 
                                            राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र नियोजन बोर्ड (NCRPB) एनसीआर के दूरदराज के इलाकों में टिकाऊ विकास के संबंध में अध्ययन करने के लिए नगर योजनाकारों और अन्य विशेषज्ञों की एक समिति का गठन कर सकता है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. पूरे मामले से अवगत दो अधिकारियों ने बताया कि समिति इस बात का भी अध्ययन कर सकती है कि दिल्ली के आसपास के कुछ इलाकों में आबादी का घनत्व अधिक क्यों है, जबकि एनसीआर के कुछ दूसरे इलाकों में ये तुलनात्मक रूप से कम है.
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एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “एनसीआरपीबी की हाल में हुई बोर्ड की बैठक में विशेषज्ञ समिति गठित करने पर विचार हुआ. इसके मद्देनजर एनसीआरपीबी जल्द ही नगर योजनाकारों, परिवहन और अन्य विशेषज्ञों की समिति का गठन करेगा.” उन्होंने बताया कि समिति की अध्यक्षता कौन करेगा, इस बारे में अभी निर्णय नहीं हुआ है और कहा कि समिति बनाने के लिए नियम-शर्तें जल्द तय की जाएंगी. एक अधिकारी ने कहा कि हाल में उत्तर प्रदेश के शामली, मुजफ्फरनगर और हापुड़ जिलों और हरियाणा के फरीदाबाद, जींद और करनाल जिलों को एनसीआर में शामिल किया गया है.
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अधिकारी ने यह भी कहा, 'दिल्ली के आसपास के इलाकों जैसे नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में तेजी से विकास हुआ है, समिति अब एनसीआर के अधिक दूरदराज के इलाकों में टिकाऊ विकास के पहलुओं और संसाधानों के अधिकतम इस्तेमाल पर विचार करेगी.' उन्होंने बताया कि योजना ये है कि NCR के सभी इलाकों का समान रूप से विकास हो. 
 
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