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अंशुल कंबोज में कहां सुधार करने की है जरूरत? संजय मांजरेकर ने बताया

Sanjay Manjrekar Big Statement: संजय मांजरेकर ने अंशुल कंबोज के बारे में चर्चा करते हुए कहा है कि 130 किमी/घंटा से कम की रफ्तार के साथ बैक-ऑफ-लेंथ या गुड-लेंथ गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है.

अंशुल कंबोज में कहां सुधार करने की है जरूरत? संजय मांजरेकर ने बताया
Sanjay Manjrekar
  • मांजरेकर ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के दूसरे दिन पिच की नरमी और मौसम के बदलाव का उल्लेख किया.
  • इंग्लैंड ने बेन डकेट और जैक क्रॉली की ओपनिंग साझेदारी से मजबूत शुरुआत की, लेकिन दोनों बल्लेबाज शतक से चूक गए.
  • मांजरेकर ने अंशुल कंबोज की अच्छी गेंदबाजी की तारीफ की, लेकिन गति और लाइन में सुधार की जरूरत बताई.
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Sanjay Manjrekar Big Statement: पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के दूसरे दिन पिच की गतिशीलता के बारे में बताया कि भारत को मौसम के कारण कुछ परेशानी का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इंग्लैंड की पारी के दौरान पिच नरम हो गई और आसमान साफ होने से परिस्थितियां बदल गईं, जिसने खेल को प्रभावित किया. ऋषभ पंत के पैर में फ्रैक्चर के बावजूद क्रीज पर लौटने का जज्बा कमाल का था, लेकिन भारत की पहली पारी 358 रनों पर सिमट गई. दूसरी ओर इंग्लैंड ने बेन डकेट (94) और जैक क्रॉली (84) की 166 रनों की शानदार ओपनिंग साझेदारी के दम पर मजबूत शुरुआत की.

हालांकि, दोनों सलामी बल्लेबाज शतक से चूक गए, जिन्हें रवींद्र जडेजा और डेब्यूटेंट अंशुल कंबोज ने आउट किया. इंग्लैंड ने दूसरे दिन का खेल 225/2 पर समाप्त किया, जिसमें जो रूट (11) और ओली पोप (20) नाबाद रहे.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने मौसम और पिच की स्थिति के बारे में कहा कि भारत की बल्लेबाजी के दौरान नमी ने चुनौती पेश की, जिससे माहौल ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म जैसा लग रहा था. हालांकि, बाद में पिच नरम हो गई और आसमान साफ हो गया.

मांजरेकर ने जियोहॉटस्टार पर कहा कि पिच की स्थिति बदलने से टेस्ट मैच का रुख अचानक पलट गया था. इंग्लैंड के लिए बड़ा स्कोर बनाने का मौका था, क्योंकि बुमराह जैसे गेंदबाज को भी विकेट लेना मुश्किल हो रहा था. भारत के लिए उन दो विकेटों का मिलना राहत की बात थी.

संजय मांजरेकर ने डेब्यू टेस्ट में अच्छी गेंदबाजी के लिए कंबोज की तारीफ की. मांजरेकर ने उनके सरल एक्शन की सराहना की, लेकिन बताया कि 130 किमी/घंटा से कम की रफ्तार के साथ बैक-ऑफ-लेंथ या गुड-लेंथ गेंदबाजी में सुधार की जरूरत है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दूसरे दिन पिच में बदलाव के कारण कंबोज को ज्यादा मदद नहीं मिली.

इंग्लैंड के क्रिकेटर जोनाथन ट्रॉट ने इंग्लैंड की स्थिति का आकलन करते हुए टॉस के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि टॉस जीतने का फायदा उस दिन स्पष्ट दिखा. भारत ने सुबह अच्छी बल्लेबाजी की, लेकिन ब्रिटेन में दोपहर का समय बल्लेबाजी के लिए अधिक अनुकूल होता है, जिसका इंग्लैंड ने लाभ उठाया.

ओल्ड ट्रैफर्ड की दूसरे और तीसरे दिन की पिच आमतौर पर बल्लेबाजी के लिए सबसे अच्छी होती है. इंग्लैंड आगे इसका फायदा उठाने की कोशिश करेगा, लेकिन वे बहुत आगे के बारे में नहीं सोच सकते. पहला घंटा और पहला सत्र अहम होगा. अगर भारत नई गेंद से सही खेलता है तो वे मैच में वापसी कर सकते हैं.

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