Chris Gayle ने ऐसा खुलासा कर चौंकाया, 'मेरे साथ IPL में अच्छा व्यवहार नहीं किया गया, मैं निराश था..'
युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने उस दौर को लेकर बात की और कहा कि, मैं टीम का कप्तान बनने वाला था, उस समय मैं वनडे टीम का उपकप्तान भी था लेकिन अचानक से उन्हें बाद में उपकप्तानी पद से हटा दिया गया सिंह ने कहा कि मुझे लगता है कि उन्होंने कोच ग्रेग चैपल के तहत भारतीय क्रिकेट में एक उथल-पुथल भरे दौर में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का पक्ष लिया था, बीसीसीआई के कुछ अधिकारी शायद नहीं चाहते थे कि वो भारत का कप्तान बने.
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाड़ी चैपल 2005 से 2007 तक भारत के कोच थे, उस दौरान उनका विवाद सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर के साथ हुआ था. बाद में, अपनी बायोपिक 'सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स' में सचिन ने कहा: 'विश्व कप से ठीक एक महीने पहले, उन्होंने बल्लेबाजी क्रम में भारी बदलाव किए, जिससे टीम में सभी प्रभावित किया, चैपल के फैसलों से खेमे में बेचैनी पैदा हो गई थी'. युवी ने ने कहा कि इस घटना में उनके रुख के कारण वह कभी भी भारतीय क्रिकेट टीम का पूर्णकालिक कप्तान नहीं बन पाए. IPL बीच में ही छोड़ शिमरॉन हेटमायर लौटे अपने देश, राजस्थान रॉयल्स ने किया कंफर्म
युवराज सिंह ने इंटरव्यू में कहा, 'मुझे कप्तान बनना था, फिर ग्रेग चैपल की घटना घटी. उस समय का माहौल चैपल या सचिन में बंट गया था, मैं शायद एकमात्र खिलाड़ी था जिसने सचिन का समर्थन किया होगा. बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों को यह पसंद नहीं आया. मैंने उस समय सुना था कि किसी को भी कप्तान बना दिया जाए लेकिन युवराज को नहीं. मुझे यकीन नहीं है कि यह कितना सच है. अचानक उप-कप्तानी से मुझे हटा दिया गया, सहवाग टीम में नहीं थे फिर माही को कप्तान बना दिया गया.'
युवी ने कहा, 'वीरू सीनियर थे लेकिन इंग्लैंड दौरे पर नहीं थे, मैं वनडे टीम का उप-कप्तान था जबकि राहुल कप्तान थे. इसलिए मुझे कप्तान बनना था. जाहिर है, यह एक ऐसा फैसला था जो मेरे खिलाफ गया लेकिन मुझे इसका कोई अफसोस नहीं है, आज भी अगर ऐसा ही होता है तो भी मैं अपनी टीम का साथ दूंगा.'
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बाद में माही ने कप्तान के तौर पर खुद को साबित किया, 'धोनी कप्तान के तौर पर काफी सफल रहे और यह अच्छा फैसला रहा, मैं बाद में काफी चोटिल होने लगा था. अगर मुझे कप्तान बनाया गया होता तो भी मुझे टीम से बाहर जाना होता. सब कुछ अच्छे के लिए होता है, मुझे वास्तव में भारत की कप्तानी न करने का अफसोस नहीं है. यह एक बहुत बड़ा सम्मान होता, लेकिन मैं हमेशा अपने टीम के खिलाड़ियों के लिए खड़ा रहूंगा."