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गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का कराते थे फर्जी बीमा, फिर मौत होने पर... ऐसे हुआ खुलासा

संभल के एसपी ने बताया कि एक आशा वर्कर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से कई बैंकों के 81 पासबुक, 35 डेबिट कार्ड और 31 मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं.

गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों का कराते थे फर्जी बीमा, फिर मौत होने पर... ऐसे हुआ खुलासा
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का फर्जी बीमा कराते थे और उसकी मौत के बाद सारे पैसे हड़प लेते थे. ये गिरोह कैंसर, टीबी या दूसरी ऐसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को आशा वर्कर की मदद से खोजता था और फिर इनसे लाखों रुपये की धोखाधड़ी करता था.

ये लोग आसपास के इलाक़ों में बीमारी की वजह से आखिरी स्टेज में पहुंचे मरीज़ों की आशा वर्कर या दूसरे लोगों की मदद खोजबीन करते थे, फिर PMJJY योजना के तहत इनका दो लाख का जीवन बीमा कराया जाता था. इनके साथ ही नॉमिनी का खाता खुलवाया जाता था, फिर इनका पासबुक और डेबिट कार्ड अपने पास रखवाता जाता था. बाद में बीमा इन्वेस्टिगेशन अधिकारियों से मिलीभगत करके मौत होने के बाद पूरा पैसा निकाल लेते थे.

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इस गिरोह ने कई जानी मानी बीमा कंपनियों को भी फ़र्ज़ी मौत प्रमाण पत्र और सरकारी अस्पताल से मेडिकल प्रपत्र देकर लाखों रुपए निकाले हैं.

दिल्ली में मरने के बाद 40 लाख का बीमा

त्रिलोक कुमार नाम के एक शख़्स की मौत पिछले साल जुलाई में हो गई थी, लेकिन मृतक को जिंदा दिखाकर 3 महीने बाद बीमा कंपनियों से क़रीब 20 लाख रुपये की दो पॉलिसी कराई गई. फिर दिसंबर महीने में हार्ट अटैक दिखाकर मौत का सार्टिफिकेट बनवाकर बीमा का पैसा निकाल लिया गया.

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संभल के एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि एक आशा वर्कर समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से कई बैंकों के 81 पासबुक, 35 डेबिट कार्ड और 31 मृत्यु प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं. ये ऐसे कई परिवारों से सरकारी योजना का लाभ पहुंचाने के एवज़ में ज़रूरी दस्तावेज ले लेते थे, फिर मौत का फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र बनवाकर रकम ऐंठ लेते थे.

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