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This Article is From Feb 15, 2016

जानिये अश्विन क्यों हैं टीम इंडिया के ट्रंप कार्ड...

जानिये अश्विन क्यों हैं टीम इंडिया के ट्रंप कार्ड...
नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ विशाखापत्तनम टी-20 में अश्विन ने भारत के लिए इस फॉर्मेट की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इसमें कोई शक नहीं कि वह शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन और क्या बातें हैं, जो बनाती हैं, अश्विन को भारत का ट्रंप कार्ड, ये जानने की कोशिश करते हैं।

रविचंद्रन अश्विन वह नाम है, जिसके चलते भारत वर्ल्ड टी-20 का मुख्य दावेदार है। मौजूदा फॉर्म के लिहाज से वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर नजर आते हैं। श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने महज 8 रन पर चार विकेट लिए, जो भारतीय रिकॉर्ड है।

उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 11 रन पर चार विकेट का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा। अश्विन पर भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने कहा, अगर आप देखें तो वह हमारे बेस्ट गेंदबाज़ हैं और खासतौर पर नई गेंद से वह और ज्यादा असरदार साबित होते हैं। नई गेंद से वह फ्लाइट करते हैं, बल्लेबाज़ को बड़ा हिट लगाने के लिए न्योता देते हैं। कई बार आप ऐसे हालात में फ्लैट गेंदबाजी करने लगते हैं, लेकिन अश्विन बहुत अच्छा मिश्रण करते हैं। इससे कप्तान अपने तेज़ गेंदबाजों को मिडिल ओवर्स में इस्तेमाल कर सकता है।

मतलब कप्तान न सिर्फ उनसे प्रभावित है, बल्कि उनकी अहमियत को समझते हुए बता रहे हैं कि अश्विन के चलते भारतीय टीम में उन्हें ज्यादा विकल्प मिलते हैं। एक समय 3 ओवर में 4 विकेट लेकर अश्विन पहली बार किसी भारतीय के 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने के करीब थे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देखें तो टी-20 की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन की लिस्ट में अश्विन 21वें स्थान पर हैं। पहले दो स्थान श्रीलंका के अजंता मेंडिस के नाम हैं, जिन्होंने जिम्बाब्वे और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6-6 विकेट लिए। अश्विन के टी-20 रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यह साफ होता है कि आखिर क्यों वह भारत के ट्रंप कार्ड हैं।
34 मैचों में 42 विकेट, 21.60 की औसत और 6.93 की शानदार इकॉनमी के साथ उनके नाम हैं।

अश्विन कप्तान धोनी के गो-टू मैन हैं। सलामी गेंदबाज़ी हो या स्लॉग ओवर्स धोनी को अश्विन ही याद आते हैं। मिडिल ओवर्स में विकेट निकालना हो या रनों की रफ्तार कम करवाना गेंद अश्विन के हाथ में थमाई जाती है। अश्विन कप्तान के प्लान को बखूबी निभाते हैं। अश्विन के पास विविधताओं की भी कमी नहीं। बल्लेबाज़ी में भी उनका नंबर 9 पर आना टीम को मज़बूती और संतुलन देता है।

फिलहाल यही लगता है कि वर्ल्ड कप में कप्तान उन्हें सलामी गेंदबाज के तौर पर इस्तेमाल करेंगे। ऐसे में अश्विन तो और घातक दिख ही रहे हैं बल्कि कप्तान को और विकल्प भी मिल रहे हैं।

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