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This Article is From Jan 02, 2019

तेंदुलकर की रमाकांत सर को श्रद्धांजलि, 'वेल प्लेड सर', आपकी मौजूदगी से स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा

रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) को भावभीनी श्रृद्धांजलि देते हुए सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा, 'आचरेकर सर की मौजूदगी से स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा.'

तेंदुलकर की रमाकांत सर को श्रद्धांजलि, 'वेल प्लेड सर', आपकी मौजूदगी से स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा
गुरु रमाकांत आचरेकर का आशीर्वाद लेते सचिन तेंदुलकर. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली :

सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के गुरु रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) नहीं रहे. 87 साल की अवस्था में मुंबई में उनका निधन हो गया. सचिन तेंदुलकर अगर क्रिकेट जगत में चमक सके तो इसके पीछे गुरु रमाकांत आचरेकर (Ramakant Achrekar) की ही अथक मेहनत रही. अपने बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर को भावभीनी श्रृद्धांजलि देते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'आचरेकर सर की मौजूदगी से स्वर्ग में भी क्रिकेट धन्य हो गया होगा.'

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उनके सबसे काबिल शिष्य ने एक बयान में कहा, 'उनके कई छात्रों की तरह मैने भी क्रिकेट का ककहरा सर के मार्गदर्शन में सीखा.' उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी में उनके योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. उन्होंने वह नींव बनाई जिस पर मैं खड़ा हूं.' आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज तेंदुलकर को आचरेकर सर मुंबई के शिवाजी पार्क में कोचिंग देते थे. आचरेकर ने खुद एक ही प्रथम श्रेणी मैच खेला, लेकिन तेंदुलकर के करियर को संवारने में उनका बड़ा योगदान रहा. वह अपने स्कूटर से उसे स्टेडियम लेकर जाते थे.

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तेंदुलकर ने कहा, 'पिछले महीने मैं सर से उनके कुछ छात्रों के साथ मिला और हमने कुछ समय साथ बिताया. हमने पुराने दौर को याद करके काफी ठहाके लगाये.' उन्होंने कहा, 'आचरेकर सर ने हमें सीधा खेलने और जीने का महत्व बताया. हमें अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाने और अपने अनुभव को हमारे साथ बांटने के लिए धन्यवाद सर.' उन्होंने आगे लिखा, 'वेल प्लेड सर. आप जहां भी हैं, वहां और सिखाते रहें.'

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बता दें कि रमाकांत आचरेकर का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया. उनके परिजनों के अनुसार पिछले कुछ दिनों से वह बढ़ती उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे. उनकी रिश्तेदार रश्मि दलवी ने बताया, 'आचरेकर सर अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने आज शाम को आखिरी सांस ली.' आचरेकर को 2010 में पद्मश्री से नवाजा गया था. तेंदुलकर के अलावा वह विनोद कांबली, प्रवीण आम्रे, समीर दिघे और बलविंदर सिंह संधू के भी कोच रहे.

(इनपुट: भाषा)

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