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This Article is From Jun 25, 2021

WTC Final 2021: इस वजह से जडेजा को इलेवन में खिलाना फाइनल में भारत को महंगा पड़ गया, मांजरेकर बोले

WTC Final 2021: मांजरेकर ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि बल्लेबाजी के लिए जडेजा को इलेवन में खिलाना एक जुए जैसा था और यह कारगर साबित नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह सही है कि हालिया समय में जडेजा ने खेल के हर विभाग में खासा सुधार किया है, लेकिन तेज गेंदबाजों के अनुकूल हालात में जडेजा को खिलाना हैरानी भरा था.

WTC Final 2021: इस वजह से जडेजा को इलेवन में खिलाना फाइनल में भारत को महंगा पड़ गया, मांजरेकर बोले
WTC Final 2021: संजय मांजरेकर की बात में दम है
नई दिल्ली:

भारतीय पूर्व दिग्गज संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekaj) का मानना है कि न्यजीलैंड के हाथों मिली हार में भारत ने इलेवन में रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को शामिल करके गलती की. वैसे यह सही है कि  पिछले काफी समय से मांजरकेर और रवींद्र जडेजा के बीच एक शीतयुद्ध सा चल रहा है और इसकी अच्छी खासी कीमत भी मांजरेकर ने चुकायी है, लेकिन इस बार मांजरेकर की बात में दम है. इसका सबूत यह है कि पूरे मैच में जडेज को सिर्फ एक ही विकेट नसीब हुआ और उन्होंने दो पारियों में क्रमश: 15 और 16 रन बनाए. 

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मांजरेकर ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि बल्लेबाजी के लिए जडेजा को इलेवन में खिलाना एक जुए जैसा था और यह कारगर साबित नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि यह सही है कि हालिया समय में जडेजा ने खेल के हर विभाग में खासा सुधार किया है, लेकिन तेज गेंदबाजों के अनुकूल हालात में जडेजा को खिलाना हैरानी भरा था. खासकर यह देखते हुए कि मौसम पूरी तरह बदल चुका था, लेकिन भारतीय मैनेजमेंट एक दिन पहले घोषित अपनी इलेवन से जड़ रहा. 

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संजय बोले कि अगर आप देखेंगे कि मैच शुरू होने से पहले भारत कैसे आगे बढ़ा, तो पाएंगे कि उसने इलेवन में दो स्पिनर चुने. और यह समझ से परे रहा क्योंकि हालात मौसम हवादार और घटादार था. वहीं, टॉस में भी एक दिन की देरी हो गयी थी. पूर्व बल्लेबाज ने कहा कि मैनेजमेंट ने एक खिलाड़ी को उसकी बल्लेबाजी के लिए चुना और यह खिलाड़ी जडेजा. वास्तव में वह अपनी गेंदबाजी के लिए नहीं चुने गए थे. वह बैटिंग के लिए चुने गए और यह वह बात है, जिसके मैं खिलाफ हूं.

प्रसिद्ध कमेंटेटर बोले कि आपको टीम में विशेषज्ञ खिलाड़ी चुनने होते हैं. अगर उन्होंने महसूस किया कि पिच सूखी और घुमावदार थी, तो वह अश्विन और जडेजा को चुनते. तब बात समझ में आती है. लेकिन मैनेजमेंट ने जडेजा को बैटिंग के लिए खिलाया और मैं और ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि यह फैसला उलटा पड़ गया. संजय बोले कि एक अतिरिक्त बल्लेबाज को खिलाने से मदद मिल सकती थी क्योंकि मिड्ल ऑर्डर ने रन नहीं बनाए. उदाहरण के तौर पर अगर विहारी होते, तो कौन जानता है कि स्कोर 220, 225-3230 होता. 

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