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झारखंड : रांची में तीन दिन में तीन हत्याएं; अपराधियों ने नेता, वकील और पुलिस अधिकारी की जान ली

अधिवक्ता गोपाल कृष्ण की दिनदहाड़े बीच सड़क पर चाकू से गोदकर हत्या हुई. इसके खिलाफ रांची के वकील कर रहे आंदोलन

झारखंड : रांची में तीन दिन में तीन हत्याएं; अपराधियों ने नेता, वकील और पुलिस अधिकारी की जान ली
प्रतीकात्मक तस्वीर.
रांची:

Ranchi crime: झारखंड की राजधानी रांची में बीते 48 घंटे में हुई तीन बड़ी आपराधिक घटनाओं ने जिले की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. बढ़ती आपराधिक घटनाओं को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि शहर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और अब लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. गुरुवार की शाम को एक नेता को अपराधियों ने गोली मार दी थी. इसके बाद शुक्रवार को दिनदहाड़े एक वकील की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. रांची पुलिस इन दोनों मामलों में कोई गिरफ्तारी भी नहीं कर पाई थी कि अपराधियों ने स्पेशल ब्रांच के एक दरोगा की ही गोली मारकर हत्या कर दी.

कुछ दिन पहले अपराधियों की फायरिंग से बुरी तरह जख्मी हुए रांची नगर निगम के पूर्व पार्षद वेद प्रकाश की शनिवार को दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई. रांची के सुखदेव नगर थाना क्षेत्र में अधिवक्ता गोपाल कृष्ण की शुक्रवार को दिनदहाड़े बीच सड़क पर चाकू से गोदकर हत्या हुई. इसके खिलाफ रांची के अधिवक्ता कार्य बहिष्कार आंदोलन कर रहे हैं. 

हत्या के विरोध में वकीलों ने काम बंद किया

रांची सिविल कोर्ट के तमाम अधिवक्ताओं ने शनिवार को दूसरे दिन भी खुद को न्यायिक कार्यों से अलग रखा. झारखंड स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन राजेंद्र कृष्ण ने इस हत्याकांड में शामिल अपराधियों की अविलंब गिरफ्तारी, मृतक अधिवक्ता के आश्रितों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने और इस मामले में सीधे सीएम और हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस से हस्तक्षेप करने की मांग की है. झारखंड के एडवोकेट जनरल राजीव रंजन ने भी इस घटना को लेकर राज्य के डीजीपी को पत्र लिखा है और उन्हें कार्रवाई करने को कहा है. 

इन घटनाओं को लेकर जहां शहर के लोगों में गुस्सा है, वहीं विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं. झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को अपराधियों की गोली से मारे गए सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप के परिजनों से मुलाकात की. उन्होंने कहा है कि प्रदेश की सड़कें खून से लाल हो रही हैं. चारों तरफ भय और असुरक्षा का माहौल है, लेकिन हेमंत सरकार अपराध को रोकने के लिए कोई भी कदम नहीं उठा रही है.

रांची में पिछले कुछ दिनों में हुईं प्रमुख आपराधिक घटनाएं

23 मार्च को रांची में खरीदारी कर रहे युवक की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या.
27 मई को रांची के एक बार में सरेआम डीजे की गोली मारकर हत्या.
7 जुलाई को धुर्वा में पूर्व पार्षद की गोली मारकर हत्या.
14 जुलाई को रांची के मोरहाबादी में फास्ट फूड खाने के बाद एक व्यक्ति ने पैसा नहीं दिया तो होटल कर्मी ने गला काटकर हत्या कर दी.
19 जुलाई को रांची के हरमू में एक बैंक कर्मी की देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई.
1 अगस्त को कांके रोड में राजेश मुंडा नाम के युवक को गोली मारी.
2 अगस्त को रांची में अधिवक्ता की चाकू मारकर हत्या.
3 अगस्त स्पेशल ब्रांच के दरोगा की गोली मारकर हत्या.

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