दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कनाडा से टेरर गैंग चलाने वाले अर्शदीप डल्ला के दो शूटर गिरफ्तार किए हैं. दोनों ने हाल ही में भटिंडा के एक कारोबारी अंकित गोयल के आवास पर 1 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी और फायरिंग की थी. दोनों को तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना द्वारा दिल्ली भेजा गया था, जो वर्तमान में पंजाब के फिरोजपुर जेल में बंद है. अर्शदीप दल्ला के निर्देश पर वो दिल्ली में 5 करोड़ की रंगदारी के एक शिकायतकर्ता की हत्या करने के लिए आए थे.
स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक पिछले कुछ महीनों से सूचना मिल रही थी कि कनाडा, ब्रिटेन स्थित आतंकी संगठन से जुड़े अर्शदीप डल्ला के कहने पर पंजाब की फिरोजपुर जेल में बंद गैंगस्टर तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना पंजाब की दूसरी जेलों में बन्द अपने सहयोगियों के माध्यम से अपने शूटरों को दिल्ली भेजने जा रहा है और अपने हैंडलर तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना के जरिए कोई बड़ी वारदात करने वाला है.
डीसीपी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक, 22 सितंबर 2022 को विशेष सूचना प्राप्त हुई कि दो शूटर दिल्ली आ रहे हैं और दिल्ली में कुछ अपराध को अंजाम देने के लिए मुकरबा चौक फ्लाईओवर के पास अपने दिल्ली स्थित संपर्क से मिलेंगे. इसके बाद मुकरबा चौक फ्लाईओवर के पास एक जाल बिछाया गया. कुछ देर बाद दोनों संदिग्धों को देखा गया और हाथापाई के बाद उन्हें पकड़ लिया गया. और उनके कब्जे से दो सेमी-ऑटोमैटिक लोडेड पिस्टल और 9 कारतूस बरामद किए गए. पूछताछ के दौरान उनकी पहचान गुरुदासपुर निवासी रविंदर सिंह और नवदीप सिंह के रूप में हुई.
पूछताछ के दौरान आरोपी रविंदर उर्फ अब्बी ने खुलासा किया कि वो 12वीं पास नहीं कर पाया. इसके बाद वो गुजरात और बाद में मध्य प्रदेश जाकर इंदौर में एक पोकलेन मशीन के एक ऑपरेटर के रूप में काम करने लगा. मध्य प्रदेश से लौटने के बाद उसने पंजाब में यह काम जारी रखा. उसी दौरान वह फिरोजपुर जेल में बंद तरनजोत उर्फ तन्ना के संपर्क में आया. तन्ना ने उसे अपने सेंधवा स्थित संपर्कों से भारी मात्रा में हथियारों की तस्करी का काम सौंपा.
ज्यादा पैसा और अपराध की दुनिया में नाम कमाने के लिए उसने एमपी के हथियार सप्लायरों से हथियारों की तस्करी शुरू कर दी और उसे तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना के पंजाब स्थित संपर्कों को सौंप दिया. अगस्त 2021 में, जब वह मध्य प्रदेश के बड़वानी क्षेत्र से हथियारों को ले जा रहा था ,उसी समय उसे अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया और नवंबर 2021 के मध्य तक वो सेंधवा जेल में रहा, जमानत पर बाहर आने के बाद वह पंजाब लौट आया और तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना के माध्यम से अमनदीप उर्फ मंत्री के संपर्क में आया. थोड़े समय के बाद, अमनदीप उर्फ मंत्री को पंजाब के त्रिवेणी द्वार पठानकोट कैंट में ग्रेनेड विस्फोट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. बाद में रविंदर उर्फ अब्बी तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना के जरिए नवदीप सिंह उर्फ नवी के संपर्क में आया.
पूछताछ के दौरान आरोपी नवदीप सिंह उर्फ नवी ने खुलासा किया कि 2020 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद वह दुबई चला गया और वहां करीब 9 महीने तक एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम किया. दुबई से लौटने के बाद उसे नशीली दवाओं के नशे की आदत हो गई, जिसके कारण उनकी याददाश्त चली गई और उन्हें एक पुनर्वास केंद्र भेज दिया गया. उस पुनर्वास केंद्र से लौटने के बाद फरवरी-2022 में वह तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना नाम के एक बाबा प्रीत सिंह के संपर्क में आया. चूंकि वह हाई-प्रोफाइल गैंगस्टर तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना के नाम से प्रभावित था और कम समय में बहुत पैसा कमाना चाहता था, इसलिए उसने उसके निर्देश का पालन करना शुरू कर दिया और तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना के माध्यम से रविंदर सिंह उर्फ अब्बी के संपर्क में आया.
तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना के निर्देश पर उन्होंने बस स्टैंड सोनीपत, हरियाणा के पास से तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना के संपर्क में रखे दो सेमी-ऑटोमैटिक हथियारों से भरा बैग लिया. उन हथियारों का इस्तेमाल तरणजोत सिंह उर्फ तन्ना द्वारा बताए गए ठिकानों पर फायरिंग को अंजाम देने के लिए किया जाता था.
सितंबर 2022 के मध्य में, तरणजोत सिंह ने आगे रविंदर और नवदीप दोनों को भटिंडा जाने और जसविंदर सिंह उर्फ घोड़ा से मिलने के लिए कहा, इसके बाद अंकित गोयल के आवास पर गोलीबारी को अंजाम देने का काम दिया. इसके लिए हथियार तरनजोत सिंह उर्फ तन्ना ने उपलब्ध कराए थे. इसके लिए दोनों को ढाई लाख रुपये देने के लिए कहा गया था. इसके अलावा वे रविंदर और नवदीप को तरनजोत सिंह ने दिल्ली जाकर एक संपर्क से मिलने के लिए कहा था, जिससे दिल्ली में एक शख्स की हत्या की जा सके.
पूछताछ के दौरान दोनों ने कबूल किया कि वे अपने आतंकी गिरोह के लिए रंगदारी मांगने वाले वाले मॉड्यूल के लिए काम कर रहे हैं और ये अब अर्शदीप डल्ला के कहने पर कर रहे हैं जो हरदीप सिंह निज्जर (खालिस्तान टाइगर फोर्स का एक आतंकवादी) का करीबी सहयोगी है. दोनों तन्ना के जरिए दिल्ली के एक व्यापारी को मारने आये थे, इस व्यापारी से अर्शदीप डल्ला ने 5 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन व्यवसायी ने रंगदारी देने से मना कर दिया और दिल्ली में केस दर्ज करा दिया. सभी को संदेश देने और आम जनता को आतंकित करने के लिए शिकायतकर्ता की हत्या करने का निर्देश दिया गया था. इस जबरन वसूली के पैसे का इस्तेमाल आतंकवादी गिरोहों को मजबूत करने के लिए किया जाना था. इसलिए, दोनों को गैरकानूनी गतिविधियों (निवारक) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है.
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