- भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप खिताब जीता है, जिससे लंबे समय का इंतजार खत्म हुआ है.
 - कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव पाया है.
 - खिलाड़ी स्नेह राणा ने पिता के निधन के बावजूद मानसिक मजबूती से क्रिकेट में वापसी की और अहम भूमिका निभाई.
 
भारतीय महिला क्रिकेट टीम वर्ल्ड चैंपियन है. 1973 में वर्ल्ड कप की शुरुआत हुई थी और उसके बाद से भारतीय टीम खिताब नहीं जीत पाई थी. लेकिन रविवार रात टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर इस इंतजार को खत्म किया. हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में टीम इंडिया ने जैसे ही खिताब जीता, वैसे ही खिलाड़ियों के आंखों में आंसू आ गए. टीम इससे पहले दो बार फाइनल में हार चुकी थी. ऐसे में जब करोड़ों फैंस का सपना पूरा हुआ, तो कोई भी अपने इमोशन को कंट्रोल नहीं कर पाया. इस जीत के बाद भारत की कमबैक क्वीन स्नेह राणा ने एनडीटीवी से खास बातचीत की है, जिसमें उन्होंने अपने पिता के निधन से लेकर वर्ल्ड कप के अपने फेवरेट विकेट के बार में बताया.
एनडीटीवी के स्पोर्ट्स एडिटर विमल मोहन से बात करते हुए, जीत के इमोशन पर बोलते हुए स्नेह राणा ने कहा,"वो खुशी के आंसू थे क्योंकि बहुत बड़ा मोमेंट है. सबके लिए पूरे इंडिया के लिए. पूरे फैंस के लिए. हमारे लिए सबसे इमोशनल मोमेंट था. वो बहुत टाइम से इस ट्रॉफी का इंतजार कर रहे थे. बहुत अच्छा लगा. वो इमोशंस एक्सप्रेस नहीं कर पा रहे थे."
अपने स्ट्रगल और कमबैक को लेकर स्नेह राणा ने बताया,"एथलीट की लाइफ में अप्स एंड डाउन तो चलते ही रहते हैं. सबसे जरूरी है कि आपका माइंडसेट कैसा है. आप कैसे उस चीज को हैंडल करते हो और मुझे लगता है ये स्ट्रेंथ घर से ही आती है. मेरी मां बहुत स्ट्रांग है, तो उनसे ही मुझे ये चीज मिली है. और अगर मैंने ये ठान लिया था कि मुझे इंडिया के लिए खेलना है तो मैं उस चीज में गिव अप नहीं कर सकती थी."
स्नेह राणा ने आगे कहा,"जहां तक मेरे फादर की बात है कि उनका भी सपना था कि मैं खेलूं. मैंने उनके लिए भी वो चीज जारी रखी और मैं और मजबूत होकर आई."
"मुझे लगता है कि मेंटली आपको बहुत ज्यादा स्ट्रांग होना पड़ता है. उस चीज को डील करने के लिए तो आई थिंक मैंने जैसा पहले भी बोला कि मैं मेंटली बहुत स्ट्रांग थी शायद मैं उस चीज को इसलिए बहुत अच्छे से ओवरकम कर पाई."
स्नेह राणा ने अपनी फिटनेस को लेकर कहा,"मैं ड्रॉप हो गई हूं. वो मेरे कंट्रोल में बिल्कुल नहीं है और जो मेरे कंट्रोल में है मैं वही कर सकती हूं. वो मेहनत है और मैं वही करती हूं और सब कुछ भगवान के भरोसे छोड़ देती हूं."
उनसे जब पूछा गया कि कौन सा विकेट सबसे अहम रहा, इस पर उन्होंने कहा,"मेरा जो सबसे फेवरेट विकेट है, इस वर्ल्ड कप का वो है मारिजाने कैप का. वंस इन अ लाइफ टाइम वाली बॉल होती है, जब आप एक बैटर को बीट करके ऑफस्टम उड़ा देते हो."
क्या महिला टीम के चैंपियन बनने के बाद टीम इंडिया की तस्वीर बदल जाएगी, इस पर स्नेह राणा ने कहा,"हम लोग वर्ल्ड चैंपियंस बन चुके हैं. क्योंकि बहुत समय से ये सपना देखा था. फॉर्मर क्रिकेटर्स का सपना था. इस ट्रॉफी को लिफ्ट करने का. तो हम लोग उन सबके ड्रीम्स को आज पूरा कर पाए और बहुत ज्यादा खुशी है और यहां से जो वुमस क्रिकेट में एक चेंज आएगा. जो हम चेंज की बात करते हैं. शायद वो अब देखने को मिलेगा."
अपने संघर्ष को लेकर बोलते हुए उन्होंने कहा,"जब मैंने स्टार्ट किया था, किसी को इतनी नॉलेज नहीं थी. शायद किसी को पता भी नहीं था कि महिला क्रिकेट भी है. मैंने अपने परिजनों का शुक्रगुजार हूं कि उन लोगों ने मुझे इतना मौका दिया और कभी रोका नहीं खेलने से. सो स्ट्रगल्स तो सबकी लाइफ में होते हैं."
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