- बॉलीवुड निर्देशक विक्रम भट्ट 30 करोड़ रुपये के ठगी मामले में मुंबई से गिरफ्तार
- शिकायतकर्ता ने विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी सहित छह अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR दर्ज कराई है
- डॉ. मुर्डिया ने फिल्म प्रोजेक्ट में 30 करोड़ से अधिक निवेश किया था, लेकिन परियोजना को बीच में रोक दिया गया था
बॉलीवुड फिल्मों के मशहूर निर्देशक विक्रम भट्ट को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अब खबर आ रही है कि पुलिस उन्हें उदयपुर ला सकती है. करीब एक हफ्ता पहले भट्ट के खिलाफ लुक-आउट नोटिस जारी हुआ था. दरअसल उन पर पुलिस की ये कार्रवाई लगभग 30 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी मामले में की जा रही है. ठगी मामले में फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट को मुंबई के यारी रोड इलाके से पकड़ा गया. यह मामला राजस्थान के भीलवाड़ा से जुड़ा है.
डॉक्टर की शिकायत पर एक्शन
डॉ. अजय मुर्डिया, जो इंडिरा IVF के संस्थापक और जाने-माने डॉक्टर हैं. उन्होंने भूपालपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. इस शिकायत में विक्रम भट्ट की पत्नी श्वेतांबरी समेत कुल छह लोगों के नाम भी शामिल हैं. एफआईआर के अनुसार, डॉ. मुर्डिया को एक फिल्म प्रोजेक्ट में निवेश करने के लिए तैयार किया गया, जिससे करीब 200 करोड़ रुपये तक कमाई होने की बात कही गई. लेकिन शिकायतकर्ता का आरोप है कि उन्होंने 30 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेश करने के बाद भी परियोजना को बीच में ही रोक दिया गया और कोई काम आगे नहीं बढ़ा.
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आखिर क्या है मामला
विक्रम, उनकी पत्नी श्वेतांबरी और छह अन्य पर ‘इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज' के संस्थापक और उदयपुर निवासी डॉ. अजय मुर्डिया से 30 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. इंदिरा आईवीएफ अस्पताल के मालिक मुर्डिया अपनी दिवंगत पत्नी पर बायोपिक बनाना चाहते थे. मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि उनसे 200 करोड़ रुपये की कमाई का वादा किया गया था, लेकिन किसी तरह का काम नहीं किया गया. इसके बाद मुर्डिया ने उदयपुर के भोपालपुरा पुलिस थाने का रुख किया, जहां धोखाधड़ी और अन्य अपराधों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.
ठगी से जुड़ा मामला
बाद में शाम को उदयपुर पुलिस ने विक्रम और उनकी पत्नी की नौ दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड हासिल कर ली. दंपति के वकीलों राकेश सिंह और संजय सिंह ने दावा किया कि राजस्थान पुलिस ने बिना उचित अनुमति के दोनों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया है. उन्होंने दावा किया कि दंपति को धमकाया गया और बिना तारीख व समय वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया. मुर्डिया ने आरोप लगाया है कि विक्रम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फिल्म निर्माण से भारी मुनाफे का प्रलोभन और झूठा आश्वासन देकर उन्हें धोखा दिया.
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पुलिस ने क्या बताया
पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि डॉ. मुर्डिया को आरोपी से एक परिचित ने मिलवाया था और उनकी दिवंगत पत्नी के जीवन पर फिल्म बनाने का प्रस्ताव दिया था. दंपति के वकीलों ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी के कारणों के बारे में आरोपियों को ठीक से नहीं बताया गया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें बिना तारीख और समय वाले दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया. बचाव पक्ष ने दावा किया कि पुलिस ने धमकी दी थी कि अगर उन्होंने उनकी इच्छा के अनुसार दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए तो वे राजस्थान में उन्हें प्रताड़ित करेंगे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने नौ दिसंबर तक ट्रांजिट रिमांड की अनुमति दे दी.
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