- संभल के रजपुरा में साल 2018 में गैंगरेप के बाद महिला को झोपड़ी में बंद करके जिंदा जला दिया गया था
- पीड़िता ने डायल 100 पर कॉल करके मदद मांगी थी, लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही रेप करके हत्या कर दी गई थी
- डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए 4 आरोपियों को दोषी माना है और उम्रकैद की सजा सुनाई है
संभल के रजपुरा में 2018 में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाकर हत्या के मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है. इस जघन्य हत्याकांड में चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा दी गई है. अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार सिंह ने हर आरोपी पर 1 लाख रुपये 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
गैंगरेप पीड़िता ने मरने से पहले डायल 100 नंबर पर कॉल करके पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही आरोपियों ने रेप करके महिला को जिंदा जला दिया था. इस मामले में उस समय तत्कालीन एसपी आर.एम. भारद्वाज समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित भी किया गया था.
महिला को गैंगरेप के बाद जिंदा जलाने की ये खौफनाक घटना 2018 में जनपद संभल के थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव पाठकपुर में हुई थी. आरोपियों ने गांव से कुछ दूरी पर स्थित एक मंदिर की झोपड़ी में महिला से दुष्कर्म किया था. इसके बाद पुलिस से बचने के लिए महिला को उसी झोपड़ी में बंद करके आग लगा दी थी. पीड़िता अपने बचाव के लिए लगातार चीखती-चिल्लाती रही और रहम की भीख मांगती रही, लेकिन आरोपियों का दिल नहीं पसीजा.
ये घटना रात करीब 12 बजे की बताई जाती है. झोपड़ी से उठती आग की लपटें देखकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और महिला को बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. मरने से पहले पीड़िता ने अपने मौसेरे भाई से फोन पर बात करके पूरी घटना की जानकारी दी थी. इन्हीं तथ्यों और सबूतों के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था.
घटना के करीब 7 साल बाद जिला न्यायालय ने अब अपना फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को गुनहगार माना है और उम्रकैद की सजा दी है. दोषियों में आराम सिंह पुत्र सोरन सिंह, महावीर पुत्र होरीलाल, गुल्लू उर्फ जयवीर और भोना उर्फ कुमारपाल पुत्र ब्रह्मपाल निवासी ग्राम पाठकपुर हैं. अदालत ने हर आरोपी पर 1 लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
पीड़ित पक्ष के वकील नेत्रपाल सिंह यादव ने बताया कि एक आरोपी जो अपराध के समय नाबालिग था, उस पर किशोर न्याय बोर्ड के सामने अलग से मामला चल रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले के चश्मदीद गवाह पीड़िता के मामा का बेटा और उसकी नाबालिग बेटी थे.
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