SRS ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल.
नई दिल्ली:
दिल्ली एनसीआर के हजारों लोगों को एसआरएस ग्रुप ने फ्लैट, निवेश और हीरों के नाम पर करीब दस से बारह हजार करोड़ रुपये की चपत लगाई. जबकि बैंकों को सात हजार करोड़ रुपए का चूना लगाया है. तीन साल बाद अब एसआरएस कंपनी के निदेशक अनिल जिंदल समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
दिल्ली एनसीआर की नामी रियल स्टेट कंपनी के निदेशक अनिल जिंदल और उनके चार सहयोगी देवेंद्र अदाना, नानक तायल, विनोद गर्ग, बिशन बंसल को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली एनसीआर में कंपनी SRS के नाम से कई मॉल और फ्लैट बनाए हैं. इसी के नाम पर छोटे निवेशकों से अरबों की ठगी की. राम बहादुर ने लोन लेकर सात लाख रुपए एसआरएस की फर्जी कंपनी खूशबू के नाम से कागजात दे दिए. लेकिन सालों से इन कागजों को लेकर वह घूम रहे हैं.
एनडीटीवी के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज आए हैं जिनसे पता चलता है कि एसआरएस कंपनी हजारों लोगों को ही नहीं बल्कि दर्जन भर बैंकों को सात हजार करोड़ रुपए का चूना लगा चुकी है. एसआरएस कंपनी से जुड़ी करीब तीन सौ कंपनियां है जिनमें ज्यादातर केवल कागजों में ही है. एसआरएस कंपनी के ठगी का शिकार सतीश मित्तल को कंपनी ने करीब चालीस लाख रुपये का चेक दिया. लेकिन जिस एसआरएस कंपनी के नाम से ये चेक दिया गया उसकी वेल्यू महज एक लाख रुपए की है.
यह भी पढ़ें : करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में एसआरएस ग्रुप के चेयरमेन अनिल जिंदल गिरफ्तार
एसआरएस कंपनी ने फ्लैट, मॉल और फर्जी कंपनियों के नाम पर ही नहीं बल्कि हीरों के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की. कई निवेशकों को कंपनी ने पैसे के बदले इस तरह के हीरों के गहने दिए. करीब छह लाख रुपये के इन हीरों के गहनों की न तो कोई रसीद दी गई और न ही गारंटी. एसआरएस कंपनी से ठगे गए लोगों ने जब बाजार में इन गहनों की जांच कराई तो पाया कि हीरों के नाम पर भी उन्हें चपत लगाई गई.
हैरानी की बात है कि दिल्ली एनसीआर में लाखों लोगों और सरकारी बैंकों को चपत लगाने के बावजूद इतने सालों से अनिल मित्तल ऐशोआराम की जिंदगी बिताता रहा.
पुलिस ने एक ही दिन में 22 मामले दर्द कर SRS ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल और उनके चार साथियों को गिरफ्तार कर लिया. अनिल जिंदल की कई कंपनियों पर बैंकों का हजारों करोड़ बकाया है. बाद में इन्होंने कई कंपनियों को दिवालिया घोषित कर बंद करवा लिया.
SRS ग्रुप ने पैसा लगाने वाले कई लोगों को लाखों रुपये के हीरे दिए जो नकली निकले. इस तरह के कई फ्राड इस कंपनी ने किए हैं.ये छह लाख अस्सी हजार के हीरे एक विधवा को पैसे के बदले SRS कंपनी ने दिए जब इनकी वैल्यू करवाई गई तो ये महज एक से डेढ़ लाख के थे. इन ज्वैलरी की कोई पक्की रसीद भी नहीं दी गई.
दिल्ली एनसीआर की नामी रियल स्टेट कंपनी के निदेशक अनिल जिंदल और उनके चार सहयोगी देवेंद्र अदाना, नानक तायल, विनोद गर्ग, बिशन बंसल को गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली एनसीआर में कंपनी SRS के नाम से कई मॉल और फ्लैट बनाए हैं. इसी के नाम पर छोटे निवेशकों से अरबों की ठगी की. राम बहादुर ने लोन लेकर सात लाख रुपए एसआरएस की फर्जी कंपनी खूशबू के नाम से कागजात दे दिए. लेकिन सालों से इन कागजों को लेकर वह घूम रहे हैं.
एनडीटीवी के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज आए हैं जिनसे पता चलता है कि एसआरएस कंपनी हजारों लोगों को ही नहीं बल्कि दर्जन भर बैंकों को सात हजार करोड़ रुपए का चूना लगा चुकी है. एसआरएस कंपनी से जुड़ी करीब तीन सौ कंपनियां है जिनमें ज्यादातर केवल कागजों में ही है. एसआरएस कंपनी के ठगी का शिकार सतीश मित्तल को कंपनी ने करीब चालीस लाख रुपये का चेक दिया. लेकिन जिस एसआरएस कंपनी के नाम से ये चेक दिया गया उसकी वेल्यू महज एक लाख रुपए की है.
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एसआरएस कंपनी ने फ्लैट, मॉल और फर्जी कंपनियों के नाम पर ही नहीं बल्कि हीरों के नाम पर भी लोगों के साथ ठगी की. कई निवेशकों को कंपनी ने पैसे के बदले इस तरह के हीरों के गहने दिए. करीब छह लाख रुपये के इन हीरों के गहनों की न तो कोई रसीद दी गई और न ही गारंटी. एसआरएस कंपनी से ठगे गए लोगों ने जब बाजार में इन गहनों की जांच कराई तो पाया कि हीरों के नाम पर भी उन्हें चपत लगाई गई.
हैरानी की बात है कि दिल्ली एनसीआर में लाखों लोगों और सरकारी बैंकों को चपत लगाने के बावजूद इतने सालों से अनिल मित्तल ऐशोआराम की जिंदगी बिताता रहा.
पुलिस ने एक ही दिन में 22 मामले दर्द कर SRS ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल और उनके चार साथियों को गिरफ्तार कर लिया. अनिल जिंदल की कई कंपनियों पर बैंकों का हजारों करोड़ बकाया है. बाद में इन्होंने कई कंपनियों को दिवालिया घोषित कर बंद करवा लिया.
SRS ग्रुप ने पैसा लगाने वाले कई लोगों को लाखों रुपये के हीरे दिए जो नकली निकले. इस तरह के कई फ्राड इस कंपनी ने किए हैं.ये छह लाख अस्सी हजार के हीरे एक विधवा को पैसे के बदले SRS कंपनी ने दिए जब इनकी वैल्यू करवाई गई तो ये महज एक से डेढ़ लाख के थे. इन ज्वैलरी की कोई पक्की रसीद भी नहीं दी गई.
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