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This Article is From Oct 21, 2021

Bitcoin At All Time High : बिटकॉइन 66,000 डॉलर के पार, ऐसा रहा है इसका 13 सालों का सफर

Bitcoin Price in India : बिटकॉइन की कीमत वॉल स्ट्रीट पर बिटकॉइन ETF के लॉन्च होने के बाद नई ऊंचाई पर पहुंच गई. बुधवार को इसका मूल्य रिकॉर्ड 66,000 डॉलर के पार पहुंच गया. मेनस्ट्रीम निवेशकों के बीच बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश का विकल्प खुलने से वित्तीय प्रतिष्ठानों के बीच बिटकॉइन की स्वीकार्यता बढ़ रही है.

Bitcoin At All Time High : बिटकॉइन 66,000 डॉलर के पार, ऐसा रहा है इसका 13 सालों का सफर
Bitcoin Price : 66,000 डॉलर के ऊपर पहुंची बिटकॉइन की कीमत.

दुनिया की सबसे बड़ी, पॉपुलर और पुरानी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने बुधवार को नया रिकॉर्ड छू लिया है. बिटकॉइन की कीमत वॉल स्ट्रीट पर बिटकॉइन ETF (Exchange Traded Fund) के लॉन्च होने के बाद नई ऊंचाई पर पहुंच गई. बुधवार को इसका मूल्य रिकॉर्ड 66,000 डॉलर के पार पहुंच गया. मेनस्ट्रीम निवेशकों के बीच बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश का विकल्प खुलने से ऐसा कहा जा रहा है कि वित्तीय प्रतिष्ठानों के बीच बिटकॉइन की स्वीकार्यता बढ़ रही है. बिटकॉइन का मूल्य (Bitcoin Price) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के खुलने बाद यूएस के समयानुसार बुधवार को सुबह 10:52 बजे 7.6 प्रतिशत बढ़कर 66,901.30 डॉलर पर पहुंच गया था.

बता दें कि बिटकॉइन ईटीएफ में निवेशकों ने जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई है. ट्रेडिंग के पहले दिन ETF ने करीब 5 फीसदी की बढ़ोत्‍तरी दर्ज की. इससे भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रोत्साहन मिला है. ईटीएफ बिटकॉइन में सीधे निवेश नहीं करता. यह बिटकॉइन से जुड़े वायदा बाजार में निवेश करता है. उद्योग का मानना है कि ईटीएफ के जरिये नयी श्रेणी के निवेशक बिटकॉइन से जुड़ रहे हैं. ऐसे में बिटकॉइन अब जब मेनस्ट्रीम में दखल दे चुका है तो इस बहाने इसके एक दशक से ज्यादा पुराने सफर पर नजर डालते हैं.

कैसा रहा है अब तक बिटकॉइन का सफर...

इस ताजा कीर्तिमान के पहले बिटकॉइन अप्रैल, 2020 में अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था, इससे शुरुआती निवेशकों को जबरदस्त फायदा हुआ था. जिन्होंने अब तक बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं किया था, उन्होंने भी इसके बारे में सोचना शुरू किया. हालांकि, पिछले साल के शुरुआत तक भी बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी बाजार को उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली थी, जो अब है, ऐसे में अधिकतर लोगों को इसकी बहुत समझ नहीं थी, लेकिन ये जाहिर बात थी कि जिन्होंने शुरुआत में जोखिम उठाया था, वो जबरदस्त रिटर्न कमा रहे थे. इससे बिटकॉइन की पॉपुलैरिटी में जबरदस्त इजाफा हुआ. पिछले कुछ वक्त से बिटकॉइन 46,000 डॉलर के आसपास के रेंज में चल रहा था. 

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बिटकॉइन बना कब और कैसे था?

बिटकॉइन जब 2008 में लॉन्च हुआ तो यह एक रहस्य की तरह था, सबसे बड़ी बात तो यह नहीं पता थी कि इसे बनाया किसने है. सतोषी नाकामोतो के छद्मनाम से किसी शख्स या समूह ने बिटकॉइन को डेवलप किया था, लेकिन नाम के पीछे कौन है, ये हम अब तक नहीं जानते हैं. नाकामोतो ने सबसे पहले क्रिप्टोग्राफी के एक मेलिंग लिस्ट पर Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System (https://bitcoin.org/bitcoin.pdf) नाम से एक पेपर पोस्ट किया, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया और इसपर चर्चा शुरू हो गई.

Bitcoin सहित दूसरे क्रिप्टोकरेंसी का Live Price यहां ट्रैक करें:

2009 में बिटकॉइन सॉफ्टवेयर पब्लिक के लिए शुरू हुआ है और फिर बिटकॉइन की माइनिंग और ब्लॉकचेन पर इसका ट्रांजैक्शन शुरू हुआ है. इसके अगले साल बिटकॉइन का मूल्यांकन हुआ. चूंकि तबतक बिटकॉइन को बस माइन ही किया गया था, किसी ने अभी तक कॉइन ट्रेड नहीं किया था, ऐसे में इसकी कीमत अभी तक तय नहीं थी. 22 मई, 2010 को प्रोग्रामर Laszlo Hanyecz ने 10,000 बिटकॉइन से दो पिज्ज़ा खरीदे. अगर इस प्रोग्रामर ने अपने बिटकॉइन पिज्ज़ा पर न खर्च किए होते तो आज उस होल्डिंग की कीमत 389 मिलियन डॉलर होती.

2011 में बिटकॉइन के छोटे से एकछत्र साम्राज्य को चुनौती देने के लिए कुछ दूसरे क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुई, जैसे Namecoin और Litecoin जैसे कॉइन्स शुरू होने लगे. इन कॉइन्स की खासियत ये थी कि ये बिटकॉइन से कुछ बेहतर सुविधाएं दे रहे थे, जैसे कि बेहतर ट्रांजैक्शन स्पीड. आज बाजार में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं और इनमें लगातार अपग्रेड हो रहा है.

जब पहली बार क्रैश हुआ बिटकॉइन

बिटकॉइन के बीच के साल सबसे ज्यादा अस्थिर दिखाई देते हैं. बिटकॉइन का मूल्यांकन होने के बाद 2013 में यह पहली बार क्रैश हुआ. इसकी कीमत 1,000 डॉलर के ऊपर तक पहुंची थी, लेकिन क्रैश होने के बाद यह 300 डॉलर तक आ गई. 2014 की जनवरी में उस वक्त का सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज Mt.Gox अचानक से ऑफलाइन हो गया. इससे एक्सचेंज पर मौजूद 850,000 बिटकॉइन्स हमेशा-हमेशा के लिए गायब हो गए. 20 मार्च, 2014 को Mt. Gox ने बताया कि उसे एक पुराने डिजिटल वॉलेट में 199999.99 बिटकॉइन मिले हैं, जिसके बाद कुल गायब बिटकॉइन की संख्या 650,000 हो गई. इस मामले की अभी तक जांच हो रही है.

इसके बाद 2015 में बिटकॉइन फिर से 1,000 डॉलर की कीमत पर पहुंचा. अगले साल ही, Ethereum के आ जाने से बिटकॉइन की लीडरशिप को बड़ी चुनौती मिली. 2017 तक बिटकॉइन इतना पॉपुलर हो गया था कि इसकी कीमत 10,000 डॉलर तक पहुंच रही थी. क्रिप्टोकरेंसी से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे थे और इस इकोसिस्टम में पैसा डाल रहे थे. 2021 के अक्टूबर महीने तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण 2.6 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है.

बिटकॉइन के बीते कुछ साल और अच्छे दिनों की शुरुआत...

2018 में बिटकॉइन एक बार फिर क्रैश हुआ. कई देशों ने इसपर बैन लगाने से लेकर कई तरीके के नियम-कानून लागू करने के कदम उठाए, जिससे कि इसकी कीमतें 80 फीसदी से ज्यादा गिर गईं. भारत में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन न करने को लेकर निर्देश जारी किया गया. वहीं, इस साल बिटकॉइन की सबसे बड़ी चोरी हुी. BitConnect स्कैम में निवेशकों से 2 बिलियन डॉलर तक की धोखाधड़ी हुई.

बिटकॉइन के लिए 2019 की शुरुआत बहुत ही शांत तरीके से हुई. हालांकि, मई तक इसकी कीमत 8,000 डॉलर तक पहुंत गई. अगले महीने जून में ही इसमें 1,000 डॉलर तक की गिरावट आई, लेकिन जुलाई में यह 14,000 डॉलर तक पहुंचने में कामयाब रहा. यह साल बिटकॉइन के लिए अच्छा रहा. अगले साल यानी कि 2020 के महामारी के साल में बिटकॉइन को अच्छी तरक्की देखनी थी. हालांकि, वॉरेन बफेट जैसे कई बड़े उद्योगपतियों ने बिटकॉइन में निवेश को लेकर अच्छी बातें नहीं कहीं, लेकिन फिर भी इसकी कीमत चार गुना बढ़कर 28,000 डॉलर तक हो गई. भारत में मई, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया.

2021 बिटकॉइन के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला साल रहा है. इस साल के शुरुआती महीनों में टेक टायकून इलॉन मस्क ने बिटकॉइन को सपोर्ट किया था, बाद में वो इसकी माइनिंग से पर्यावरण पर पड़ते प्रभाव का हवाला देकर Dogecoin की ओर शिफ्ट हो गए. वहीं, बिटकॉइन अप्रैल में 65,000 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचकर फिर से गिर गया. सितंबर में इसमें फिर से रिकवरी दिखी और 21 अक्टूबर, 2021 की सुबह यह 64,000 डॉलर के ऊपर ट्रेड कर रहा था.

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