- दिल्ली सरकार ने शुरू की प्रक्रिया
- दर्ज हो रहा मजदूरों का नाम-पता
- पुलिस व प्रशासन खुद दर्ज कर रहा नाम-पता
दिल्ली में दूसरे राज्यों के मजदूरों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. मजदूरों के नाम, पता, मोबाइल नंबर के साथ किस राज्य के जिले में लौटना है, इसको पुलिसकर्मियों ने नोट करना शुरु कर दिया है. मायापुरी औद्योगिक इलाके में पुलिस मजदूरों का रजिस्ट्रेशन कर रही है, ताकि जब भी ट्रेन या बस की सुविधा हो तो उन्हें भेजा जा सके. पुलिस और प्रशासन के लोग खुद उन इलाकों में मजदूरों का नाम व पता रजिस्टर्ड करने जाएंगे. दिल्ली सरकार ने इसके लिए नोडल अफसर नियुक्त किए हैं. किसी भी शख्स को पुलिस थाने या जिला प्रशासन के दफ्तर में नहीं जाना है.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने इस बारे में कहा, 'हम अन्य राज्यों के संपर्क में हैं. हम प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए हर संभव मदद सुनिश्चित करेंगे. मजदूरों को उनके राज्य वापस भेजने के लिए स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से निवेदन कर रहे हैं. हम मजदूरों को वापस भेजने से पहले अन्य जरूरी सामान व मेडिकल सुविधा मुहैया कराएंगे और उनकी स्क्रीनिंग करेंगे.'
बताते चलें कि केंद्र सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे हुए लोगों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू कर दी हैं. अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए सैकड़ों मजदूर जांच के बाद अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच चुके हैं. शुक्रवार सुबह तेलंगाना से झारखंड के लिए एक स्पेशल ट्रेन चली थी. इस ट्रेन से सैकड़ों मजदूरों को उनके राज्य लाया गया. ट्रेन में सफर के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी खास ख्याल रखा गया. हर बोगी में 72 की जगह 54 लोगों को बैठाया गया, यानी मिडिल बर्थ को हटा दिया गया था.
वहीं, आज (शनिवार) सुबह मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Coronavirus Report) के मजदूरों को लेकर नासिक से एक ट्रेन भोपाल के करीब मिसरोद रेलवे स्टेशन पहुंची. पहली खेप में 347 मजदूर आए. इन सभी को सोशल डिस्टेंस के तहत रेलवे स्टेशन पर गोले बनाकर बैठाया गया. उनकी जांच की गई और उसके बाद सभी मजदूरों को उनके घरों तक बसों से रवाना कर दिया गया.
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