जिस मां की आंखों के सामने उसकी बेटी को पीट-पीटकर मार डाला गया उसकी हालत खराब है. शाम को करीब साढ़े सात बजे बच्ची ने नहाकर जीन्स पहना तो उसे देख दादा बिगड़ गए. उन्होंने उसे फ़ौरन कपड़े बदलने का हुक्म दिया. बच्ची ने कहा कि उसे जीन्स पहनना अच्छा लगता है. दादा को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और बेटों से कहा कि इसे मार डालो.
लड़की की मां शकुंतला ने कहा कि ''उन्होंने लाठी-डंडा, जैसे चाहा वैसे मारा. बहिनी हमारी मर गई. टेंपो बुलाकर फोन से, बहिनी को हमारी लादा, तो हमने कहा कि हमारी बेटी मर गई. कहने लगे कि थोड़ी चोट लगी है, दवा कराने ले जा रहे हैं. दवा कराने के बहाने हमारी बेटी को पटनवा पुल से फेंक दिया.''
शकुंतला जब अपनी बच्ची के साथ जाने के लिए ऑटो में बैठने लगी तो उन्होंने उसे धकेलकर बाहर गिरा दिया. उसकी रिश्ते की बहन शशिकला ने कहा कि ''जब ऑटो में मेरी बुआ बैठने गईं तो धक्का देकर सबने नीचे गिरा दिया. उसके बाद उसको लेकर चले गए. रात को पूछा कि कहां है मेरी बेटी? तो कहने लगे कि बॉटल चढ़ रही है. सही है, वह अच्छी है. सुबह ले चलेंगे तुमको मिलवाने. बाकी फिर उसके बाद रातोंरात सारा समान लेकर सारे लोग गायब हो गए.''
पित्र सत्ता महिलाओं के जिस्म, उनके दिल और उनके दिमाग, तीनों पर अपना अधिकार चाहती है. यह पित्र सत्ता का शायद सबसे क्रूर चेहरा है कि पुरुषों के एक झुंड ने एक 17 साल की छोटी सी, नाज़ुक सी बच्ची को पीटकर सिर्फ इसलिए मार डाला कि वह अपनी पसंद का लिबास पहनना चाहती थी, जो कि उन पुरुषों को नापसंद था.
शशिकला ने कहा कि ''अब तो गांव में भी चलन हो गया, सभी पहनते हैं, हर जगह. यह तो पढ़ने वाली थी, बाहर आने-जाने वाली. और वह तो यहां रहती भी नहीं थी, हम लोग के घर ही रहती थी. हम लोगों के साथ की दीदी भी पढ़ रही हैं, लिख रही हैं, हम भी करेंगे. आप लोगों की तरह ही बनेंगे. बस इन लोगों का कहना था कि हमें यहां नहीं रहना है, इस समाज में. इस समाज से बाहर निकलना है.''
बच्ची के पिता लुधियाना में काम करते हैं. बच्ची की मौत की खबर सुनकर आ गए हैं. पुलिस ने एफआईआर में बच्ची के घर के 10 लोगों को नामजद किया है. उनकी गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है.
देवरिया के एसपी श्रीपति मिश्रा ने कहा कि ''पटनवा पुल पर जहां नीचे नदी बहती है, उससे नीचे फेंका, लेकिन लड़की पुल के एंगिल में फंस गई. आज सवेरे उसकी डेड बॉडी थाना रामपुर कारखाना क्षेत्र के पटवा पुल से प्राप्त हुई. इसके संबंध में थाना रामपुर कारखाना में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना कराई जा रही है.''
अफ़सोस की बात यह है कि इस गांव में आम सोच यही है कि लड़की जात को दादा की बात मानकर जीन्स बदल लेनी चाहिए थी. आज दादा का कहना नहीं सुन रही थी तो कल पति का कहना भी नहीं सुनती.