
पिछले दिनों टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2024) के लिए घोषित टीम इंडिया में अगर कोई खिलाड़ी सबसे ज्यादा दुर्भाग्यशाली करार दिया गया, तो वह लेफ्टी रिंकू सिंह (Rinku Singh) रहे, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि समय आगे बढ़ने के साथ ही कुछ और नाम भी इसमें शामिल हो जाएं. आईपीएल का लीग चरण लगभग समाप्त होने को है, लेकिन पंजाब किंग्स (RR vs PBKS) के पेसर हर्षल पटेल ने स्पेशल रिकॉर्ड के सामने जसप्रीत बुमराह जैसे पेसर को भी पानी पिला दिया है. और जब रिकॉर्ड इसकी पूरी तरह से पुष्टि करते हैं, तो यह तो कहा ही जाएगा कि भाई इस खिलाड़ी के साथ तो गलत हो गया. खासतौर पर जब खराब फॉर्म में चल रहे मोहम्मद सिराज टीम में जगह पा जाते हैं. जारी संस्करण में हर्षल ने डबल धमाका कर दिया है, लेकिन यह देखकर हैरानी जरूर होती है कि इस प्रदर्शन के बावजूद उन्हें टी20 विश्व कप टीम में जगह क्यों नहीं मिली.
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पटेल का हर्ष करने वाला कारनामा
पंजाब के हाल भले ही प्वाइंट्स टेबल में बहुत ही बेहाल हों, लेकिन हर्षल पूरी तरह से हर्षित हैं. और आखिर हों भी क्यों न. आखिर कारनामा ऐसा जो है. टूर्नामेंट में जब बात डेथ ओवर (16-20) ओवरों की आती है, तो हर्षल पटेल को कोई जवाब नहीं है. जहां इस दौरान विश्व कप टीम में चयनित बुमराह और अर्शदीप पटेल दस विकेटों का भी आंकड़ा नहीं छू सके, तो हर्षल ने राजस्थान के खिलाफ बुधवार को चटकाए दो विकेटों के साथ ही इस ओवर काल (16-20) में अपने विकेटों की संख्या को 16 पहुंचा दिया. डेथ ओवरों में बुमराह और अर्शदीप के अलावा मुकेश कुमार, टी. नटराजन और तुषार देशपांडे तीन और पेस बॉलर हैं, जिन्होंने बुधवार (15 मई तक) डेथ ओवरों (16-20) में नौ-नौ विकेट अपने खाते में जमा किए हैं.
हर्षल का डबल धमाका!
यहां बात सिर्फ डेथ ओवरों की ही नहीं है. अभी तक सफर के बाद हर्षल ने बुमराह से पर्पल कैप छीन ली है. 13 मैचों के बाद जहां हर्षल के 22 विकेट हैं, तो बुमराह 20 विकेट के साथ दूसरे नंबर पर हैं. फिलहाल इस स्थिति के बाद कहा जा सकता है कि हर्षल पटेल ने डेथ ओवरों के साथ सबसे ज्यादा विकेट चटकाने के मामले में पहली पायदान कब्जा कर डबल धमाका कर दिया है.
कारगर हो सकते थे विंडीज की पिचों पर
हर्षल पटेल के साथ गलत यह रहा कि उनका पदर्शन तब चढ़ना हुआ, जब विश्व कप टीम का ऐलान हो चुका था. और आईपीएल के बाद टीम का ऐलान हुआ होता, तो इस प्रदर्शन से निश्चित तर पर पटेल को टीम में जगह मिलती. वहीं, विंडीज की पिचों पर हर्षल खासे कागर साबित हो सकते थे. वजह यह है कि यहां की पिचें धीमी हैं, तो हर्षल अपनी गति को लेकर लगातार प्रयोग करते हैं. यही पटेल की यूएसपी (यूनीक सेलिंग प्वाइंट) है
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