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मम्मी, भाई मुझे माफ करना...संभाजीनगर में फार्मेसी स्टूडेंट ने सुसाइड नोट लिखकर की खुदकुशी

फार्मास्युटिकल साइंस की छात्रा एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी में काम करती थी. आत्महत्या करने से पहले अपनी मां और भाई को मृतका ने भावुक संदेश लिखे थे.

मम्मी, भाई मुझे माफ करना...संभाजीनगर में फार्मेसी स्टूडेंट ने सुसाइड नोट लिखकर की खुदकुशी
  • संभाजीनगर की अविष्कार कॉलोनी में 22 वर्षीय निकिता पवार ने फांसी लगाकर आत्महत्या की
  • निकिता फार्मास्युटिकल साइंस की छात्रा थी और एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी में नौकरी कर रही थी
  • आत्महत्या से पहले निकिता ने अपनी मां और भाई को भावुक सुसाइड नोट में माफ़ी मांगी थी
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मुंबई:

 'मम्मी, भाई, दादा-दादी , मुझे माफ़ कर दो'... सुसाइड नोट लिखने के बाद छत्रपति संभाजीनगर में 22 वर्षीय युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. यह खुदकुशी का मामला महाराष्ट्र के संभाजीनगर की अविष्कार कॉलोनी से सामने आया है. मृतक लड़की का नाम निकिता रवींद्र पवार है. बताया जा रहा है कि वो फार्मास्युटिकल साइंस की छात्रा थी और एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी में काम करती थी. आत्महत्या करने से पहले अपनी मां और भाई को मृतका ने भावुक संदेश लिखे थे.

खाने के लिए बुलाया पर नहीं मिला जवाब

मूल रूप से राहुरी तालुका की रहने वाली निकिता बी. फार्मेसी में स्नातक थी, कुछ महीने पहले ही उसने वालुज औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक दवा कंपनी में नौकरी शुरू की थी. वह दो दोस्तों के साथ आविष्कार कॉलोनी में रहती थी. रविवार को उसकी सहेलियां घर चली गई थीं, उस दिन निकिता काम पर नहीं गई थी. रात करीब 10 बजे, उसके अन्य दोस्तों ने उसे खाने के लिए बुलाया, और कोई जवाब न मिलने पर, उन्होंने खिड़की से देखा तो वह फंदे से लटकी हुई थी. 

मैं जीने से थक गई, मुझे माफ करना

सूचना मिलने पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस को निकिता द्वारा उसकी मौत से पहले लिखा गया एक नोट मिला है, इसमें उसने अपनी मां और भाई से माफ़ी मांगी है और अपने भाई से मां का ख्याल रखने को कहा है.  उसने लिखा है, "पिताजी भी मुझे छोड़कर चले गए हैं, मैं जीने से थक गई हूं, मुझे माफ़ कर देना”. हालांकि, पुलिस ने कहा कि नोट में उसकी आत्महत्या का सही कारण नहीं लिखा है. 

हेल्पलाइन
वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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