एक समय आईपीएल में सबसे अधिक कीमत में बिके विस्फोटक बल्लेबाज युवराज सिंह की खराब फार्म के कारण आज होने वाली आईपीएल नीलामी में फ्रेंचाइजियों में उन्हें लेकर अधिक दिलचस्पी नहीं दिख रही. भारतीय टीम को 2007 में खेल के छोटे प्रारूप में चैम्पियप बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज की मौजूदा फॉर्म को टीम मालिक नजरअंदाज नहीं कर सकते. भारतीय टीम में उनकी वापसी के दरवाजे लगभग बंद हो गये हैं और आईपीएल की ज्यादातर फ्रेंचाइजियों के उनके लिए बोली लगाने की होड़ में शामिल होने की संभावना कम है. क्योंकि उनका आधार मूल्य ज्यादा है. दो बार विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे युवराज का आधार मूल्य दो करोड़ रुपये है.
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सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट में युवराज ने मात्र 96 के स्ट्राइक रेट से 216 गेंद में 208 रन बनाये हैं, जिसमें नाबाद 50 (40 गेंद), नाबाद 35 ( 35 गेंद), 8 ( 16 गेंद), 4 ( 8 गेंद), 21 ( 14 गेंद), 29 ( 25 गेंद), 40 ( 34 गेंद), 17 ( 33 गेंद) और 4 ( 11 गेंद) रन की पारियां शामिल हैं. उनके लिये इससे भी ज्यादा बुरी बात यह है कि उन्होंने ज्यादातर मौकों पर चौथे नंबर पर बल्लेबाजी की और कभी ऐसा नहीं लगा कि खेल पर उनका नियंत्रण है. पंजाब के सेमीफाइनल की दौड़ से बाहर होने का एक कारण उनकी धीमी बल्लेबाजी को भी बताया जा रहा है. इस मुद्दे पर फ्रेंचाइजी टीमें आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बोल रही हैं लेकिन यह पता चला है कि युवराज का भविष्य इस बात पर भी निर्भर करेगा कि नीलामी प्रक्रिया में उन्हें किस पूल में रखा जायेगा.
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आईपीएल से जुड़े एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा, ‘‘ इससे पहले दिल्ली डेयरडेविल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेगलुरु, सनराइजर्स हैदराबाद ने युवराज को पिछली नीलामियों में ज्यादा कीमत में खरीदने के बाद उन्हें एक सत्र के बाद टीम से मुक्त कर दिया था. क्योंकि वह अपनी कीमत के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ टीम के 14 मैचों में यह साफ नहीं है कि युवराज में इतनी क्षमता बची है कि नहीं कि वह पांच या छह मैचों के नतीजे प्रभावित कर सकते हैं. उनकी गेंदबाजी भी पहले के मुकाबले अब कहीं नहीं ठहरती और क्षेत्ररक्षण में भी गिरावट आयी है.
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अगर कोई उन्हें आधार कीमत पर भी खरीदता है तो वह खुशकिस्मत होंगे. शायद किंग्स इलेवन पंजाब उनमें दिलचस्पी ले जिसके साथ उन्होंने शुरूआती तीन सत्र खेला था.’’ युवराज के खिलाफ एक और बात यह है कि गौतम गंभीर और हरभजन सिंह की तरह वह कप्तान के तौर पर नहीं देखे जा रहे क्योंकि किसी भी फ्रेंचाइजी के लिए मैदान पर उतरने वाले 11 खिलाड़ियों में वह शामिल होंगे या नहीं यह भी तय नहीं है.
(इनपुट भाषा से)
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