पंजाब : जेल में हत्या का जश्न मना रहे थे गैंगस्टर, वीडियो सामने आने पर जेल अधीक्षक समेत 5 गिरफ्तार

पंजाब की तरन तारन जेल में विरोधी गिरोह के सदस्यों की हत्या का कुछ गैंगस्टर द्वारा ‘जश्न’ मनाने का एक कथित वीडियो रविवार को सामने आया था. 

पंजाब के गोइंदवाल जेल गैंगवार पर भगवंत मान सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. पंजाब पुलिस के सात जेल अधिकारियों को किया निलंबित कर दिया गया. जिनमें से पांच अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में जेल सुपरिटेंडेंट को भी हिरासत में लिया गया है. जांच के दौरान कत्ल के आरोपियों से साठगांठ और ड्यूटी में कोताही बरतने की बात सामने आई. गोइंदवाल जेल में डबल मर्डर हुआ था. जेल में दो गैंगस्टर की हत्या कर वीडियो भी बनाया गया था. इस डबल मर्डर को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े लोगों ने अंजाम दिया.

जेल में जिन दो गैंस्टर की हत्या की गई वो कभी लॉरेंस बिश्नोई के क़रीबी जग्गू भगवानपूरिया के शूटर थे. लेकिन जग्गू भगवानपूरिया की लॉरेंस गैंग से बग़ावत के बाद गोल्डी बरार और लॉरेंस के इशारे पर इन दोनों की जेल में हत्या कर दी गई. साफ़ है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या के आरोपी जेल में धड़ल्ले से मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. जेल में हुए इस डबल मर्डर के बाद सचिन भिवानी और मूसेवाला हत्याकांड के बाकी आरोपियों को दूसरी जेल में भेज दिया गया है. पंजाब की तरन तारन जेल में विरोधी गिरोह के सदस्यों की हत्या का कुछ गैंगस्टर द्वारा ‘जश्न' मनाने का एक कथित वीडियो रविवार को सामने आया था. 

पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने यहां कहा कि वीडियो वायरल होने के बाद पंजाब पुलिस ने रविवार को सात जेल अधिकारियों को निलंबित कर दिया और उनमें से पांच को लापरवाही और कैदियों के साथ साठगांठ के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने गिरफ्तार किए गए पांच अधिकारियों की पहचान जेल अधीक्षक इकबाल सिंह बराड़, अतिरिक्त जेल अधीक्षक विजय कुमार, सहायक जेल अधीक्षक हरीश कुमार, सहायक उप निरीक्षक जोगिंदर सिंह और एएसआई हरचंद सिंह के रूप में की.

तरन तारन जिले के गोइंदवाल साहिब केंद्रीय कारागार में पिछले रविवार को हत्याओं के सिलसिले में सात गैंगस्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. पिछले हफ्ते कैदियों में हुए संघर्ष में बटाला के रहने वाले मनदीप सिंह उर्फ तूफान तथा बुढलाडा निवासी मनमोहन सिंह उर्फ मोहना की मौत हो गई थी. वे मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी थे. शुरुआती जांच में पता चला कि जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों के बीच संघर्ष हुआ था. करीब एक मिनट लंबे वीडियो को जेल में बंद कथित रूप से लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों ने शूट किया है जिसमें खुद की पहचान सचिन भिवानी के तौर पर बताने वाला एक कैदी कहता है कि मृत गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया के गुर्गे हैं.

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