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This Article is From Dec 12, 2014

सदमे से उबरकर शॉन एबॉट का करिश्माई कम बैक

सदमे से उबरकर शॉन एबॉट का करिश्माई कम बैक
नई दिल्ली:

यही क्रिकेट और क्रिकेट का रोमांच है। अगर आप खेल को रोमांच को अपनी धड़कनों में महसूस करते हैं तो फिर आपके रास्ते की कोई बाधा इतनी बड़ी नहीं हो सकती है कि आप इस रोमांच को भूल जाएं।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज़ शॉन एबॉट ने इसे एक बार फिर साबित किया है। न्यू साउथ वेल्स के गेंदबाज शॉन एबॉट ने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में क्वींसलैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए पहली पारी में दो विकेट लिए और जबकि दूसरी पारी में उन्होंने छह विकेट चटकाए।

शॉन एबॉट के इस प्रदर्शन पर बात करने से पहले क्या आपको शॉन एबॉट याद हैं, शॉन एबॉट वही गेंदबाज़ हैं, जिनकी बाउंसर पर फ़िलिप ह्यूज़ को चोट लगी थी, जिसके ह्यूज़ को बचाया नहीं जा सका। महज 22 साल के तेज और उभरते हुए शॉन एबॉट के लिए यह किसी बड़े सदमे से कम नहीं था।

इस सदमे के चलते एबॉट दो-तीन दिनों तक कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने एबॉट के मनोबल को टूटने नहीं दिया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने मनोवैज्ञानिकों की एक टीम को एबॉट के साथ जोड़ा। उनके दोस्तों से अपील की गई कि वे मुश्किल वक्त में एबॉट का साथ नहीं छोड़ें। खुद फ़िलिप ह्यूज़ की बहन एबॉट का मनोबल बढ़ाने सामने आईं।

इन सबने मिलकर एबॉट के उस जज्बे को जिंदा रखा, जिसके चलते एबॉट को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम का उभरता सितारा माना जाता है। उन्होंने क्वींसलैंड की मज़बूत टीम के सामने पहली पारी में 15 ओवरों की गेंदबाजी की और 53 रन देकर 2 विकेट लिए। इसके बाद बल्लेबाज़ी करते हुए एबॉट ने 21 रन बनाए.

लेकिन एबॉट का असली प्रदर्शन तो दूसरी पारी में नजर आया। उन्होंने 7 ओवर की गेंदबाज़ी में महज 14 रन देकर छह विकेट चटका लिए। ये उनके फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ी का प्रदर्शन है।  एबॉट के इस करिश्माई प्रदर्शन की वजह से न्यू साउथ वेल्स ने क्वींसलैंड को पारी और 80 रन से हरा दिया।

उनकी इस गेंदबाज़ी के बारे में जब एडिलेड टेस्ट के दौरान घोषणा हुई तो मैदान के अंदर बल्लेबाज़ी कर रहे डेविड वॉर्नर ने भी ख़ास अदा से एबॉट का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने बल्ले से अपने हाथ को थपथपाते हुए एबॉट के कम बैक का स्वागत किया।

शॉन एबॉट ने इसी अक्टूबर में अपना इंटरनेशनल क्रिकेट करियर शुरू किया था. एक वन-डे और तीन टी-20 मुकाबले पुराना उनका करियर एक बार फिर से पटरी पर लौटता दिख रहा है. उन्होंने जिस तरह का कम बैक किया है, उससे उन्हें आगामी वर्ल्ड कप में खेलने का जोरदार दावेदार माना जा सकता है.

एबॉट की गेंदों में तेजी है और स्विंग भी. उनके पास अभी इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना दम दिखाने के लिए लंबा समय है. वे जिस तरह से ह्यूज़ की मौत के हादसे से उबरे हैं, उससे ये साफ है कि आने वाले दिनों में कोई भी बाधा उनका रास्ता नहीं रोक पाएगी।

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