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This Article is From Jan 21, 2025

पहले वेबसाइट पर बुकिंग के नाम पर लेते थे एडवांस, गोवा पहुंचने पर टूरिस्ट को नहीं मिलता था कोई विला

गोवा पुलिस को हाल ही में पर्यटकों से कई शिकायतें मिलीं, जिनमें नकली विला लिस्टिंग के माध्यम से ठगी का जिक्र था. शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें बुकिंग के लिए एडवांस भुगतान करने के बाद पता चला कि जिन विला की बुकिंग की गई थी, वे असल में मौजूद ही नहीं थे.

पहले वेबसाइट पर बुकिंग के नाम पर लेते थे एडवांस, गोवा पहुंचने पर टूरिस्ट को नहीं मिलता था कोई विला

उत्तर गोवा पुलिस ने पर्यटकों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह खुद को होटल ऑपरेटर बताता था. फेमस बुकिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे Booking.com पर नकली संपत्तियां लिस्ट कर पर्यटकों को ठग रहा था. यह घोटाला 2022 से सक्रिय था और इसमें पर्यटकों से गैर-मौजूद संपत्तियों के लिए एडवांस भुगतान लिया जा रहा था. 

कैसे हुआ खुलासा?

गोवा पुलिस को हाल ही में पर्यटकों से कई शिकायतें मिलीं, जिनमें नकली विला लिस्टिंग के माध्यम से ठगी का जिक्र था. शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें बुकिंग के लिए एडवांस भुगतान करने के बाद पता चला कि जिन विला की बुकिंग की गई थी, वे असल में मौजूद ही नहीं थे. जांच में पता चला कि इस घोटाले के शिकार 500 से अधिक लोग हो चुके हैं. पुलिस अब पीड़ितों से संपर्क कर उनकी शिकायतें दर्ज कर रही है.

यह घोटाला तब सामने आया जब चंडीगढ़ निवासी पंकज धीमान ने शिकायत की कि उन्होंने Ruby Villa, Goa नामक संपत्ति को बुक करने के लिए ₹20,000 का भुगतान किया था. लेकिन जब वे मौके पर पहुंचे तो पाया कि ऐसी कोई विला मौजूद नहीं थी. इस शिकायत पर अनजुना पुलिस स्टेशन में धारा 318(4) BNS, 2023 के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

सौरभ (पुत्र रतनलाल दुसेजा), उम्र 37 वर्ष, निवासी निम्बाल कर की गोट नंबर 2, ग्वालियर सैयद अली मुख्तार, निवासी अलीना रेसिडेंसी, टोलिचौकी, हैदराबाद, मोहम्मद फिरोज, निवासी हुमायूं नगर, हैदराबाद,  मोहम्मद अज़हरुद्दीन सैफ, निवासी मुंताज मंज़िल, हैदराबाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि वे हैदराबाद में एक किराए के कमरे से यह घोटाला चला रहे थे. उन्होंने विश्वास बनाने के लिए महिला ऑपरेटरों का इस्तेमाल किया.

घोटाले का तरीका
आरोपी बुकिंग प्लेटफॉर्म्स में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर फर्जी लिस्टिंग तैयार करते थे. इसके बाद वे डिजिटल भुगतान प्रणाली के जरिए कई बैंक खातों में एडवांस पेमेंट लेते थे. उत्तर गोवा पुलिस की यह बड़ी सफलता है, जिससे न केवल पर्यटकों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ, बल्कि भविष्य में इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाने के लिए भी मार्ग प्रशस्त हुआ. पर्यटकों से अनुरोध है कि किसी भी ऑनलाइन बुकिंग से पहले सावधानी बरतें और लिस्टिंग की सत्यता की पुष्टि करें.
 

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