क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ महीनों से गिरावट से इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है. बैंकरप्सी के लिए फाइलिंग करने वाली क्रिप्टो लेंडिंग फर्म Celsius Network के खिलाफ कस्टडी एकाउंट रखने वाले यूजर्स ने एक कानूनी मामला दायर किया है. इससे पहले फर्म के लॉयर्स ने दावा किया था कि इन यूजर्स को अपने एसेट्स गंवाने पड़ सकते हैं.
कस्टडी एकाउंट यूजर्स के लगभग 18 करोड़ डॉलर फर्म पर बकाया हैं. CoinDesk की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन यूजर्स ने कानूनी लड़ाई के लिए लगभग एक लाख डॉलर जुटाए हैं. फर्म के लॉयर्स का कहना है कि कस्टडी एकाउंट रखने वाले यूजर्स ने फर्म की सर्विस की शर्तों को स्वीकार करने के लिए जिस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे उससे क्रिप्टो एसेट्स पर उनका अधिकार समाप्त हो गया था. Celsius Network ने अमेरिका में नॉन-एक्रेडिएटेड इनवेस्टर्स के लिए अप्रैल में कस्टडी सर्विस शुरू की थी. इन इनवेस्टर्स को अन्य क्लाइंट्स की तरह इंटरेस्ट नहीं मिलता. ये केवल एसेट्स की स्टोरेज के लिए फर्म का इस्तेमाल करते हैं.
Celsius Network का कहना है कि उसकी रिस्ट्रक्चरिंग की कोशिशों के लिए बिटकॉइन माइनिंग महत्वपूर्ण है. इस अमेरिकी फर्म को एक बैंकरप्सी कोर्ट से बिटकॉइन माइनिंग सेंटर पर लगभग 41.2 लाख डॉलर का खर्च करने की अनुमति मिली है. फर्म को बिटकॉइन माइनिंग से कस्टमर्स को भुगतान करने का जरिया मिल सकता है. इसके कस्टमर्स के एसेट्स बैंकरप्सी फाइलिंग से पहले फ्रीज किए गए थे.
फर्म को लगभग 1.19 अरब डॉलर का घाटा हुआ है. लगभग तीन महीने पहले TerraUSD और Luna में भारी गिरावट के कारण क्रिप्टो मार्केट में काफी बिकवाली हुई थी और फर्म के लेंडिंग बिजनेस पर बड़ी चोट पड़ी थी. इसके बाद नुकसान पर लगाम लगाने के लिए ट्रांजैक्शंस बंद कर दी गई थी. फर्म के ट्रांजैक्शंस पर रोक लगाने के फैसले की टेक्सस स्टेट सिक्योरिटी बोर्ड सहित कुछ रेगुलेटर्स जांच कर रहे हैं. इस बारे में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने भी फर्म से जानकारी मांगी थी. यह क्रिप्टो लेंडिंग से जुड़ी बड़ी फर्मों में शामिल है. यह अपनी क्रिप्टोकरेंसीज को जमा करने वाले कस्टमर्स को इंटरेस्ट का ऑफर देती है और रिटर्न कमाने के लिए क्रिप्टोकरेंसीज की लेंडिंग करती है.
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