जारी World Cup 2023 में पिछले तीन दिन के भीतर दो ऐसे बड़े उलटफेर देखने को मिल हैं कि करोड़ों क्रिकेटप्रेमी हैरान रह गए. रविवार को अफगानिस्तान के हाथों इंग्लैंड की 69 रन की हार की चर्चा का स्तर नीचे भी नहीं गया था कि मंगलवार को नीदरलैंड्स ने पिछले दो मैचों में अपने खेल से सभी को झकझोर देने वाले दक्षिण अफ्रीका को 38 रन से हराकर फैंस को हिलाकर रख दिया. इन उलटफेरों के बाद तरह-तरह की चर्चाएं तो हो रही रही हैं, तो वहीं जारी टूर्नामेंट भी खुलता हुआ दिख रहा है. दो राय नहीं कि इन दो बड़े उलटफेरों ने World Cup 2023 में कहीं ज्यादा रोमांच भर दिया है. बहरहाल, यह पहला मौका नहीं है, जब विश्व कप में ऐसा हुआ है. World Cup का इतिहास उलटफेरों से भरा पड़ा है. चलिए आप विश्व कप इतिहास के पांच सबसे बड़े उलटेफरों से भरा पड़ा है. बारी-बारी से 4 बड़े उलटफेरों के बारे में जान लीजिए.
साल 1983: टीम कपिल विंडीज की हैट्रिक नहीं बनने दी
किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत शुरुआती राउंड के मैच भी जीत पाएगा. फिर टीम इंडिया के खिताब जीतने की बात तो बहुत ही दूर की थी. दो बार की विश्व चैंपियन को साल 1983 विश्व कप में भारत के हाथों हार का मुंह देखना पड़ेगा. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए लंच पर 32 ओवरों में 4 विकेट पर 100 रन बनाए थे. बाद में विकेट गिरे, लेकिन आखिरी विकेट के लिए 22 रन की साझेदारी हुई और इससे भारत 183 रन बनाने में सफल रहा. भारत की पारी के बाद सभी मान चुके थे कि विश्व कप कौन जीत रहा है. लेकिन बलविंदर संधु ने ग्रीनिच को आउट कर शुरुआत दी, तो उसके विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे. कपिल देव का अपने उलट दिशा में दौड़ते हुए कैच पकड़ना सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया. विकेट गिरते रहे और विंडीज टीम 140 पर ऑलआउट हो गई.
साल 1996: केन्या ने विंडीज को चौंकाया
भारत में खेले गए विश्व कप में केन्या ने विंडीज को 73 रन से हराया, तो विंडीज में भूचाल आ गया. कप्तान ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी. पहले बैटिंग करते हुए केन्या की टीम 166 पर सिमट गई. वॉल्श और हॉर्पर ने तीन-तीन विकेट लिए. विंडीज टीम 93 पर ऑल आउट हो गई. 8 रन बनाने वाले ब्रायन लारा का विकेट रजाब अली को मिला. केवल हॉर्पर और चंद्रपाल की दहाई का आंकड़ा छू सके. कप्तान मौरिस ओडुंबे ने 15 रन देकर 3 विकेट लिए.
साल 2007: बांग्लादेश ने किया भारत का ख्वाब चूर
बांग्लादेश ने पोर्ट-ऑफ-स्पेन में भारत को पांच विकेट से हराया, तो टीम इंडिया शुरुआती राउंड से ही बाहर हो गई. सुपर सितारों सचिन, राहुल और युवराज सिंह के होने के बावजूद भारतीय टीम 191 पर ढेर हो गई. मशरफे मुर्तजा और अब्दुल रज्जाक ने बेहतरीन बॉलिंग की. इसके बाद तब 18 साल के ओपनर तमीम इकबाल ने 51 रन की बेहतरीन पारी खेलकर सभी को चौंका दिया. मुश्फिकुर रहीम और शाकिब-हल-हसन ने भी उनका साथ दिया, तो बांग्लादेश ने भारत पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की.
साल 2011: केविन ओ ब्रायन ने किया इंग्लैंड को ढेर
इस साल बेंगलुरु में आयरलैंड ने इंग्लैंड को मात दी, तो इसमें हीरो रहे शतकवीर केविन ओ ब्रॉयन. यह विश्व कप का सबसे तेज शतक रहा. इंग्लैंड ने 8 विकेट पर 327 रन बनाए. फिलहाल अफगान टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट ने 92 और इयान बेल ने 81 रन बनाए. मनी ने चार विकेट लिए. जवाब में आयरलैंड का खाता खुलने से पहले ही उसके ओपनर विलियम पोर्टरफील्ड आउट हो गए. लेकिन केविन ओ ब्रायन ने 13 चौकों और 6 छक्कों से 50 गेंदों में शतक जड़कर अंग्रेजों की आंखें खोल दीं. केविन के आउट होने के बाद मूनी के नाबाद 33 रन से आयरलैंड ने पांच गेंद बाकी रहते हैरतअंगज जीत हासिल की.
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