एमएस धोनी की तरह विराट कोहली भी गेंदबाजी की समस्या से जूझ रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता वनडे में भी पिछले कई दिनों से चली आ रही दो समस्याओं का हल नहीं निकल पाया. विराट कोहली (Virat Kohli) को उम्मीद थी कि कम से कम कोलकाता (Kolkata ODI) के ईडन गार्डन (Eden Gardens) मैदान पर तो उन्हें इस समस्या से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. यह ऐसी समस्या है जिसके चलते महेंद्र धोनी कई बार आलोचना का शिकार हुए. अब विराट कोहली के लिए भी इस चुनौती से पार पाना मुश्किल साबित हो रहा है. यह समस्या इतना गंभीर रूप ले चुकी है कि अगर विराट कोहली ने जल्दी इसका हल नहीं निकाला तो इंग्लैंड में आयोजित होने वाली चैंपियंस टॉफ़ी में टीम इंडिया के लिए राह आसान नहीं होगी. इसका कारण यह है कि वहां की परिस्थितियां भारत से बिल्कुल भिन्न होंगी. ऐसे में इस बड़े टूर्नामेंट से पहले उन्हें दो बड़ी समस्याओं का हल निकालना होगा. हालांकि उनके लिए यह इतना आसान नहीं है. आइए जानते हैं कि ये दो बड़ी समस्याएं कौनसी हैं और उसका संभावित हल क्या हो सकता है.. (पढ़ें- कोलकाता वनडे : जब युवराज की छाती पर लगी गेंद, हाथ से छूटा बल्ला...कोहली ने ली चुटकी )
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में शानदार जीत दर्ज की. इस जीत का असर यह हुआ कि टीम को दो बड़ी समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं गया. हालांकि इनकी ओर थोड़ा बहुत ध्यान दिया गया लेकिन गंभीरतापूर्वक समाधान निकालने पर जोर नहीं दिया गया. ये समस्या गेंदबाजी और ओपनिंग से जुड़ी हुई है. इन दोनों क्षेत्रों में कोहली के धुरंधरों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. (विराट कोहली का अद्भुत छक्का, जिसका क्रिकेट जगत हो गया है दीवाना... Video )
तीनों मैचों में लुटाए 300 से ज्यादा रन
इंग्लैंड के खिलाफ पिछले तीनों मैचों में भारतीय गेंदबाजों ने 300 से ज्यादा रन लुटाए. पुणे वनडे में भारतीय गेंदबाजों ने 50 ओवर में 350 रन दिए. कटक वनडे में भी भारत के गेंदबाजों का प्रदर्शन बहुत सराहनीय नहीं कहा जा सकता. इस मैच में भी इंग्लैंड के बल्लेबाज 366 रन बनाने में कामयाब रहे थे. बात कोलकाता वनडे की करें तो यहां भी इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी की जमकर खबर ली और स्कोरबोर्ड पर 321 रन टांग दिए. (पढ़ें- कोलकाता में इंग्लैंड से पहली बार हारी टीम इंडिया, ये रहे भारत की हार के 5 कारण) विराट के ट्रंप कार्ड अश्विन जब भारतीय पिचों पर ही पिट गए, तो इंग्लैंड में उनके लिए मुश्किल होगी (फाइल फोटो)
कटक वनडे को छोड़ दें तो पूरी सीरीज के दौरान आर. अश्विन (Ravichandran Ashwin) विकेट के लिए तरसते रहे. हालांकि कटक में भी उन्होंने 10 ओवर में 65 रन खर्च कर डाले. इस लिहाज से इसे किफायती गेंदबाजी नहीं कहा जा सकता. पुणे वनडे में उमेश यादव (Umesh Ydava) का प्रदर्शन इतना लचर रहा कि कप्तान कोहली ने उन्हें कटक और कोलकाता मैच में अंतिम 11 में मौका तक नहीं दिया.
यॉर्कर किंग बुमराह भी नहीं चले
अपनी धारदार और यॉर्कर गेंदबाजी से विरोधी खेमे में हलचल मचाने वाले भारत के गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करने वाले जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) पूरी सीरीज के दौरान कोई खास प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं रहे. पुणे वनडे में उन्होंने 10 ओवर में 79 रन लुटाकर 2 विकेट लिए. कटक वनडे में तो बुमराह की इंग्लैंड के गेंदबाजों ने जमकर पिटाई की. इस मैच में उन्होंने 9 ओवर में 81 रन दे डाले. कोलकाता वनडे में बुमराह का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा. ईडन गार्डन्स में उन्होंने 10 ओवर में 68 रन खर्च किए और महज एक विकेट लेने में कामयाब हो सके.
सलामी बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
कोलकाता वनडे में भी भारत की सलामी जोड़ी कमाल नहीं दिखा सकी. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की जगह टीम में शामिल किए गए सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) सस्ते में आउट हो गए. रहाणे ने महज 1 रन का योगदान दे सके. भारत को पहला झटका 13 रन पर ही लग गया. यह इस सीरीज में तीसरा मौका है जब भारत की सलामी जोड़ी ठोस शुरुआत देने में नाकाम रही और 15 रन के भीतर टूट गई.
इससे पहले पुणे वनडे में भी भारत की भारतीय ओपनर केवल 13 रन ही जोड़ सके थे. उस मैच में शिखर धवन केवल 1 रन ही बना सके. लोकेश राहुल (Lokesh Rahul) ने 8 रन बनाए थे. अगर कटक वनडे की बात करें तो वहां भी शिखर धवन और लोकेश राहुल ने भारीय पारी की शुरुआत की लेकिन 14 रन के स्कोर पर लोकेश राहुल आउट हो गए. उन्होंने केवल 5 रन बनाए.
टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में शानदार जीत दर्ज की. इस जीत का असर यह हुआ कि टीम को दो बड़ी समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं गया. हालांकि इनकी ओर थोड़ा बहुत ध्यान दिया गया लेकिन गंभीरतापूर्वक समाधान निकालने पर जोर नहीं दिया गया. ये समस्या गेंदबाजी और ओपनिंग से जुड़ी हुई है. इन दोनों क्षेत्रों में कोहली के धुरंधरों का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. (विराट कोहली का अद्भुत छक्का, जिसका क्रिकेट जगत हो गया है दीवाना... Video )
तीनों मैचों में लुटाए 300 से ज्यादा रन
इंग्लैंड के खिलाफ पिछले तीनों मैचों में भारतीय गेंदबाजों ने 300 से ज्यादा रन लुटाए. पुणे वनडे में भारतीय गेंदबाजों ने 50 ओवर में 350 रन दिए. कटक वनडे में भी भारत के गेंदबाजों का प्रदर्शन बहुत सराहनीय नहीं कहा जा सकता. इस मैच में भी इंग्लैंड के बल्लेबाज 366 रन बनाने में कामयाब रहे थे. बात कोलकाता वनडे की करें तो यहां भी इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजी की जमकर खबर ली और स्कोरबोर्ड पर 321 रन टांग दिए. (पढ़ें- कोलकाता में इंग्लैंड से पहली बार हारी टीम इंडिया, ये रहे भारत की हार के 5 कारण)
कटक वनडे को छोड़ दें तो पूरी सीरीज के दौरान आर. अश्विन (Ravichandran Ashwin) विकेट के लिए तरसते रहे. हालांकि कटक में भी उन्होंने 10 ओवर में 65 रन खर्च कर डाले. इस लिहाज से इसे किफायती गेंदबाजी नहीं कहा जा सकता. पुणे वनडे में उमेश यादव (Umesh Ydava) का प्रदर्शन इतना लचर रहा कि कप्तान कोहली ने उन्हें कटक और कोलकाता मैच में अंतिम 11 में मौका तक नहीं दिया.
यॉर्कर किंग बुमराह भी नहीं चले
अपनी धारदार और यॉर्कर गेंदबाजी से विरोधी खेमे में हलचल मचाने वाले भारत के गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करने वाले जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) पूरी सीरीज के दौरान कोई खास प्रभाव छोड़ने में कामयाब नहीं रहे. पुणे वनडे में उन्होंने 10 ओवर में 79 रन लुटाकर 2 विकेट लिए. कटक वनडे में तो बुमराह की इंग्लैंड के गेंदबाजों ने जमकर पिटाई की. इस मैच में उन्होंने 9 ओवर में 81 रन दे डाले. कोलकाता वनडे में बुमराह का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा. ईडन गार्डन्स में उन्होंने 10 ओवर में 68 रन खर्च किए और महज एक विकेट लेने में कामयाब हो सके.
सलामी बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन
कोलकाता वनडे में भी भारत की सलामी जोड़ी कमाल नहीं दिखा सकी. शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की जगह टीम में शामिल किए गए सलामी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) सस्ते में आउट हो गए. रहाणे ने महज 1 रन का योगदान दे सके. भारत को पहला झटका 13 रन पर ही लग गया. यह इस सीरीज में तीसरा मौका है जब भारत की सलामी जोड़ी ठोस शुरुआत देने में नाकाम रही और 15 रन के भीतर टूट गई.
शिखर धवन की जगह शामिल किए गए अजिंक्य रहाणे भी वनडे में कुछ प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं (फाइल फोटो)
इससे पहले पुणे वनडे में भी भारत की भारतीय ओपनर केवल 13 रन ही जोड़ सके थे. उस मैच में शिखर धवन केवल 1 रन ही बना सके. लोकेश राहुल (Lokesh Rahul) ने 8 रन बनाए थे. अगर कटक वनडे की बात करें तो वहां भी शिखर धवन और लोकेश राहुल ने भारीय पारी की शुरुआत की लेकिन 14 रन के स्कोर पर लोकेश राहुल आउट हो गए. उन्होंने केवल 5 रन बनाए.
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