नई दिल्ली:
भारत की सीनियर चयन समिति के अध्यक्ष संदीप पाटिल ने विनम्र तरीके से स्पष्ट किया कि टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण को लेकर उनकी राय सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भिन्न है।
दो महीने में तीसरी बार मीडियाकर्मियों से बात करने वाले पाटिल हरभजन सिंह की शानदार वापसी से भी उत्साहित थे। उन्होंने कहा, उम्र कभी चयन का मानदंड नहीं होगा, लेकिन फिटनेस होगी।
पाटिल ने रिजर्व विकेटकीपर को लेकर गोलमाल जवाब दिया, लेकिन टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी के कार्यकाल से विराट कोहली का कार्यकाल कैसे भिन्न होगा, इस पर उनकी राय साफ थी। पाटिल से जब चार तेज गेंदबाजों वाले आक्रमण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, महेंद्र सिंह धोनी ने क्या कहा था मैं उस पर बात नहीं कर रहा हूं। लेकिन हम उचित संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा श्रीलंका के विकेटों देखकर हमें लगता है कि यह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण है। हम सभी चयनकर्ताओं को लगा कि हमें इसी आक्रमण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
चयन समिति के अध्यक्ष से जब पूछा गया कि क्या वह बहुत अधिक तेजी पर जोर देने संबंधी धोनी के बयान से आहत हुए थे तो उन्होंने विनम्र, लेकिन कूटनीतिक जवाब दिया। बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर के साथ मीडिया से बात कर रहे पाटिल ने कहा, कप्तान के पास टिप्पणी करने के सभी अधिकार होते हैं और हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। बीसीसीआई इस पर प्रतिक्रिया कर सकता है।
पाटिल ने कहा, हमने जितने सर्वश्रेष्ठ कप्तान देखे हैं, उनमें महेंद्र सिंह धोनी भी एक हैं और उन्हें गेंदबाजों को लेकर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है। लेकिन पाटिल ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे सीरीज के प्रदर्शन पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा, हमने प्रदर्शन पर चर्चा की। इन दोनों दोरों पर मेरे साथी चयनकर्ता गए थे और उन्होंने अपना फीडबैक दिया। चयनसमिति की बैठक से पहले हम हमेशा बात करते हैं कि हमें केवल बैठकर टीम का चयन नहीं करना है। यदि कोई विभाग अच्छा नहीं कर रहा है, तो हम उसके कारणों की समीक्षा करते हैं। जिम्बाब्वे में हमने युवा खिलाड़ियों और नए कप्तान अंजिक्य रहाणे की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन किया।
पाटिल से जब पूछा गया कि धोनी के विश्वसनीय खिलाड़ी जैसे कि सुरेश रैना और रविंद्र जडेजा को कोहली की टीम में जगह नहीं मिली, उन्होंने कहा, देखिए कप्तान बदलने पर टीम में भी कुछ बदलाव होगा। प्रत्येक कप्तान की टीम की अगुवाई करते हुए अपनी अलग तरह की सोच होती है। कोई आक्रामक कप्तान होता है और कोई रक्षात्मक। कप्तान का रवैया उस खास दौर को परिभाषित करता है।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि विराट अच्छा प्रदर्शन करेगा, लेकिन हम भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जब सचिन (तेंदुलकर), दादा (सौरव गांगुली), राहुल (द्रविड़) और वीवीएस (लक्ष्मण) ने संन्यास लिया, तो हमें कभी विश्वास नहीं था उनकी जगह हमें अच्छे खिलाड़ी मिल जाएंगे, लेकिन हमें अच्छे खिलाड़ी मिले।
दो महीने में तीसरी बार मीडियाकर्मियों से बात करने वाले पाटिल हरभजन सिंह की शानदार वापसी से भी उत्साहित थे। उन्होंने कहा, उम्र कभी चयन का मानदंड नहीं होगा, लेकिन फिटनेस होगी।
पाटिल ने रिजर्व विकेटकीपर को लेकर गोलमाल जवाब दिया, लेकिन टेस्ट कप्तान के रूप में धोनी के कार्यकाल से विराट कोहली का कार्यकाल कैसे भिन्न होगा, इस पर उनकी राय साफ थी। पाटिल से जब चार तेज गेंदबाजों वाले आक्रमण के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, महेंद्र सिंह धोनी ने क्या कहा था मैं उस पर बात नहीं कर रहा हूं। लेकिन हम उचित संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा श्रीलंका के विकेटों देखकर हमें लगता है कि यह सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण है। हम सभी चयनकर्ताओं को लगा कि हमें इसी आक्रमण के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
चयन समिति के अध्यक्ष से जब पूछा गया कि क्या वह बहुत अधिक तेजी पर जोर देने संबंधी धोनी के बयान से आहत हुए थे तो उन्होंने विनम्र, लेकिन कूटनीतिक जवाब दिया। बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर के साथ मीडिया से बात कर रहे पाटिल ने कहा, कप्तान के पास टिप्पणी करने के सभी अधिकार होते हैं और हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है। बीसीसीआई इस पर प्रतिक्रिया कर सकता है।
पाटिल ने कहा, हमने जितने सर्वश्रेष्ठ कप्तान देखे हैं, उनमें महेंद्र सिंह धोनी भी एक हैं और उन्हें गेंदबाजों को लेकर टिप्पणी करने का पूरा अधिकार है। लेकिन पाटिल ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश और जिम्बाब्वे सीरीज के प्रदर्शन पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा, हमने प्रदर्शन पर चर्चा की। इन दोनों दोरों पर मेरे साथी चयनकर्ता गए थे और उन्होंने अपना फीडबैक दिया। चयनसमिति की बैठक से पहले हम हमेशा बात करते हैं कि हमें केवल बैठकर टीम का चयन नहीं करना है। यदि कोई विभाग अच्छा नहीं कर रहा है, तो हम उसके कारणों की समीक्षा करते हैं। जिम्बाब्वे में हमने युवा खिलाड़ियों और नए कप्तान अंजिक्य रहाणे की अगुवाई में अच्छा प्रदर्शन किया।
पाटिल से जब पूछा गया कि धोनी के विश्वसनीय खिलाड़ी जैसे कि सुरेश रैना और रविंद्र जडेजा को कोहली की टीम में जगह नहीं मिली, उन्होंने कहा, देखिए कप्तान बदलने पर टीम में भी कुछ बदलाव होगा। प्रत्येक कप्तान की टीम की अगुवाई करते हुए अपनी अलग तरह की सोच होती है। कोई आक्रामक कप्तान होता है और कोई रक्षात्मक। कप्तान का रवैया उस खास दौर को परिभाषित करता है।
उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि विराट अच्छा प्रदर्शन करेगा, लेकिन हम भविष्य के बारे में कुछ नहीं कह सकते। जब सचिन (तेंदुलकर), दादा (सौरव गांगुली), राहुल (द्रविड़) और वीवीएस (लक्ष्मण) ने संन्यास लिया, तो हमें कभी विश्वास नहीं था उनकी जगह हमें अच्छे खिलाड़ी मिल जाएंगे, लेकिन हमें अच्छे खिलाड़ी मिले।
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