर्ष 2003 में हुई थी और उसका पति एवं सास उसके साथ क्रूरतापूर्ण बर्ताव करते थे. महिला पहले भी अपने पति के भाई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा चुकी है. उस समय उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और तब उसके ससुराल पक्ष वालों ने उसे जमानत पर बाहर निकलवाने के लिए दबाव बनाया था.
महिला ने आरोप लगाया कि जब उक्त व्यक्ति को जमानत मिली तो उसने अपनी मां के साथ मिलकर भाभी को सबक सिखाने की ठानी. उसने महिला को एक माह तक एक झोंपड़ी में बंद रखा और उसके साथ बार-बार बलात्कार किया. बाद में महिला भाग निकली और उसने पुलिस में जाकर इस व्यक्ति और अपनी सास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.
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