प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
दिल्ली से सटे फरीदाबाद (Faridabad suicide) से भी बुराड़ी जैसा मामला सामने आया है. शहर की अग्रवाल सोसाइटी में एक ईसाई परिवार के चार लोगों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. पुलिस ने शनिवार को मौके पर पहुंचकर दरवाजा खोला तो अंदर चारों के शव फंदे से लटके मिले. शव बुरी हालत में थे, जिससे ऐसा लगता है कि आत्महत्या की यह घटना कई दिन पहले हुई. पुलिस को मृतकों द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट मिला है, जिससे यह बात सामने आई है कि ये सब अपने मां-बाप और भाई की मौत के बाद खुद को अकेला महसूस कर रहे थे. कुछ आर्थिक तंगी की भी बात सामने आई है. इन लोगों की मां होटल राजहंस में काम करती थी, जो रिटायर हो चुकी थी. उनका निधन भी 5 महीने पहले हो गया था. इनके भाई संजू की भी बीमारी की वजह से मौत हो चुकी थी, जबकि पापा की डेथ भी काफी पहले हो चुकी है.
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पहले पापा, फिर मां और उसके बाद भाई की मौत हो जाने के बाद ये लोग खुद को अकेला महसूस कर रहे थे और इसी वजह से इन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जिन लोगों ने उनकी मदद की है, उनका कर्ज घर में रखे सामान को चैरिटी करके पूरा कर दिया जाए. इसके बाद जो पैसा बचेगा वह चर्च के फादर और सिस्टर को दान स्वरूप दे दिया जाए. उन्होंने भी उनकी मदद की थी. क्यूआरजी हॉस्पिटल के डायलासिस विभाग में काम कर रहे आरिफ और अरविन्द ने भी इनकी मदद की है. इन्होंने अपनी मोटरसाइकिल अपने मृतक भाई संजू के दोस्त उपेंद्र को देने के लिए लिखा है, जिसने इनकी काफी मदद की है.
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होटल राजहंस के कुछ कर्मचारियों ने भी इनकी मदद की है. सभी मदद करने वालों को उन्होंने धन्यवाद लिखा है और इन चारों ने अपना अंतिम संस्कार बुराड़ी कब्रिस्तान में किए जाने की इच्छा जताई है. सभी डेड को बॉडी बीके हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम के बाद इनकी डेड बॉडी अंतिम संस्कार के लिए चर्च के फादर रवि कोटा के हवाले की जाएगी.
बुराड़ी में 11 लोगों ने दी थी जान
बता दें कि बीते जुलाई महीने में दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की खुदकुशी का मामला सामने आया था. बुराड़ी में भी परिवार के सभी 11 लोग फांसी के फंदे से लटके हुए पाए गए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी की मौत का कारण फांसी पर लटकना बताया गया था.
VIDEO : कैसे सुलझेगी 11 मौतों की मिस्ट्री ?
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पहले पापा, फिर मां और उसके बाद भाई की मौत हो जाने के बाद ये लोग खुद को अकेला महसूस कर रहे थे और इसी वजह से इन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जिन लोगों ने उनकी मदद की है, उनका कर्ज घर में रखे सामान को चैरिटी करके पूरा कर दिया जाए. इसके बाद जो पैसा बचेगा वह चर्च के फादर और सिस्टर को दान स्वरूप दे दिया जाए. उन्होंने भी उनकी मदद की थी. क्यूआरजी हॉस्पिटल के डायलासिस विभाग में काम कर रहे आरिफ और अरविन्द ने भी इनकी मदद की है. इन्होंने अपनी मोटरसाइकिल अपने मृतक भाई संजू के दोस्त उपेंद्र को देने के लिए लिखा है, जिसने इनकी काफी मदद की है.
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बुराड़ी में 11 लोगों ने दी थी जान
बता दें कि बीते जुलाई महीने में दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की खुदकुशी का मामला सामने आया था. बुराड़ी में भी परिवार के सभी 11 लोग फांसी के फंदे से लटके हुए पाए गए थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सभी की मौत का कारण फांसी पर लटकना बताया गया था.
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