
- पहला मामला अबू धाबी में रामा लिंगम नटेसन की हत्या से जुड़ा है.
- दूसरा मामला बहरीन में एक ड्राइवर द्वारा उसके मालिक की हत्या का है.
- CBI ने UAE और बहरीन से कानूनी सबूत इकट्ठा कर मुकदमा शुरू किया है.
- CBI भविष्य में भी ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन देती है.
CBI ने दो अलग-अलग हत्याओं के मामलों में दो भारतीय नागरिकों के खिलाफ दिल्ली की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. ये दोनों मामले विदेशों में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन में हुए थे. दोनों देशों की ओर से भारत को अनुरोध भेजा गया था कि इन मामलों में शामिल भारतीय नागरिकों पर भारत में मुकदमा चलाया जाए. CBI ने विदेश मंत्रालय की मदद से UAE और बहरीन से कानूनी तौर पर मान्य सबूत इकट्ठा किए और फिर भारतीय कानून के तहत मुकदमा शुरू किया.
पहला मामला: अबू धाबी, UAE में हत्या
इस मामले में आरोपी है इंदर जीत सिंह, जिस पर भारतीय नागरिक रामा लिंगम नटेसन की हत्या का आरोप है. रामा लिंगम अबू धाबी में इंटरनेशनल सिम कार्ड बेचता था और इंदर जीत सिंह उससे उधार सिम कार्ड खरीदता था. धीरे-धीरे उस पर करीब 300 दिरहम (AED) की उधारी हो गई. जब रामा लिंगम ने इंदर जीत के मालिक से शिकायत की कि उसकी सैलरी से उधारी के पैसे काटे जाएं, तो इंदर जीत ने रामा लिंगम को मारने की साजिश रची.
28 अगस्त 2008 को जब रामा लिंगम अकेला मिला, तो इंदर जीत सिंह ने उस पर चाकू से हमला कर दिया. गंभीर ज़ख्मों के चलते रामा लिंगम की मौत हो गई. CBI ने इस मामले में आईपीसी 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की.
दूसरा मामला: बहरीन में हत्या
इस मामले में आरोपी है सुभाष चंद्र महला, जो बहरीन में ड्राइवर के तौर पर काम करता था. उसके और उसके मालिक के बीच झगड़ा हो गया था. 31 जनवरी 2011 को जब उसका मालिक अकेला था, तब सुभाष ने किसी भारी चीज़ से उस पर हमला किया. ज़ख्म इतने गंभीर थे कि उसकी जान चली गई.
CBI ने इस मामले में 302 (हत्या) और 404 (अवैध तरीके से संपत्ति लेना) आईपीसी के तहत केस दर्ज किया और अब चार्जशीट अदालत में पेश कर दी है
CBI भारत सरकार की ओर से वह नोडल एजेंसी है, जो विदेशों में अपराध करने वाले भारतीयों के खिलाफ भारत में स्थानीय मुकदमा चलाने का अधिकार रखती है. यह प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय समझौतों और आपसी सहयोग का हिस्सा है, ताकी दोषियों को कानून के कटघरे में लाया जा सके. CBI ने कहा है कि वह भविष्य में भी ऐसे मामलों में तेजी से कार्रवाई करती रहेगी, ताकि भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा किया जा सके.