महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की आत्मकथा का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। एनडीटीवी इंडिया को सचिन के द्वारा बायोग्राफी में लिखी कई बातों की जानकारी मिली है।
सचिन तेंदुलकर के मुताबिक साल 2001 में जब उन पर गेंद से छेड़छाड़ के आरोप लगे, तो यह बहुत चौंकानेवाली और अपमानजनक बात थी। बकौल सचिन वह इससे इतने ज्यादा परेशान हो गए थे कि दक्षिण अफ्रीका का दौरा बीच में ही छोड़कर वापस भारत आने की सोच चुके थे।
सचिन ने बताया, ये मेरे लिए बेहद मुश्किल वक्त था, जब मैच रेफरी माइक डेनिस ने मुझ पर बॉल टैंपरिंग के आरोप लगाए। मैं बिल्कुल अचंभित था, क्योंकि अपने पूरे जीवन में मैंने क्रिकेट को पूरी ईमानदारी से खेला था और कभी इस तरह की कोई हरकत नहीं की।
तेंदुलकर के मुताबिक दरअसल बॉल के ऊपर जो घास जम गई थी, उसे अपने अंगूठे से मैं हटा रहा था, लेकिन मैंने कभी भी बॉल टैंपर नहीं की। किसी भी अंपायर ने मेरे खिलाफ कोई भी आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी, लेकिन यह सबसे ज्यादा शर्मनाक था कि मेरे ऊपर धोखेबाज का लेबल लग जाए। मैं इस घटना को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और मैंने माइक डेनिस से कहा कि मेरे ऊपर लगे बिना वजह के आरोपों की मैं शिकायत करुंगा, चुप नहीं बैठूंगा।
सचिन के मुताबिक, मैं उस दौरे में क्रिकेट छोड़ने के लिए तैयार था, लेकिन मुझे यह मंजूर नहीं था कि मेरे ऊपर 'धोखेबाज' होने का आरोप लगे। ये मेरे सम्मान से जुड़ी बात थी और मैं किसी मैच रेफरी को मेरी विश्वसनीयत से छेड़खानी नहीं करने दे सकता था।
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