कमला मार्केट पुलिस की गिरफ्त में लड़की को बेचने की कोशिश करने वाले आरोपी.
नई दिल्ली:
दिल्ली के कमला मार्केट थाने के एसएचओ सुनील कुमार की समझदारी से एक लड़की की जिंदगी बर्बाद होने से बच गई. उनकी कोशिश से बिहार की एक लड़की जिस्मफरोशी की अंधेरी गलियों में जाने से बच गई.
बिहार के रहने वाले अमर और रंजीत ने इंटरनेट पर जीबी रोड के कोठों के वीडियो देखे थे. उन्हीं वीडियो में एक कोठे के अंदर बोर्ड पर लिखा मोबाइल नंबर नजर आया. दोनों को लगा कि ये कोठे वालों का नंबर है. दोनों उस पर कॉल करके लड़की बेचने की डील करने लगे. दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट एसएचओ का सरकारी मोबाइल नंबर कोठों के अंदर दीवारों पर लिखवा रखा है. नंबर इस मकसद से लिखे गए हैं कि कोठों पर कुछ भी गलत होने पर विक्टिम सीधे एसएचओ से संपर्क कर सके. लेकिन बिहार के इन दोनों आरोपियों को ये नहीं मालूम था कि वे खुद ही जाल में फंसने वाले हैं.
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जब आरोपियों का कई बार फोन आया तो एसएचओ सुनील कुमार ने खुद कोठा मालिक बनकर डील कर ली. दो सिपाहियों को सादे कपड़ों में खरीदार बनाकर भेजा गया. खरीद-फरोख्त की फाइनल रकम तय हुई और 20 हजार रुपये एडवांस दिए गए. जैसे ही आरोपी लड़की को खरीदारों के सामने लाए, पुलिस टीम ने दोनों को अरेस्ट कर लिया. लड़की को सेफ कस्टडी में ले लिया.
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पूछताछ में पुलिस को पता चला कि दोनों आरोपी बिहार से लड़की को बहलाकर यहां पर लाए थे. पुलिस के मुताबिक अमर शादीशुदा है और जल्द पैसा कमाने के लालच में इसने नाबालिग लड़की को अपने जाल में फंसाया. उसने अपने साथी रंजीत के साथ उसे जीबी रोड पर बेचने की साजिश रच डाली.
VIDEO : जीबी रोड सेक्स रैकेट का सरगना गिरफ्तार
आरोपियों के पहले फोन पर ही सुनील कुमार का माथा ठनक गया था, इसलिए वे कोठा मालिक बनकर ही बात करते रहे. दो लाख 30 हजार में लड़कियों का सौदा तय किया गया, 20 हजार एडवांस दिए गए और जैसे ही यह दोनों लड़की को लेकर आए पुलिस ने उन्हें धरदबोचा. फिलहाल दोनों आरोपी एक दिन की रिमांड पर हैं और लड़की को शेल्टर होम में रखा गया है.
बिहार के रहने वाले अमर और रंजीत ने इंटरनेट पर जीबी रोड के कोठों के वीडियो देखे थे. उन्हीं वीडियो में एक कोठे के अंदर बोर्ड पर लिखा मोबाइल नंबर नजर आया. दोनों को लगा कि ये कोठे वालों का नंबर है. दोनों उस पर कॉल करके लड़की बेचने की डील करने लगे. दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट एसएचओ का सरकारी मोबाइल नंबर कोठों के अंदर दीवारों पर लिखवा रखा है. नंबर इस मकसद से लिखे गए हैं कि कोठों पर कुछ भी गलत होने पर विक्टिम सीधे एसएचओ से संपर्क कर सके. लेकिन बिहार के इन दोनों आरोपियों को ये नहीं मालूम था कि वे खुद ही जाल में फंसने वाले हैं.
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आरोपियों के पहले फोन पर ही सुनील कुमार का माथा ठनक गया था, इसलिए वे कोठा मालिक बनकर ही बात करते रहे. दो लाख 30 हजार में लड़कियों का सौदा तय किया गया, 20 हजार एडवांस दिए गए और जैसे ही यह दोनों लड़की को लेकर आए पुलिस ने उन्हें धरदबोचा. फिलहाल दोनों आरोपी एक दिन की रिमांड पर हैं और लड़की को शेल्टर होम में रखा गया है.
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