भारत और पाकिस्तान की टीमें अंतिम बार टी-20 वर्ल्ड कप में भिड़ीं थीं (फाइल फोटो)
कराची:
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान ने सोमवार को खुलासा किया कि भारतीय टीम के पाकिस्तान से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलने से पीसीबी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है, जो 20 करोड़ डालर का नुकसान हुआ है. शहरयार ने कहा, ‘‘मैंने हाल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की बैठक में बीसीसीआई प्रतिनिधि को सूचित किया कि भारत के हमारे साथ खेलने से इनकार करने से हमें लगभग 20 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है और यह नुकसान बढ़ रहा है क्योंकि बीसीसीआई 2015 और 2023 के बीच द्विपक्षीय सीरीज खेलने के वैधानिक करार का भी सम्मान नहीं कर रहा.’’
शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान को अब बीसीसीआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए आईसीसी के नए मसौदे संविधान की पुष्टि होने का इंतजार है जिसे अप्रैल में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.
पीसीबी अध्यक्ष ने लाहौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘नये मसौदे संविधान में विवाद समाधान समिति का प्रावधान है और संविधान को स्वीकृति मिलने के बाद हम बीसीसीआई के खिलाफ अपने मामले को पहले इस समिति के पास ले जाएंगे.’’ शहरयार ने कहा कि बीसीसीआई प्रतिनिधि ने आईसीसी बैठक में उनसे कहा कि भारतीय बोर्ड पाकिस्तान से खेलना चाहता है लेकिन सरकार की स्वीकृति लिए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता.
पीसीबी अध्यक्ष शहरयार ने कहा कि बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि सरकार से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण एमओयू को स्वीकार्य नहीं माना जा सकता. शहरयार ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि उन्हें हमारे वकीलों के अनुसार विधिक करार एमओयू पर हस्ताक्षर से पहले अपनी सरकार के बारे में सोचना चाहिए था. मैंने उनसे कहा कि भारत ने हमें दो घरेलू सीरीज से वंचित किया है जिससे जुड़ा नुकसान लगभग 20 करोड़ डॉलर है.’’ पीसीबी अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि संचालन और वित्तीय मॉडल की ‘बिग थ्री’ प्रणाली को समाप्त किए जाने के बावजूद भारत को आईसीसी के राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा.
शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘बिग थ्री’ संचालन प्रणाली को खत्म करने के कदम की अगुआई की और समर्थन में 10 मत जुटाए और भारत ने उम्मीद के मुताबिक इसका विरोध किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान को अब बीसीसीआई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने के लिए आईसीसी के नए मसौदे संविधान की पुष्टि होने का इंतजार है जिसे अप्रैल में स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.
पीसीबी अध्यक्ष ने लाहौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘नये मसौदे संविधान में विवाद समाधान समिति का प्रावधान है और संविधान को स्वीकृति मिलने के बाद हम बीसीसीआई के खिलाफ अपने मामले को पहले इस समिति के पास ले जाएंगे.’’ शहरयार ने कहा कि बीसीसीआई प्रतिनिधि ने आईसीसी बैठक में उनसे कहा कि भारतीय बोर्ड पाकिस्तान से खेलना चाहता है लेकिन सरकार की स्वीकृति लिए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता.
पीसीबी अध्यक्ष शहरयार ने कहा कि बीसीसीआई अधिकारी ने कहा कि सरकार से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण एमओयू को स्वीकार्य नहीं माना जा सकता. शहरयार ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि उन्हें हमारे वकीलों के अनुसार विधिक करार एमओयू पर हस्ताक्षर से पहले अपनी सरकार के बारे में सोचना चाहिए था. मैंने उनसे कहा कि भारत ने हमें दो घरेलू सीरीज से वंचित किया है जिससे जुड़ा नुकसान लगभग 20 करोड़ डॉलर है.’’ पीसीबी अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि संचालन और वित्तीय मॉडल की ‘बिग थ्री’ प्रणाली को समाप्त किए जाने के बावजूद भारत को आईसीसी के राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा मिलेगा.
शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान ने ‘बिग थ्री’ संचालन प्रणाली को खत्म करने के कदम की अगुआई की और समर्थन में 10 मत जुटाए और भारत ने उम्मीद के मुताबिक इसका विरोध किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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