मध्य प्रदेश के सतना जिले में ग्राम सभा के दौरान दलित महिला सरपंच को दबंगों ने लाठियों से पीटा. बीच बचाव करने आये दलितों की भी लात-जूतों से पिटाई की गई. खबर के अनुसार ग्राम सभा के दौरान गांव के दबंग चंद्रप्रकाश उर्फ छोटू पटेल ने अपने साथियों के साथ मिलकर नवनिर्वाचित सरपंच ललिता बौद्ध के साथ मारपीट की. मामला ग्राम जरियारी का है, जहां पर शासन के निर्देशों के तहत ग्राम सभा का आयोजन चल रहा है, तभी गांव के दबंग ग्राम सभा में पहुंचे और विवाद शुरू कर दिया. नवनिर्वाचित महिला सरपंच और ग्राम सभा में मौजूद अन्य लोगों की मारपीट करने लगे.
पुलिस ने महिला सरपंच से मारपीट में शामिल चारों गिरफ्तार आरोपियों पर अलग से धारा 151 लगा सिटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. वहां से आरोपी जमानत पर छूट गए. लेकिन पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो गए. दरअसल, पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने अन्य आरोपियों का नाम FIR में न तो शामिल किया न ही उनको गिरफ्तार किया है.
महिला सरपंच ललिता बौद्ध ने कहा कि ग्राम सभा हो रही थी, इन्होंने होने नहीं दी. बात नहीं मानने पर मारपीट शुरू कर दी.
वहीं, नादान देहात थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर चार लोगों को हिरासत में लिया. पुलिस का कहना है कि घटनाक्रम के अनुसार सभी धाराएं लगाई गई है. घर मे घुस कर मारपीट, सरकारी काम मे बाधा, गाली-गलौज सहित एससी-एसटी एक्ट भी लगाया गया है. लेकिन इनमें 7 साल से ज्यादा की सजा नहीं हैं. लिहाजा न्यायालय के निर्देशानुसार आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती थी. इसके बाद भी आरोपी की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए 151 लगाया गया.
सूत्र के मुताबिक, सत्ता का दबाव ज्यादा था, आरोपी सत्ताधारी के सामाजिक संगठन का पदाधिकारी भी है. इसलिए दलित महिला के साथ मारपीट करने और अपमानित करने वाले को सहूलियत देने में ताकत झोंकी गई. इधर इस मामले में पुलिस की अपनी अलग सफाई है.
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