विज्ञापन

ना का मतलब सिर्फ ना... शशि शरूर ने 'वैवाहिक बलात्कार' को क्राइम बताने वाला विधेयक किया पेश

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हर महिला को विवाह संबंध के दायरे में शारीरिक स्वायत्तता और गरिमा का मौलिक अधिकार मिलना चाहिए. अब कार्रवाई का समय आ गया है.

ना का मतलब सिर्फ ना... शशि शरूर ने 'वैवाहिक बलात्कार' को क्राइम बताने वाला विधेयक किया पेश
शशि थरूर ने लोकसभा में पेश किया प्राइवेट बिल
  • शशि थरूर ने लोकसभा में वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में शामिल करने का निजी विधेयक पेश किया.
  • थरूर ने कहा कि विवाह महिला की सहमति के अधिकार का हनन नहीं कर सकता और इसका सम्मान जरूरी है.
  • उन्होंने जोर देकर कहा कि जबरन शारीरिक संबंध बनाना महिला की स्वायत्तता का उल्लंघन है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में शामिल करने के प्रस्ताव वाला एक निजी विधेयक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को अपने संवैधानिक मूल्यों को कायम रखना चाहिए. उन्होंने पत्नी से जबरन शारीरिक संबंध बनाने को मर्दों की क्रूरता करार दिया.

ये भी पढ़ें- राष्ट्रपति भवन में पुतिन के लिए आयोजित डिनर में क्या कुछ हुआ, शशि थरूर ने बताया

वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में डालने की जरूरत

थरूर ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में डालने की तत्काल जरूरत है. उन्होंने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में संशोधन के लिए निजी विधेयक पेश करते हुए कहा कि भारत को अपने संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए और 'ना का मतलब ना' से 'सिर्फ़ हां का मतलब हां' होने की ओर बढ़ना चाहिए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विवाह महिला के सहमति देने या अस्वीकार करने के अधिकार का हनन नहीं कर सकता.

यह  महिला की स्वायत्तता का अनादर

कांग्रेस सांसद ने कहा कि हर महिला को विवाह संबंध के दायरे में शारीरिक स्वायत्तता और गरिमा का मौलिक अधिकार मिलना चाहिए. अब कार्रवाई का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि अगर पति पत्नी को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करता है तो यह  महिला की स्वायत्तता का अनादर है. यह नियंत्रण और लिंग-आधारित हिंसा की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला है. 

शशि थरूर ने दो अन्य गैर सरकारी विधेयक भी किए पेश

इसके साथ ही शशि थरूर ने दो अन्य गैर सरकारी विधेयक भी पेश किए जो व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, 2020 में संशोधन तथा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुनर्गठन की सिफारिश केंद्र को करने के लिए राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुनर्गठन आयोग की स्थापना से संबंधित हैं.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com