हरमीत सिंह (दो बार अंडर-19 विश्व कप खेलने वाले भारतीय खिलाड़ी)
नई दिल्ली:
अंडर-19 विश्व कप कुछ ही दिन दूर है और हम आपको उन युवा क्रिकेटरों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने भारत के लिए जूनियर विश्व कप में हिस्सा लिया. आज बात एक ऐसे क्रिकेटर की, जो एक नहीं दो-दो अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप का हिस्सा बना. लेकिन साल 2013 में आईपीएल में हुए मैच फिक्सिंग भंडाफोड़ में लेफ्ट आर्म स्पिनर हरमीत सिंह का नाम एक बार को क्या आया, इसके बाद यह गेंदबाज कभी पनप ही नहीं सका. हालांकि, बीसीसीआई ने बूकी के आरोपों के बाद की अपनी जांच-पड़ताल के बाद हरमीत को क्लीन चिट दे दी, लेकिन इस घटना ने हरमीत को तोड़ कर रख दिया.
हरमीत सिंह को पहली बार साल 2010 में न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में भारतीय टीम में जगह मिली थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में दो साल बाद उन्मुक्त चंद की कप्तानी में खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी हरमीत सिंह थे. हालांकि, साल 2010 का विश्व कप उनके लिए अच्छा नहीं रहा था, लेकिन अगले जूनियर विश्व कप से उन्हें काफी हद तक राष्ट्रीय पहचान मिली.
यह भी पढ़ें : U19Worldcup: इस जूनियर कप्तान ने किया था बड़ा धमाल...आज रणजी टीम में भी जगह के लाले
हरमीत की प्रतिभा को सबसे पहले सिर्फ नौ साल की उम्र में मुंबई जिमखाना क्लब ने पहचाना. मुंबई के पूर्व बंयहत्था स्पिनर पदमाकर शिवालकर हरमीत के कोच थे. यह हरमीत की प्रतिभा ही थी कि अपने समय के महान बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई ने हरमीत की तुलना अपने समय के दिग्गज और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी से कर डाली. इस तारीफ पर हरमीत साल 2009 में पूरी तरह खरे उतरे, जब मुंबई के लिए हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में एक पारी में उन्होंने सात विकेट झटक डाले. दो जूनियर विश्व कप से नाम हुआ, तो राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें आईपीएल के लिए अनुबंधित कर लिया.
मगर साल 2013 आईपीएल में हुए मैच फिक्सिंग खुलासे में जब हरमीत का नाम आया, तो सब एक बार को हैरान रह गए. किसी को भी भरोसा नहीं हुआ कि इतना युवा खिलाड़ी भी बुकी के संपर्क में आ सकता है. जितेंद्र सिंह नाम के इस बुकी ने आरोप लगाया कि उसने हरमीत को मैच फिक्सिंग में शामिल करने की कोशिश की थी. हालांकि, बुकी को कामयाबी नहीं मिली. लेकिन हरमीत से एक गलती हो गई.
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हरमीत ने बुकी से मिले प्रस्ताव की सूचना बीसीसीआई को नहीं दी थी. बाद में बोर्ड की जांच से तो हरमीत बरी हो गए. लेकिन बीसीसीआई हरमीत को शायद सूचना न देने के लिए माफ नहीं कर सका. इसके बाद हरमीत का करियर ही चौपट हो गया. उन्होंने मुंबई छोड़कर एक दो राज्य भी बदले. आज आलम यह है कि नौ साल के रणजी करियर में हरमीत सिर्फ 14 ही मैच खेल सके हैं और अब वह किसी तरह जम्मू-एंड-कश्मीर का हिस्सा हैं.
The ICC Under 19 Cricket World Cup 2018 begins in exactly two weeks! #U19CWC pic.twitter.com/LpQr2exCvp
— Cricket World Cup (@cricketworldcup) December 29, 2017
हरमीत सिंह को पहली बार साल 2010 में न्यूजीलैंड में खेले गए विश्व कप में भारतीय टीम में जगह मिली थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में दो साल बाद उन्मुक्त चंद की कप्तानी में खिताब जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी हरमीत सिंह थे. हालांकि, साल 2010 का विश्व कप उनके लिए अच्छा नहीं रहा था, लेकिन अगले जूनियर विश्व कप से उन्हें काफी हद तक राष्ट्रीय पहचान मिली.
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हरमीत की प्रतिभा को सबसे पहले सिर्फ नौ साल की उम्र में मुंबई जिमखाना क्लब ने पहचाना. मुंबई के पूर्व बंयहत्था स्पिनर पदमाकर शिवालकर हरमीत के कोच थे. यह हरमीत की प्रतिभा ही थी कि अपने समय के महान बल्लेबाज दिलीप सरदेसाई ने हरमीत की तुलना अपने समय के दिग्गज और महान स्पिनर बिशन सिंह बेदी से कर डाली. इस तारीफ पर हरमीत साल 2009 में पूरी तरह खरे उतरे, जब मुंबई के लिए हिमाचल प्रदेश के खिलाफ अपने पहले ही रणजी ट्रॉफी मैच में एक पारी में उन्होंने सात विकेट झटक डाले. दो जूनियर विश्व कप से नाम हुआ, तो राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें आईपीएल के लिए अनुबंधित कर लिया.
मगर साल 2013 आईपीएल में हुए मैच फिक्सिंग खुलासे में जब हरमीत का नाम आया, तो सब एक बार को हैरान रह गए. किसी को भी भरोसा नहीं हुआ कि इतना युवा खिलाड़ी भी बुकी के संपर्क में आ सकता है. जितेंद्र सिंह नाम के इस बुकी ने आरोप लगाया कि उसने हरमीत को मैच फिक्सिंग में शामिल करने की कोशिश की थी. हालांकि, बुकी को कामयाबी नहीं मिली. लेकिन हरमीत से एक गलती हो गई.
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हरमीत ने बुकी से मिले प्रस्ताव की सूचना बीसीसीआई को नहीं दी थी. बाद में बोर्ड की जांच से तो हरमीत बरी हो गए. लेकिन बीसीसीआई हरमीत को शायद सूचना न देने के लिए माफ नहीं कर सका. इसके बाद हरमीत का करियर ही चौपट हो गया. उन्होंने मुंबई छोड़कर एक दो राज्य भी बदले. आज आलम यह है कि नौ साल के रणजी करियर में हरमीत सिर्फ 14 ही मैच खेल सके हैं और अब वह किसी तरह जम्मू-एंड-कश्मीर का हिस्सा हैं.
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