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This Article is From Feb 01, 2024

Sarfaraz Khan: 'मेरी ताकत यह है कि...', सरफराज ने डेब्यू से पहले कर दिया बड़ा ऐलान

IND vs ENG 2nd Test: Sarfaraz Khan ने 45 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 69.85 की औसत से 3912 रन बनाए हैं जिसमें 14 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं.

Sarfaraz Khan: 'मेरी ताकत यह है कि...', सरफराज ने डेब्यू से पहले कर दिया बड़ा ऐलान
Sarfaraz Khan Test Debut

Sarfaraz Khan Test Debut: घरेलू क्रिकेट में बनाए ढेरों रनों ने सरफराज खान के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का दरवाजा खोल दिया है लेकिन इस बल्लेबाज का मानना है कि सीखना हमेशा जारी रहता है और वह विराट कोहली, विव रिचर्ड्स और जावेद मियांदाद जैसे दिग्गजों की सूची में जगह बनाना चाहते हैं. चोटों के कारण लोकेश राहुल और रविंद्र जडेजा के बाहर होने के बाद सरफराज को इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार से शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट के लिए हाल में भारतीय टीम में शामिल किया गया. सरफराज (Sarfaraz Khan on Virat Kohli  ने सीखने की अपनी प्रक्रिया पर बात करते हुए कहा, ‘‘मुझे विराट कोहली, एबी डिविलियर्स, सर विवियन रिचर्ड्स की बल्लेबाजी देखना पसंद है.

यहां तक कि जावेद मियांदाद की भी क्योंकि मेरे पिता कहते हैं कि मैं उनकी तरह बल्लेबाजी करता हूं. मैं जो रूट की बल्लेबाजी भी देखता हूं.'' सरफराज ने ‘जियो सिनेमा' से कहा, ‘‘जो भी सफल हो रहा है, मैं उन्हें खेलते हुए देखता हूं कि वे ऐसा कैसे कर रहे हैं जिससे कि मैं सीख सकूं और इसे लागू कर सकूं. मैं भविष्य में रणजी ट्रॉफी खेलूं या भारत के लिए खेलूं, मैं ऐसा करना जारी रखना चाहता हूं.'' सरफराज (Sarfaraz Khan on his Father) की नजर में उनके जीवन के असली हीरो उनके पिता नौशाद अहमद हैं जिन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने में असंख्य घंटे समर्पित किए.

सरफराज ने कहा, ‘‘मेरे पिता ने मुझे क्रिकेट से जोड़ा और मैं हमेशा सोचता था कि मैं क्यों खेल रहा हूं. मैं एक आक्रामक बल्लेबाज हूं और मैं दूसरों की तुलना में जल्दी आउट हो जाता था और बड़ी पारियां खेलना मुश्किल हो रहा था.'' उन्होंने कहा, ‘‘दूसरों को सफल होते देखना निराशाजनक था जबकि मैं रन नहीं बना पा रहा था. लेकिन मेरे पिता हमेशा कड़ी मेहनत में विश्वास करते थे और मेरे पास जो कुछ भी है वह उसी काम का परिणाम है.'' वर्ष 2015-2016 के घरेलू सत्र में अंडर -19 मैच के दौरान मुंबई के चयनकर्ताओं के साथ दिक्कत में पड़ने के बाद सरफराज ने उत्तर प्रदेश के लिए खेलने का विकल्प चुना.

सरफराज ने कहा कि उनके पिता उन्हें बल्लेबाजी करते देखने के लिए उत्तर प्रदेश या जहां भी टीम खेलती थी वहां जाते थे. उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब मैं मुंबई से उत्तर प्रदेश चला गया तब भी वह मुझसे मिलने के लिए फ्लाइट से आते थे. चयन ट्रायल से पहले वह छत या सड़क पर ही मुझे गेंदबाजी करना शुरू कर देते थे. अब मुझे उन प्रयासों के प्रभाव और महत्व का अहसास हुआ है.'' उत्तर प्रदेश के साथ दो सत्र बिताने के बाद सरफराज ने उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर मुंबई लौटने का फैसला किया और इस 26 वर्षीय बल्लेबाज ने स्वीकार किया कि यह उनके लिए मुश्किल लम्हा था.

सरफराज (Sarfaraz Khan Record) ने 45 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 69.85 की औसत से 3912 रन बनाए हैं जिसमें 14 शतक और 11 अर्धशतक शामिल हैं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी सरफराज का स्ट्राइक रेट 70.48 है जो उन्हें बाकी बल्लेबाजों से अलग बनाता है. सरफराज से जब उनके प्रदर्शन में निरंतरता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरी ताकत यह है कि मैं आसानी से संतुष्ट नहीं होता. मैं हर दिन 500 से 600 गेंद खेलता हूं. अगर मैं एक मैच में कम से कम 200 से 300 गेंद नहीं खेल पाता तो मुझे लगता है कि मैंने कुछ खास नहीं किया. अब तो आदत हो गयी है.''

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप पांच दिवसीय क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो आपको धैर्य रखना होगा और हर दिन अभ्यास करना होगा. मैं पूरे दिन क्रिकेट खेलता हूं और यही कारण है कि मैं लंबे समय तक पिच पर रह सकता हूं.''

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