
- भारत ने शुभमन गिल की कप्तानी में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ दो शून्य से जीती है
- गिल ने कप्तानी में सही समय पर साहसिक फैसले लेने को महत्वपूर्ण बताया है
- दिल्ली टेस्ट में फॉलोऑन लागू करने का निर्णय भारत के लिए रणनीतिक था ताकि विकेट जल्दी मिल सकें
Shubman Gill on Team India WIn vs WI: भारत ने कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ 2-0 से अपने नाम की. इससे पहले इंग्लैंड दौरे पर गिल को पहली बार टेस्ट कप्तानी का मौका मिला था, जहां भारत ने पांच मैचों की सीरीज़ 2-2 से बराबर की थी. अब वेस्टइंडीज़ पर क्लीन स्वीप के साथ गिल ने बतौर कप्तान अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है.
कप्तानी पर बोले गिल “अब इसकी आदत डाल रहा हूं”
शुभमन गिल ने अपनी कप्तानी को लेकर कहा, “मैं अब इसकी आदत डाल रहा हूं. सभी खिलाड़ियों को मैनेज करना और इस टीम का नेतृत्व करना मेरे लिए गर्व की बात है. कप्तान के तौर पर सबसे जरूरी है सही समय पर सही फैसला लेना. हर मैच की परिस्थिति अलग होती है, और उसी हिसाब से निर्णय लेना पड़ता है. कभी-कभी साहसिक फैसले लेने पड़ते हैं, यह इस पर निर्भर करता है कि कौन-सा खिलाड़ी उस समय आपके लिए रन या विकेट दिला सकता है.”
फॉलोऑन लागू करने के फैसले पर बोले गिल
वेस्टइंडीज़ के खिलाफ दिल्ली टेस्ट में भारत ने फॉलोऑन लागू किया. इस फैसले पर गिल ने कहा, “हम लगभग 270 रन से आगे थे. हमने सोचा कि अगर हम 500 रन बनाकर वेस्टइंडीज़ को फिर बल्लेबाज़ी देते, तो हमें पांचवें दिन 6-7 विकेट लेने पड़ते, जो हमारे लिए मुश्किल हो सकता था. इसलिए हमने फॉलोऑन का फैसला लिया.”
नीतीश रेड्डी को मिले मौके पर गिल ने कहा
सीरीज़ के दोनों मैचों में युवा खिलाड़ी .नीतीश रेड्डी. को खेलने का मौका दिया गया. अहमदाबाद टेस्ट में उन्हें बल्लेबाज़ी का मौका नहीं मिला, लेकिन गेंदबाजी में चार ओवर फेंके. वहीं, दिल्ली टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 43 रन की उपयोगी पारी खेली. गिल ने कहा, “हम नहीं चाहते कि खिलाड़ी सिर्फ विदेशों में जाकर ही खेलें. इससे उन पर अतिरिक्त दबाव बनता है. हम ऐसे खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं जो विदेशों में जाकर जीत दिला सकें, क्योंकि यह हमारे लिए एक चुनौती रही है.”
कप्तान के साथ बल्लेबाजी में गिल का प्रदर्शन
गिल ने सीरीज़ में 50, नाबाद 129 और 13 रन की पारियां खेलीं. अपने प्रदर्शन को लेकर उन्होंने कहा, “जब मैं बल्लेबाज़ी करने उतरता हूं, तो सिर्फ इस बात पर ध्यान देता हूं कि टीम को जीत कैसे दिलाई जाए. चाहे मैं कप्तान हूं या नहीं, मैदान पर मेरा फोकस हमेशा यही रहता है कि अपने बल्ले से टीम को मैच जिताऊं.” इस सीरीज़ के बाद शुभमन गिल न केवल एक भरोसेमंद बल्लेबाज के रूप में बल्कि एक समझदार और शांत कप्तान के तौर पर भी उभरे हैं, जिन्होंने टीम इंडिया के लिए भविष्य की दिशा तय करने की मजबूत नींव रखी है.
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