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कुछ ऐसे गिलक्रिस्ट ने हमेशा के लिए बदल दी विकेटकीपरों के लिए विरासत, जब भारत के लिए बन गए बडे़ विलेन

कुछ खिलाड़ी आते हैं, तो पत्थर पर लकीर खींचकर उसके रंग को ही बदल देते हैं. कुछ ऐसे ही गिलक्रिस्ट ने खेल को बदल दिया, जानिए कैसे

कुछ ऐसे गिलक्रिस्ट ने हमेशा के लिए बदल दी विकेटकीपरों के लिए विरासत, जब भारत के लिए बन गए बडे़ विलेन
पूर्व महान कंगारू विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट, जिन्होंने खेल को बदल दिया
  • एडम गिलक्रिस्ट ने विकेटकीपर के रूप में बल्लेबाजी की परंपरा को पूरी तरह बदलकर एक नई पहचान बनाई
  • अक्टूबर 1996 में डेब्यू के बाद गिलक्रिस्ट ने विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी दोनों में टीम में अहम भूमिका निभाई
  • गिलक्रिस्ट की आक्रामक बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को तीन बार लगातार वर्ल्ड कप जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया
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नई दिल्ली:

Adam Gilchrist changed the legacy: क्रिकेट के करीब 148 साल के इतिहास में एक से बढ़कर एक विकेटकीपर हुए, लेकिन कुछ ऐसे आए, जिन्होंने एक परंपरा को आगे बढ़ाया, लेकिन यहां चंद ही ऐसे हुए, जिन्होंने पूरी परिपाटी को ही बदल कर रख दिया. और अगर यह कह दिया जाए कि इनमें सबसे ऊपर नाम एडम गिलक्रिस्ट (Adam Gilchrist) का है, तो गलत नहीं ही होगा. एडम गिलक्रिस्ट का नाम उन खिलाड़ियों में शामिल है, जिन्होंने विकेटकीपर के लिए बल्लेबाजी की परिभाषा ही बदल दी. गिलक्रिस्ट न सिर्फ स्टंप्स के पीछे अपना बेहतरीन योगदान देते, बल्कि आक्रामक बल्लेबाजी के साथ कई मुकाबलों का रुख पलट देते थे. गिलक्रिस्ट की शैली ने यह साबित किया कि एक विकेटकीपर टीम के लिए गेम-चेंजर बल्लेबाज भी साबित हो सकता है. गिलक्रिस्ट के बाद ही दूसरी टीमों ने भी ऐसे विकेटकीपर्स को तराशना शुरू कर दिया जिनके पास बैटिंग में भी खेल बदलने वाली प्रतिभा थी. और टीम इंडिया में धोनी के आगमन को भी इसी नीति के तहत देखा जा सकता है

शानदार करियर का आगाज

घरेलू स्तर पर जलवा बिखेरने के बाद गिलक्रिस्ट को अक्टूबर 1996 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू का मौका मिला. अपने पहले ही मैच में 81 रन की पारी खेलने के बाद बतौर विकेटकीपर गिलक्रिस्ट ने दो कैच लपकने के अलावा एक खिलाड़ी को रन आउट भी किया. हालांकि,तेज रिफ्लेक्स और बेहतरीन ग्लव वर्क के साथ गिलक्रिस्ट ने धीरे-धीरे टीम में अपनी जगह पक्की कर ली. वह बल्ले से भी अहम योगदान देते जा रहे थे.

दोनों ही डिपार्टमेंट में मैच विनर

स्पिन और पेस, दोनों तरह के गेंदबाजों के साथ शानदार तालमेल बैठाते हुए गिलक्रिस्ट ने कैच और स्टंपिंग के सटीक मौके बनाए. टीम में ऊर्जा और आत्मविश्वास भरने की क्षमता गिलक्रिस्ट को खास बनाती थी. गिलक्रिस्ट के आने से ऑस्ट्रेलियाई खेमे को एक ऐसा खिलाड़ी मिला जो विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी, दोनों में ही मैच विनर था. चाहे ओपनिंग हो या फिर मिडिल ऑर्डर, बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने विस्फोटक पारियां खेलते हुए विपक्षी टीम को दबाव में लाने का काम किया. उनकी मौजूदगी ने ऑस्ट्रेलिया को 1999 से 2007 तक लगातार तीन वर्ल्ड कप जीतने में अहम योगदान दिया.

विश्व कप फाइनल में मैच जिताऊ प्रदर्शन

साल 1999, 20 जून को लॉर्ड्स के मैदान पर एडम गिलक्रिस्ट ने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ल्ड कप के फाइनल में मैच जिताऊ प्रदर्शन किया. इंजमाम-उल-हक और मोईन खान का कैच लपकने के बाद बतौर सलामी बल्लेबाज मैदान पर उतरे गिलक्रिस्ट ने मार्क वॉ के साथ शानदार साझेदारी की. गिलक्रिस्ट ने 36 गेंदों में एक छक्के और आठ चौकों की मदद से 54 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया 179 गेंद शेष रहते आठ विकेट से खिताब जीता.

...जब भारत के लिए बड़े विलेन बन गए गिलक्रिस्ट

लेकिन साल 2003 के वर्ल्ड कप में गिलक्रिस्ट भारतीय फैंस के लिए सबसे बड़े 'विलेन'थे. उन्होंने 23 मार्च को जोहानेसबर्ग में मैथ्यू हेडन के साथ 105 रन की साझेदारी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को मजबूत शुरुआत दिलाई. गिलक्रिस्ट ने 48 गेंदों में 57 रन की पारी खेली. उनकी इस पारी में एक छक्का और आठ चौके शामिल थे.ऑस्ट्रेलिया ने 2 विकेट खोकर 359 रन बनाए और फाइनल 125 रन से जीता. वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में खुद एडम गिलक्रिस्ट ही 'प्लेयर ऑफ द मैच' रहे, जिन्होंने 104 गेंदों में आठ छक्कों और 13 चौकों की मदद से 149 रन की पारी खेली इस दौरान 'गिली' ने मैथ्यू हेडन के साथ 22.5 ओवरों में 172 रन जोड़े. इसकी मदद से 38 ओवरों में 281/4 का स्कोर बनाने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने डकवर्थ लुईस नियम के आधार पर मैच 53 रन से जीता.

कुछ ऐसा रहा गिली का अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड

न सिर्फ वर्ल्ड कप, बल्कि कई अन्य टूर्नामेंट में भी गिलक्रिस्ट विकेटकीपिंग के अलावा, बल्ले से भी अपना जलवा दिखा चुके हैं. एडम गिलक्रिस्ट ने 96 टेस्ट में 47.60 की औसत के साथ 5,570 रन बनाए. इसमें 17 शतक और 26 अर्धशतक शामिल थे. उन्होंने इस फॉर्मेट में 379 कैच लपकने के अलावा, 37 स्टंपिंग भी की. वहीं,  287 वनडे मुकाबलों में इस खिलाड़ी ने 16 शतक और 55 अर्धशतक के साथ 9,619 रन अपने नाम किए. विकेट के पीछे 417 कैच लपकने के साथ 55 बल्लेबाजों को स्टंप आउट किया। गिलक्रिस्ट ने अपने करियर में 13 टी20 मुकाबले भी खेले, जिसमें 22.66 की औसत के साथ 272 रन बनाए. इस फॉर्मेट में बतौर विकेटकीपर उनके नाम 17 कैच हैं.

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