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This Article is From Jul 05, 2022

TDS लागू होने के बाद क्रिप्टो की ट्रेडिंग वॉल्यूम को लगा झटका

पिछले कुछ दिनों में CoinDCX, BitBNS, WazirX और Zebpay पर प्रतिदिन की औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर लगभग 56 लाख डॉलर होने की रिपोर्ट है

TDS लागू होने के बाद क्रिप्टो की ट्रेडिंग वॉल्यूम को लगा झटका
क्रिप्टोकरेंसीज की खरीद और डिपॉजिट पर एक प्रतिशत टैक्स से इनवेस्टर्स पर दबाव बढ़ गया है

पिछले कुछ दिनों में CoinDCX, BitBNS, WazirX और Zebpay पर प्रतिदिन की औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम घटकर लगभग 56 लाख डॉलर होने की रिपोर्ट है. जून तक यह आंकड़ा लगभग एक करोड़ डॉलर का था. देश में इस महीने की शुरुआत से क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर 1 प्रतिशत के TDS का रूल लागू होने से क्रिप्टो एक्सचेंजों की ट्रेडिंग वॉल्यूम में भारी गिरावट आई है. 

वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लिए घोषित किए गए टैक्स कानूनों के पूरी तरह लागू होने में देर हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टो एक्सचेंजों BitBNS और CoinDCX पर ट्रेडिंग वॉल्यूम क्रमशः 37.4 प्रतिशत और 90.9 प्रतिशत कम हुई है. अप्रैल में VDA से प्रॉफिट पर 30 प्रतिशत का टैक्स लागू हुआ था. इसके बाद से क्रिप्टो ट्रेडर्स के लिए प्रॉफिट हासिल करना मुश्किल हो गया है. इस महीने से प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का टैक्स कटने का मतलब है कि क्रिप्टोकरेंसीज की खरीद और डिपॉजिट पर एक प्रतिशत टैक्स चुकाना होगा, जिससे इनवेस्टर्स पर दबाव बढ़ गया है. 

केंद्र सरकार का मानना है कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शंस पर एक प्रतिशत के TDS से इन ट्रांजैक्शंस को ट्रैक करना आसान हो जाएगा. यह TDS क्रिप्टोकरेंसीज के अलावा नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) और अन्य मेटावर्स एलिमेंट्स सहित VDA पर लगेगा. क्रिप्टो से जुड़ी कम्युनिटी ने इस अतिरिक्त वित्तीय भार को लेकर सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की है. फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि क्रिप्टो से जुड़े कानून को लेकर जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन लगाने को कहा था. सरकार का कहना है कि वह इस सेगमेंट पर पूरी तरह रोक नहीं लगाएगी.

इस फाइनेंशियल ईयर में देश में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लॉन्च किया जा सकता है. इससे लोगों को पेमेंट के अधिक विकल्प मिल सकेंगे. बहुत से अन्य देशों में CBDC को लॉन्च करने पर काम किया जा रहा है. कुछ देशों में इसका ट्रायल शुरू किया गया है. RBI ने कहा है कि CBDC मौजूदा मॉनेटरी पॉलिसी के साथ ही पेमेंट सिस्टम्स से भी जोड़ी जाएगी. इस CBDC पर RBI का कंट्रोल होगा और इसे देश के वित्तीय ढांचे के अनुसार बनाया जाएगा. CBDC एक ब्लॉकचेन पर बेस्ड पेमेंट सॉल्यूशन होता है, जिस पर सेंट्रल बैंक का कंट्रोल रहता है. यह क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करता है लेकिन  क्रिप्टोकरेंसीज की तरह CBDC में वोलैटिलिटी और अन्य रिस्क नहीं होते. 

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