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This Article is From Jun 25, 2020

ये हैं वो 5 सबसे बड़े हीरो, जिन्होंने 83 वर्ल्ड कप में भारत की कहानी बदल दी

विजेता भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी हीरो रहे, लेकिन तो हम आपको यहां उन पांच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में बताएंगे, जिसने टीम कपिल देव को बाजीगर बनाते हुए दुनिया को चौंका दिया!

ये हैं वो 5 सबसे बड़े हीरो, जिन्होंने 83 वर्ल्ड कप में भारत की   कहानी बदल दी
मोहिंदर ने तब बेहतर प्रदर्शन किया, जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी
  • सबसे बड़ी जरूरत पर मोहिंदर ने किया वार!
  • कपिल देव का जवाब नहीं!
  • मदन लाल ने लगाई अच्छी मार!
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नई दिल्ली:

आज 25 जून को करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमी साल 1983 वर्ल्ड कप ऐतिहासिक जीत की 37वीं सालगिरह मना रहे हैं. मैचों का लु्त्फ लॉकडाउन में यू-ट्यूब पर उठा रहे हैं. वास्तव में, अगर कपिल देव की टीम को एक बार को बाजीगर कह दिया जाए, तो गलत नहीं होगा! कारण यह है कि इस टीम लने एक नहीं, बल्कि कई मैच ऐसे जीते, जिसमें वह साफ हारती हुई दिखाई पड़ रही थी और हारकर जीतने वाले को बाजीकर कहते हैं. विजेता भारतीय टीम के सभी खिलाड़ी हीरो रहे, लेकिन तो हम आपको यहां उन पांच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के बारे में बताएंगे, जिसने टीम कपिल देव को बाजीगर बनाते हुए दुनिया को चौंका दिया!

कपिल देव
कप्तान कपिल देव के क्या कहने! यह बहुत हद तक कपिल देव की जीत थी, जिन्होंने बल्ले, गेंद, फील्डिंग और कप्तानी में झंडे गाड़ दिए. कपिल देव ने 8 मैचों में 60.60 के औसत से 303 रन बनाए. इसमें जिंबाब्वे के खिलाफ नाबाद 175 रन की पारी है, तो वहीं कपिल ने इतने ही उम्र में 12 विकेट भी चटकाए. 

मोहिंदर अमरनाथ 
मोहिंदर अमरनाथ का प्रदर्शन यूं तो खास नहीं रहा, लेकिन जब सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो मोहिंदर ने सामने वाली टीम पर वार किया. अमरनाथ 8 मैचों में 29.62 के औसत से 237 रन बनाए. 80 उनका बेस्ट स्कोर रहा, तो गेंदबाजी में 8 विकेट भी चटकाए. मोहिदर अमरनाथ ने फाइनल में 26 रन बनाए, तो 7 ओवर में 3 विकेट लेकर मोहिंदर मैन ऑफ द मैच बन गए. इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भी अमरनाथ मैन ऑफ द मैच रहे. उन्होंने अहम 46 रन बनाए, तो 12 ओवर में 27 रन देकर दो विकेट भी लिए.

मदन लाल
मदन लाल एक और खिलाड़ी रहे, जिन्होंने गेंद और बल्ले गेंद से छाप छोड़ी. मदन लाल को  सभी 8 मैच खिलाए गए. और उन्होंने 34.00 के औसत से 102 रन बनाए, तो वह 17 विकेट लेकर टीम के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज रहे. 


रोजर बिन्नी 
रोजर बिन्नी एक और खिलाड़ी रहे. बिन्नी ने निचले क्रम में बल्ले से उपयोगी प्रदर्शन किया, लेकिन बतौर गेंदबाज वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे. रोजर बिन्नी ने 8 मैचों में फेंके 88 ओवरों में 3.81 के इकॉनमी रेट से 18 विकेट चटकाए. रोजर बिन्नी टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे.

यशपाल शर्मा 
टीम इंडिया के बल्लेबाजों के औसत प्रदर्शन के बीच यशपाल शर्मा चुनिंदा दो या तीन बल्लेबाजों में ऐसे बल्लेबाज रहे जिनके प्रदर्शन में निरंतरता रही. यशपाल ने 8 मैचों में 34.28 के औसत व दो अर्धशतकों से 240 रन बनाए. 

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