Coinbase के फंडिंग सेशन में भारतीय कंपनियों को 10 लाख डॉलर तक का ऑफर; Polygon, Solana प्रोजेक्ट्स का दबदबा

Coinbase की इनवेस्टमेंट यूनिट भारत की क्रिप्टो और Web 3 फर्मों को 10 लाख डॉलर तक की फंडिंग की पेशकश कर रही है. बेंगलुरू में 8 अप्रैल को होने वाले इस फंडिंग सेशन के लिए देश भर से क्रिप्टो आंत्रप्रेन्योर्स को आमंत्रित किया गया है.

Coinbase के फंडिंग सेशन में भारतीय कंपनियों को 10 लाख डॉलर तक का ऑफर; Polygon, Solana प्रोजेक्ट्स का दबदबा

इस सेशन में हिस्सा लेने के लिए 100 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं

क्रिप्टो एक्सचेंज Coinbase के भारत में होने वाले फंडिंग सेशन में Polygon, Solana और Ethereum ब्लॉकचेन्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स की बड़ी संख्या होगी. Coinbase की इनवेस्टमेंट यूनिट भारत की क्रिप्टो और Web 3 फर्मों को 10 लाख डॉलर तक की फंडिंग की पेशकश कर रही है. बेंगलुरू में 8 अप्रैल को होने वाले इस फंडिंग सेशन के लिए देश भर से क्रिप्टो आंत्रप्रेन्योर्स को आमंत्रित किया गया है. 

इस सेशन के आयोजन के लिए Coinbase ने क्रिप्टो फर्मों को फंडिंग हासिल करने में मदद करने वाली Builders Tribe के साथ पार्टनरशिप की है. Builders Tribe ने बताया कि इस सेशन में हिस्सा लेने के लिए 100 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं. Coinbase के CEO Brian Armstrong एक सप्ताह से भारत में है और वे प्रमुख यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के अलावा क्रिप्टो इनवेस्टर्स के साथ मीटिंग कर सकते हैं. Armstrong ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, "Coinbase Ventures का क्रिप्टो और Web 3 से जुड़ी भारतीय कंपनियों में पहले से 15 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट है. भारत के सॉफ्टवेयर टैलेंट के मद्देनजर, हमारा मानना है कि क्रिप्टो और Web 3 टेक्नोलॉजी से भारत के फाइनेंशियल इनक्लूजन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिल सकती है." 

एक अनुमान के अनुसार, भारतीय उपमहाद्वीप में क्रिप्टोकरेंसीज रखने वाले लोगों की संख्या 10 करोड़ से अधिक की है. केंद्र सरकार डिजिटल एसेट्स सेगमेंट को लेकर एक सतर्क रवैया रखती है. हालांकि, इसकी क्रिप्टो इंडस्ट्री पर पाबंदी या बैन लगाने की योजना नहीं है. देश में इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टोकरेंसीज की ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर टैक्सदेना होगा. इस वर्ष के बजट में क्रिप्टो से जुड़े कानून का प्रस्ताव दिया गया था और यह संसद में पारित हुआ था. इससे वर्चुअल डिजिटल एसेट्स देश में टैक्स के दायरे में आ जाएंगे. हालांकि, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को लेकर भ्रम की स्थिति है.

क्रिप्टो ट्रेडिंग से मिलने वाले प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स चुकाना होगा. इसके अलावा प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS भी लागू हो गया है. इन नियमों का उल्लंघन करने वाले मुश्किल में पड़ सकते हैं. नए क्रिप्टो कानून का उल्लंघन करने वालों सात वर्ष तक की कैद हो सकती है. क्रिप्टो से जुड़ी फर्मों को आशंका है कि देश में इस सेगमेंट पर टैक्स लागू होने से इनवेस्टर्स इससे बाहर निकल सकते हैं. कानूनी जानकार मानते हैं कि सरकार ने सही मौका देखकर यह कदम उठाया है. 


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