
- राजस्थान के गरबा पंडालों में पहचान पत्र के बिना प्रवेश पर सख्त पाबंदी लागू की गई है
- बांसवाड़ा में 16 वर्षीय लड़के ने फर्जी नाम और पहचान पत्र दिखाकर 17 वर्षीय लड़की का पीछा किया
- आरोपी ने कोचिंग में अपनी पहचान बदलकर लड़की से दोस्ती की और बाद में उसे ब्लैकमेल किया
राजस्थान में गरबा पंडाल समितियों के बिना पहचान पत्र के प्रवेश नहीं दिए नहीं जाने की खबर सुर्खियों में है. इस बीच बांसवाड़ा के अंबा माता मंदिर के पास गरबा पंडाल से फर्जी नाम और पहचान पत्र का इस्तेमाल कर 17 वर्षीय लड़की का पीछा करने का मामला सामने आया है. पंडाल में मौजूद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को लड़के पर शक हुआ और पूछताछ में उसने खुद को आरव त्रिवेदी बताकर पहचान पत्र दिखाया. पहचान पत्र की जांच में पाया गया कि यह फर्जी था और असली पहचान सामने आई कि आरोपी की उम्र 16 साल है और मुस्लिम समुदाय से है.
नाम बदल की लड़की से दोस्ती
पीड़िता की मां के अनुसार आरोपी ने कोचिंग के दौरान अपनी पहचान आरव त्रिवेदी बताकर लड़की से दोस्ती की और चैट के दौरान आपत्तिजनक सामग्री जुटाई. बाद में वह उसे ब्लैकमेल करने लगा. शनिवार रात करीब 11:30 बजे जब लड़की गरबा पंडाल में थी तो आरोपी ने उसका मोबाइल, गाड़ी की चाबी और हेयर क्लिप छीनकर आधे घंटे तक साथ चलने का दबाव बनाया. लड़की ने मना किया तो विवाद हुआ. आसपास मौजूद लोगों ने लड़के से पूछताछ की, जिससे उसकी वास्तविक पहचान सामने आई.
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में लिया. बांसवाड़ा के उपाधीक्षक गोपी चंद मीणा ने बताया कि पीड़िता की मां की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और कानूनी कार्रवाई जारी है. इसी तरह बारां जिले में नवरात्रा के दौरान गरबा पंडाल को लेकर विवाद भी बढ़ गया. आयोजकों ने गैर-हिंदुओं को प्रवेश न देने का फैसला किया, ताकि माहौल बिगड़ने से रोका जा सके. हिन्दू अखाड़ा समिति ने कहा कि गरबा आयोजन केवल हिंदुओं की आस्था और परंपरा से जुड़ा है और किसी अन्य समुदाय का अनधिकृत प्रवेश आस्था पर चोट होगा. समिति ने पुलिस प्रशासन से भी कड़ी निगरानी और सख्त हिदायत की मांग की है.
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