
- चंदन मिश्रा हत्याकांड में शूटर्स ने कुल 28 गोलियां मारी थीं और हर शूटर को पांच लाख रुपये देने की डील हुई थी.
- बिहार पुलिस ने हत्याकांड में इस्तेमाल एक और बाइक को सोनपुर से बरामद किया है. यह बाइक भी चोरी की है.
- सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने नीशू खान से जेल में 3 घंटे पूछताछ की, जिसमें नीशू ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
बिहार के देश भर में चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि चंदन मिश्रा को 28 गोलियां मारी गई थी और हर शूटर को 5-5 लाख रुपये देने की डील हुई थी. साथ ही पुलिस ने इस हत्याकांड में इस्तेमाल एक और बाइक को सोनपुर से बरामद किया है. बुधवार को दानापुर पुलिस ने बाइक बरामद की थी. दोनों बाइक चोरी की हैं. एक बाइक दरभंगा से चोरी हुई थी तो दूसरी बेगूसराय से. इस चर्चित हत्याकांड का दूसरा बड़ा आरोपी तौसीफ उर्फ बादशाह के मौसेरे भाई नीशू खान से एसआईटी की टीम ने बेऊर जेल में पूछताछ की. कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पुलिस बेऊर जेल पहुंची थी. वह लकवाग्रस्त है. इसलिए पुलिस ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करना उचित नहीं समझा.
सूत्रों के अनुसार, करीब तीन घंटे तक पुलिस ने नीशू खान से बेऊर जेल में पूछताछ की गई. उसने पुलिस को बताया कि 11 जुलाई से ही सभी शूटर उसके समनपुरा स्थित घर पर पहुंचे और वहीं पर ही पूरी प्लानिंग की गई. पुलिस ने समनुपरा स्थित उसके घर पर जाकर वहां लगे सीसीटीवी कैमरे से सभी शूटरों का सीसीटीवी फुटेज भी लिया है, जिससे कोर्ट में साक्ष्य के रूप में पेश किया जा सके.
7 गिरफ्तार लेकिन बरामद हुए हथियार, ये है कारण
नीशू ने पुलिस को बताया कि चंदन की हत्या करने के बाद हथियार उसी गिरोह से जुड़े अपराधियों को दे दिए थे. हथियार लेकर जाने वाले बदमाश पटना के बाहर का रहने वाला है.
पुलिस ने तौसीफ के तीन मोबाइल बरामद किए हैं. तीनों मोबाइल तौसीफ की बहन के गयाजी स्थित घर से बरामद किए हैं. पुलिस तीनों मोबाइल की सीडीआर निकालने में जुटी है. घटना के एक सप्ताह बाद पुलिस ने तीन शूटर सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन एक भी हथियार बरामद नहीं हुआ था. पुलिस हथियार बरामद करने के लिए छापेमारी करने में जुटी है. एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि पुलिस फरार चल रहे शूटरों, साजिश करने वाले और शूटरों की मदद करने वालों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी करने में जुटी है.
तौसीफ को भेजा जाएगा बेऊर जेल
तौसीफ की रिमांड अवधि शुक्रवार को समाप्त हो गई. वह 72 घंटे के रिमांड पर आया था. पिछले तीन दिनों में करीब 28 घंटे तक उससे पूछताछ की गई. उसने पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी है. उसके बयान की पुलिस ने वीडियाग्राफी भी की है. वहीं शूटर बलवंत और रविरंजन का कड़ी सुरक्षा के बीच पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. दोनों आरा के बिहियां थाना इलाके में पुलिस की मुठभेड़ में घायल हो गए थे. वहीं से पुलिस ने अभिषेक को भी गिरफ्तार किया था. पुलिस आने वाले दिनों में बेऊर जेल में बंद नीशू के केयर टेकर हर्ष और नर्सिग स्टाफ भीम को भी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी.
हत्या के लिए हर शूटर को 5 लाख देने थी डील
तौसीफ ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने हत्या में सक्रिय भूमिका निभाई थी. जांच में सामने आया कि चंदन मिश्रा को कुल 28 गोलियां मारी गई थीं और यह फायरिंग पांच अलग-अलग शूटर्स द्वारा की गई थी. तौसीफ से पूछताछ में यह भी सामने आया कि वारदात के लिए हर शूटर को 5 लाख रुपये देने की डील हुई थी. तौसीफ खुद ऑनलाइन जुए में 20 लाख का कर्ज लेकर संघर्ष कर रहा था.
जांच में सामने आया है कि हत्या के तुरंत बाद पांचों शूटर्स अस्पताल से पैदल बाहर निकले और वहां से भाग निकले. वे अलग-अलग दिशा में गए, जिससे एक साथ ना पकड़ा जाए. फिर ये लोग फर्जी पहचान और मोबाइल बंद करके अलग-अलग शहरों में छिपे रहे. पुलिस को इनके छिपने की सूचना बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश से मिली.
अस्पताल पहले भी आता रहा था तौसीफ
इस मामले में CCTV फुटेज और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने जांच की. पारस अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ की, जिससे पता चला कि तौसीफ पहले भी अस्पताल आता था और उसे वहां की व्यवस्था की जानकारी थी. तौसीफ की पहचान होने के बाद पुलिस ने झारखंड और बंगाल में कई जगह छापेमारी की और उसके बाद कोलकाता के न्यू टाउन से गिरफ्तारी हुई. इसके बाद उसके भाई नीशू खान को भी गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद तौसीफ ने कबूल किया कि उसने खुद फायरिंग की और बाकी शूटर्स के साथ प्लानिंग भी की थी.
केस डायरी लिखने में CID टीम भी लगी
घटना के बाद पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े सारे वैज्ञानिक साक्ष्यों को जुटाने में है. रिमांड पर आए तौसीफ के बयान को भी कलमबंद किया गया है. सारे साक्ष्यों को पुलिस डायरी में लिखा जाएगा. इसके लिए सीआईडी को भी लगाया गया है. वह पटना पुलिस को डायरी लिखने में मदद कर रही है. सीआईडी को इसलिए लगाया गया है कि डायरी में कोई साक्ष्य लिखने में छूट न जाए और इससे आरोपियों को कोई लाभ न मिले. बरामद 3 मोबाइल , सिम कार्ड, दो बाइक, पारस अस्पताल का सीसीटीवी कैमरे का फुटेज, नीशू के घर का फुटेज, सड़कों पर लगे कैमरे के फुटेज, स्वीकारोक्ति बयान आदि को पुलिस ने एक-दूसरे से जोड़ लिया है. सभी आरोपियों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलाई जाएगी.
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