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This Article is From May 02, 2022

Web3 से बदल सकता है इंटरनेट पर काम करने का तरीका

Web3 को इंटरनेट की अगली जेनरेशन बताया जा रहा है और इसका फोकस डीसेंट्रलाइजेशन और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर है

Web3 से बदल सकता है इंटरनेट पर काम करने का तरीका
कुछ बड़ी कंपनियों ने अपनी टीमों में Web3 स्पेशियलस्ट्स को शामिल करना शुरू कर दिया है

पिछले कुछ महीनों में Web3 से जुड़ने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ी है. Web3 को इंटरनेट की अगली जेनरेशन बताया जा रहा है और इसका फोकस डीसेंट्रलाइजेशन और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर है. इसके कुछ लोकप्रिय यूज केसेज में डीसेंट्रलाइज्ड ऑटोनॉमस ऑर्गनाइजेशंस (DAO), डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) और Metaverse शामिल हैं. 

Future Money Playbook के लेखक और Wrapped Asset Project में चीन ब्लॉकचेन आर्किटेक्ट Rohas Nagpal के अनुसार, Web3 से इंटरनेट पर कंटेंट के लिहाज से बड़ा बदलाव हो सकता है और लोग अपने डेटा को कंट्रोल और मॉनेटाइज करने में सक्षम हो सकते हैं. हाल के महीनों में बहुत से प्रमुख ब्रांड्स ने Web3 में दिलचस्पी ली है. इनमें न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, अमेरिकन एक्सप्रेस, मैकडॉनल्ड्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा शामिल हैं. एपल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने अपनी टीमों में Web3 स्पेशियलस्ट्स को शामिल करना शुरू कर दिया है. 

इंटरनेट की पहली जेनरेशन 1990 के दशक से 2004 तक थी. इस दौरान अधिकतर वेबसाइट्स बिजनेस से जुड़ी थी. इंटरनेट की मौजूदा या सेकेंड जेनरेशन में कंटेंट का एक बड़ा हिस्सा यूजर्स की ओर से जेनरेट किया जाता है. इसमें सोशल मीडिया कंटेंट और ब्लॉग शामिल हैं. इसमें से अधिकतर डेटा को गूगल और Meta (पहले फेसबुक) जैसी बड़ी कंपनियां कंट्रोल और मॉनेटाइज करती हैं. Web3 का इस्तेमाल ब्लॉकचेन गेम्स, सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), क्रिप्टोकरेंसीज, नॉन-फंजिबल टोकन (NFT), स्टेबलकॉइन्स और सिक्योरिटी कॉइन्स में हो सकता है.

इसके अलावा Web3 से आर्टिस्ट्स, फिल्ममेकर्स, म्यूजिशियंस और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी ऑडिएंस के साथ सीधे जुड़ने और इंटरमीडियरीज के बिना काम करने का मौका मिलेगा. Web3 से जुड़े कुछ प्रमुख प्रोजेक्ट्स में एप्लिकेशन प्रोगामिंग इंटरफेस (API), Aragon, Arweave, Audius, Basic Attention Token, Chainlink, Filecoin, Helium नेटवर्क, Livepeer, NuCypher, Ocean Protocol और Render Network शामिल हैं.

इंटरनेट के इस अगले दौर से ऐसे बदलाव होने की संभावना है जिनसे कंपनियों के बिजनेस करने के तरीकों में सुधार हो सकते हैं. केंद्र सरकार ने पिछले महीने कहा था कि उसकी उसकी मेटावर्स या Web 3 को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है क्योंकि ये उभरती हुई टेक्नोलॉजीज हैं. देश में टेक्नोलॉजी सेक्टर को रेगुलेट करने के लिए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट मौजूद है और इस वजह से मेटावर्स जैसे नए सेगमेंट्स के लिए सरकार रेगुलेशंस नहीं लाना चाहती. 

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