
- हापुड़ में शख्स ने पिता, मां और पत्नी की मौत को सड़क दुर्घटना दिखाकर करोड़ों रुपये का बीमा क्लेम किया
- मृतक के नाम पर करीब 39 करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसियां थीं जबकि उनकी वार्षिक आय केवल पंद्रह लाख के आसपास थी
- जांच में पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल रिकॉर्ड में दुर्घटना की चोटों से संबंधित गड़बड़झाली और असंगतियां
उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न रिश्तों की गरिमा बल्कि इंसानियत को भी ताक पर रख दिया है. दरअसल हुआ ये कि यहां एक बेटे ने अपने माता-पिता और पत्नी की मौत को सड़क दुर्घटना में तब्दील कर बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपये का बीमा क्लेम किया है. अब नीवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने इस पूरे मामले को एक सुनियोजित साजिश बताते हुए हापुड़ नगर कोतवाली में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है.
बीमा क्लेम की चौंकाने वाली कहानी
हापुड़ निवासी मृतक मुकेश सिंघल के नाम पर कई बीमा कंपनियों की पॉलिसियां थीं. जिनमें नीवा बुपा, टाटा एआईजी, मैक्स लाइफ, टाटा एआईए, आदित्य बिड़ला, एचडीएफसी एर्गो आदि शामिल हैं. उनकी घोषित वार्षिक आय मात्र 12 से 15 लाख रुपये थी, लेकिन उनके नाम पर कुल बीमा राशि करीब 39 करोड़ रुपये थी. इन सभी पॉलिसियों में नामांकित व्यक्ति उनके पुत्र विशाल कुमार थे, जिन्होंने पिता की मौत के बाद बीमा क्लेम कर लिया.
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कैसे सामने आया गड़बड़झाला
बीमा कंपनी की जांच में सामने आया कि मुकेश सिंघल की मौत को सड़क दुर्घटना बताया गया, लेकिन मेडिकल रिकॉर्ड और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मेल नहीं खा रही थी. 27 मार्च 2024 को मुकेश को गढ़ गंगा से लौटते समय दुर्घटना में घायल बताकर अस्पताल में भर्ती कराया गया, वहीं मेरठ के नवजीवन अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार दुर्घटना रात में हुई थी. बाद में उनकी मौत आनंद अस्पताल, मेरठ में दिखाई गई. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्ज चोटें और दुर्घटना की बताई गई चोटें मेल नहीं खा रही थीं.
मां और पत्नी की मौत भी संदेह के घेरे में
बीमा कंपनी ने विशाल कुमार पर पहले भी इसी तरह की साजिश रचने का आरोप लगाया है. 21 जून 2017 को विशाल की मां प्रभा देवी की पिलखुवा में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. उस समय प्रभा देवी विशाल के साथ बाइक पर थीं. एक अज्ञात वाहन से टक्कर दिखाकर उन्हें सरस्वती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. इस मामले में विशाल को करीब 80 लाख रुपये का बीमा क्लेम मिला था. वहीं, पत्नी की मौत के बाद भी विशाल को 30 लाख रुपये की बीमा राशि मिली थी.
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मृतक के पुत्र विशाल द्वारा सड़क दुर्घटना की बताई गई चोटें और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की चोटें मेल नहीं खाती हैं. बीमा क्लेम की इतनी बड़ी राशि, घोषित आय में भारी अंतर, हत्या की साजिश और धोखाधड़ी की ओर इशारा करता है.
पुलिस जांच में खुलासा, एक करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके
जब इस मामले में जांच आगे बढ़ी तो पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि विशाल को अब तक विभिन्न कंपनियों से करीब एक करोड़ रुपये का बीमा क्लेम मिल चुका है. अपर पुलिस अधीक्षक विनीत भटनागर ने बताया कि मृतक के नाम पर लगभग 40 करोड़ रुपये की बीमा पॉलिसी थी, जबकि उनकी आय इससे काफी कम थी. जांच में यह भी संदेह जताया गया कि दुर्घटनाएं जानबूझकर कराई गईं या फिर हत्या को दुर्घटना का रूप दिया गया.
बीमा कंपनियों ने लगाया क्या आरोप
बीमा कंपनियों ने आरोप लगाया है कि विशाल ने अपने पिता के नाम पर पॉलिसी लेने के लिए फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल किया. इस मामले में पहले दर्ज फाइनल रिपोर्ट को रद्द कर पुनः विवेचना कराने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया गया है. पुलिस ने विशाल कुमार और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बीमा कंपनियों का आरोप है कि विशाल ने मां, पत्नी और पिता की हत्या कर उन्हें सड़क दुर्घटना में तब्दील कर बीमा क्लेम किया. यह मामला अब फाइनेंशियल फ्रॉड, हत्या की साजिश और बीमा धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के तहत जांच के दायरे में है.
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