मयंक और मनन ने कुछ महीने पहले द. अफ्रीकी गेंदबाजों की जमकर पिटाई की थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया के चयन से पहले तक कई युवाओं को अपने चयन की उम्मीद रही होगी। एक्सपर्ट्स ने भी कुछ को इसका प्रबल दावेदार बताया था। दूसरी ओर लंबे समय से वनडे और टी-20 में खराब प्रदर्शन कर रही टीम में बदलाव की मांग भी उठ रही थी। चयनकर्ताओं ने इस बार कुछ हटकर फैसले भी लिए, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अभी भी कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें लंबे समय से अच्छे प्रदर्शन के बावजूद सीनियर टीम में जगह मिलने का इंतजार है, वहीं कुछ नए प्लेयर भी हैं, जो उम्मीद जगा रहे हैं। हम आपको टीम इंडिया के इन्हीं भावी सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं।
मयंक अग्रवाल : लिस्ट-ए मैचों में शानदार औसत
टीम इंडिया में फिलहाल ओपनर के लिए कोई जगह खाली नहीं है, लेकिन 24 साल के मयंक लगातार अच्छा खेल रहे हैं। आईपीएल में भी मयंक बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ भारत-ए की ओर से शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 अभ्यास मैच में 87 रन की पारी से सीनियर टीम में चयन के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया था। लिस्ट-ए के मैचों में उनका प्रदर्शन काफी खास है। उन्होंने 33 मैच में 47.21 के औसत से 1558 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं। मयंक ने टी-20 के 71 मैचों में 24.31 के औसत से 1,483 रन बनाए हैं, जबकि 14 प्रथम श्रेणी मैचों में उनके बल्ले से 30.28 के औसत से 636 रन निकले हैं, जिसमें 5 अर्धशतक शामिल हैं।
श्रेयस अय्यर : इस साल 71 से अधिक का औसत
मुंबई के इस 21 वर्षीय युवा बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट के साथ ही आईपीएल में भी एक्सपर्ट्स को काफी प्रभावित किया है। श्रेयस ने इस साल 8 रणजी मैचों में 930 रन बनाए हैं, जिनमें उनका औसत 71.53 रहा। इसके साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) के अब तक के 6 मैचों में 222 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 101.36 रहा। श्रेयस वर्तमान में बैटिंग में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे युवाओं में सबसे आगे नजर आते हैं। उनका औसत खुद उनकी काबिलियत की कहानी कह रहा है। वैसे भी किसी भी युवा खिलाड़ी को उसके सर्वश्रेष्ठ समय में ही मौका देना बेहतर होता है। उम्मीद है कि वे जल्द ही टीम इंडिया की ओर से खेलते दिखेंगे।
सरफराज खान : मोस्ट प्रॉमिसिंग प्लेयर
उत्तरप्रदेश के युवा बल्लेबाज सरफराज खान हाल ही में बांग्लादेश में आयोजित अंडर-19 त्रिकोणीय वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में एक बार फिर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए नाबाद अर्धशतक जमाकर भारत को खिताब जिता दिया था। दरअसल छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर एक समय बिना किसी नुकसान के 38 रन था, लेकिन जल्द ही तीन विकेट पर 42 रन हो गया। फिर सरफराज ने 27 गेंदों पर नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 59 रन बनाकर जीत सुनिश्चित कर दी। 6 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 299 रन बनाए हैं, जिनमें एक शतक शामिल है।
पिछले आईपीएल में बेंगलुरू की ओर से खेलते हुए उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया था। इस साल सरफराज ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया था, जिसमें उन्होंने मुंबई के स्थान पर उत्तरप्रदेश की टीम को चुन लिया था। सरफराज सबसे पहले अंडर-19 वर्ल्ड कप 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ 74 रनों की संघर्षभरी पारी खेलकर सुर्खियों में आए थे। 18 साल के सरफराज का कहना है कि उन्हें रणजी में प्रदर्शन का मतलब पता है, इसलिए वे इसे सीरियसली ले रहे हैं। उनके अनुसार टीम इंडिया के सभी महान खिलाड़ी रणजी खेलकर ही आगे बढ़े हैं। वे अपनी बैटिंग टेक्निक पर ध्यान दे रहे हैं।
संजू सैमसन : तेज-स्पिन दोनों के खिलाफ महारत
इस विकेटकीपर बल्लेबाज की खासियत सीधे से बल्ले लगाए जाने वाले आक्रामक स्ट्रोक्स हैं। उनके प्रशंसकों में राजस्थान रॉयल्स के मेंटर और कोच राहुल द्रविड़ भी हैं। द्रविड़ ने उनकी प्रतिभा को निखारने में भी अहम भूमिका निभाई है। संजू ने रणजी के साथ ही आईपीएल और इंडिया-ए की ओर से अब तक बेहतरीन खेल दिखाया है। संजू को स्पिन के साथ ही तेज गेंदबाजों को खेलने में भी महारत हासिल है। इस मामले में वह अन्य बल्लेबाजों से अलग नजर आते हैं जिनका आक्रमण और आंकड़े हमेशा स्पिन के खिलाफ ही खास रहे हैं। संजू विकेट के पीछे भी इस वक्त कम से कम वनडे में धोनी के सबसे बेहतर उत्तराधिकारी कहे जा सकते हैं। उन्होंने 21 प्रथम श्रेणी मैचों में 44.70 के औसत से 1,386 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर 211 रन है। सैमसन चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में कामयाब रहे हैं। उन्हें जिंबाब्वे के खिलाफ एक टी-20 में मौका जरूर मिला, लेकिन वे इसका पूरा फायदा नहीं उठा पाए थे। हालांकि कुछ महीने पहले उन्होंने बांग्लादेश-ए के खिलाफ अनऑफिशियल वनडे में टीम इंडिया की ओर से सबसे ज़्यादा 73 रन ठोककर अपना दावा ठोका था। उनका प्रदर्शन उन्हें सीनियर टीम में जगह का प्रबल दावेदार बनाता है। देखने वाली बात होगी कि उनका इंजतार कब खत्म होता है।
मनन वोहरा : दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की ली खबर
हालांकि मनन वोहरा आईपीएल और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले पिछले 10 टी-20 मैचों में 40 से अधिक का स्कोर नहीं बना पाए थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कुछ महीने पहले खेले गए एकमात्र टी-20 प्रैक्टिस मैच में दिग्गज अफ्रीकी गेंदबाजों की खूब खबर ली थी। मनन ने इस मैच में 56 रनों की धमाकेदार पारी से सबका ध्यान खींचा था। उन्होंने 14 साल की उम्र में अंडर-15 क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था और डेब्यू टूर्नामेंट में ही तीन सेन्चुरी लगाईं।
इससे पहले मनन आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब से खेलते हुए चमके थे। उन्होंने लिस्ट-ए के 24 मैचों में 23.00 के औसत से 551 रन बनाए हैं, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं। लिस्ट-ए में मनन का बेस्ट स्कोर 89 रन है। इसके अलावा उन्होंने 10 प्रथम श्रेणी के मैच भी खेले हैं, जिनमें उनका सर्वोच्च स्कोर 187 रन है। प्रथम श्रेणी में उन्होंने दो शतक और तीन अर्धशतक बनाए हैं। आईपीएल में मनन कुल 27 मैचों में 567 रन बना चुके हैं।
अवेश खान : तेज गेंदबाजी की नई सनसनी
भारत और बांग्लादेश के बीच अंडर-19 त्रिकोणीय वनडे सीरीज के एक मैच में भारतीय क्रिकेट का यह नया सितारा चर्चा में आया था। इस युवा तेज गेंदबाज ने अपनी रफ्तार से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को झकझोर कर रख दिया था। अवेश खान ने 6 ओवर में 4 रन देकर 4 विकेट लिए और बांग्लादेश की पूरी टीम को 22 ओवर में 76 रन पर समेट दिया था। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में रहने वाले 18 साल के 6 फीट 2 इंच लंबे इस खिलाड़ी का नाम पिछले अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान भी उभरा था, जब उन्होंने 139.8 किमी की रफ्तार से गेंद फेंककर सबको चौंका दिया था। हालांकि उनके कोच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया की मानें, तो अवेश 140 किमी से अधिक की रफ्तार भी निकाल सकते हैं। खुरासिया ने NDTV कोे बताया था कि उनकी स्पीड 140 किमी तक है और वे अपनी लंबाई और मजबूत कंधों की वजह से इससे अधिक की गति से भी गेंदबाजी कर सकते हैं। इन-स्विंग और आउट-स्विंग दोनों में अवेश को महारत हासिल है, जो उन्हें विशिष्ट गेंदबाज बनाती है। वे यॉर्कर और स्लोअर गेंदे भी फेंक लेते हैं।
नाथू सिंह : 140 किमी प्रति घंटे की तेजी
राजस्थान के इस 20 वर्षीय तेज बॉलर ने नई उम्मीदें जगाई हैं। उन्हें खेलते हुए अभी ज्यादा एक्सपर्ट्स ने नहीं देखा है, लेकिन जिसने भी देखा वह उनकी तेजी का कायल हो गया। 140 किमी प्रति घंटे की स्पीड से बॉलिंग करने वाला यह खिलाड़ी लगातार इसी स्पीड से बॉलिंग करने पर ध्यान दे रहा है। एमआरएफ पेस एकेडमी में नाथू को ग्लेन मैकग्राथ के अंडर भी ट्रेनिंग करने का मौका मिला। उन्होंने मैकग्राथ को अपनी तेज बॉलिंग से काफी प्रभावित किया। वैसे भी टीम इंडिया को मध्यम गति नहीं बल्कि एक वास्तविक फॉस्ट बॉलर की आवश्यकता है और यह संभावना नाथू में दिख रही है। नाथू ने 6 प्रथम श्रेणी मैचों में 12 विकेट लिए हैं। 87 रन देकर 7 विकेट उनका बेस्ट है।
शारदुल ठाकुर : मध्यम गति की गेंदबाजी में नई उम्मीद
टीम इंडिया को नए तेज गेंदबाज की भी तलाश है, जो लिमिटेड ओवर के क्रिकेट में कम रन देने के साथ ही विकेट निकाल सके। चयनकर्ताओं ने भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा को वनडे से बाहर कर दिया है। ऐसे में आने वाले समय में शारदुल उनकी कमी पूरी कर सकते हैं। शारदुल ने इस साल 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में 29 विकेट लिए हैं, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में 6 विकेट लिए हैं।
मयंक अग्रवाल : लिस्ट-ए मैचों में शानदार औसत
टीम इंडिया में फिलहाल ओपनर के लिए कोई जगह खाली नहीं है, लेकिन 24 साल के मयंक लगातार अच्छा खेल रहे हैं। आईपीएल में भी मयंक बेहतर प्रदर्शन करते रहे हैं। बांग्लादेश के खिलाफ भारत-ए की ओर से शानदार प्रदर्शन के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 अभ्यास मैच में 87 रन की पारी से सीनियर टीम में चयन के लिए अपना दावा मजबूत कर लिया था। लिस्ट-ए के मैचों में उनका प्रदर्शन काफी खास है। उन्होंने 33 मैच में 47.21 के औसत से 1558 रन बनाए हैं, जिनमें 5 शतक और 6 अर्धशतक शामिल हैं। मयंक ने टी-20 के 71 मैचों में 24.31 के औसत से 1,483 रन बनाए हैं, जबकि 14 प्रथम श्रेणी मैचों में उनके बल्ले से 30.28 के औसत से 636 रन निकले हैं, जिसमें 5 अर्धशतक शामिल हैं।
श्रेयस अय्यर : इस साल 71 से अधिक का औसत
मुंबई के इस 21 वर्षीय युवा बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट के साथ ही आईपीएल में भी एक्सपर्ट्स को काफी प्रभावित किया है। श्रेयस ने इस साल 8 रणजी मैचों में 930 रन बनाए हैं, जिनमें उनका औसत 71.53 रहा। इसके साथ ही विजय हजारे ट्रॉफी (वनडे) के अब तक के 6 मैचों में 222 रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट 101.36 रहा। श्रेयस वर्तमान में बैटिंग में सबसे अच्छा प्रदर्शन कर रहे युवाओं में सबसे आगे नजर आते हैं। उनका औसत खुद उनकी काबिलियत की कहानी कह रहा है। वैसे भी किसी भी युवा खिलाड़ी को उसके सर्वश्रेष्ठ समय में ही मौका देना बेहतर होता है। उम्मीद है कि वे जल्द ही टीम इंडिया की ओर से खेलते दिखेंगे।
सरफराज खान : मोस्ट प्रॉमिसिंग प्लेयर
उत्तरप्रदेश के युवा बल्लेबाज सरफराज खान हाल ही में बांग्लादेश में आयोजित अंडर-19 त्रिकोणीय वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में एक बार फिर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए नाबाद अर्धशतक जमाकर भारत को खिताब जिता दिया था। दरअसल छोटे लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत का स्कोर एक समय बिना किसी नुकसान के 38 रन था, लेकिन जल्द ही तीन विकेट पर 42 रन हो गया। फिर सरफराज ने 27 गेंदों पर नौ चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 59 रन बनाकर जीत सुनिश्चित कर दी। 6 प्रथम श्रेणी मैचों में उन्होंने 299 रन बनाए हैं, जिनमें एक शतक शामिल है।
पिछले आईपीएल में बेंगलुरू की ओर से खेलते हुए उन्होंने सबका ध्यान आकर्षित किया था। इस साल सरफराज ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया था, जिसमें उन्होंने मुंबई के स्थान पर उत्तरप्रदेश की टीम को चुन लिया था। सरफराज सबसे पहले अंडर-19 वर्ल्ड कप 2014 में पाकिस्तान के खिलाफ 74 रनों की संघर्षभरी पारी खेलकर सुर्खियों में आए थे। 18 साल के सरफराज का कहना है कि उन्हें रणजी में प्रदर्शन का मतलब पता है, इसलिए वे इसे सीरियसली ले रहे हैं। उनके अनुसार टीम इंडिया के सभी महान खिलाड़ी रणजी खेलकर ही आगे बढ़े हैं। वे अपनी बैटिंग टेक्निक पर ध्यान दे रहे हैं।
संजू सैमसन : तेज-स्पिन दोनों के खिलाफ महारत
इस विकेटकीपर बल्लेबाज की खासियत सीधे से बल्ले लगाए जाने वाले आक्रामक स्ट्रोक्स हैं। उनके प्रशंसकों में राजस्थान रॉयल्स के मेंटर और कोच राहुल द्रविड़ भी हैं। द्रविड़ ने उनकी प्रतिभा को निखारने में भी अहम भूमिका निभाई है। संजू ने रणजी के साथ ही आईपीएल और इंडिया-ए की ओर से अब तक बेहतरीन खेल दिखाया है। संजू को स्पिन के साथ ही तेज गेंदबाजों को खेलने में भी महारत हासिल है। इस मामले में वह अन्य बल्लेबाजों से अलग नजर आते हैं जिनका आक्रमण और आंकड़े हमेशा स्पिन के खिलाफ ही खास रहे हैं। संजू विकेट के पीछे भी इस वक्त कम से कम वनडे में धोनी के सबसे बेहतर उत्तराधिकारी कहे जा सकते हैं। उन्होंने 21 प्रथम श्रेणी मैचों में 44.70 के औसत से 1,386 रन बनाए हैं। उनका बेस्ट स्कोर 211 रन है। सैमसन चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में कामयाब रहे हैं। उन्हें जिंबाब्वे के खिलाफ एक टी-20 में मौका जरूर मिला, लेकिन वे इसका पूरा फायदा नहीं उठा पाए थे। हालांकि कुछ महीने पहले उन्होंने बांग्लादेश-ए के खिलाफ अनऑफिशियल वनडे में टीम इंडिया की ओर से सबसे ज़्यादा 73 रन ठोककर अपना दावा ठोका था। उनका प्रदर्शन उन्हें सीनियर टीम में जगह का प्रबल दावेदार बनाता है। देखने वाली बात होगी कि उनका इंजतार कब खत्म होता है।
मनन वोहरा : दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की ली खबर
हालांकि मनन वोहरा आईपीएल और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले पिछले 10 टी-20 मैचों में 40 से अधिक का स्कोर नहीं बना पाए थे, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कुछ महीने पहले खेले गए एकमात्र टी-20 प्रैक्टिस मैच में दिग्गज अफ्रीकी गेंदबाजों की खूब खबर ली थी। मनन ने इस मैच में 56 रनों की धमाकेदार पारी से सबका ध्यान खींचा था। उन्होंने 14 साल की उम्र में अंडर-15 क्रिकेट टीम में डेब्यू किया था और डेब्यू टूर्नामेंट में ही तीन सेन्चुरी लगाईं।
इससे पहले मनन आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब से खेलते हुए चमके थे। उन्होंने लिस्ट-ए के 24 मैचों में 23.00 के औसत से 551 रन बनाए हैं, जिसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं। लिस्ट-ए में मनन का बेस्ट स्कोर 89 रन है। इसके अलावा उन्होंने 10 प्रथम श्रेणी के मैच भी खेले हैं, जिनमें उनका सर्वोच्च स्कोर 187 रन है। प्रथम श्रेणी में उन्होंने दो शतक और तीन अर्धशतक बनाए हैं। आईपीएल में मनन कुल 27 मैचों में 567 रन बना चुके हैं।
अवेश खान : तेज गेंदबाजी की नई सनसनी
भारत और बांग्लादेश के बीच अंडर-19 त्रिकोणीय वनडे सीरीज के एक मैच में भारतीय क्रिकेट का यह नया सितारा चर्चा में आया था। इस युवा तेज गेंदबाज ने अपनी रफ्तार से बांग्लादेशी बल्लेबाजों को झकझोर कर रख दिया था। अवेश खान ने 6 ओवर में 4 रन देकर 4 विकेट लिए और बांग्लादेश की पूरी टीम को 22 ओवर में 76 रन पर समेट दिया था। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में रहने वाले 18 साल के 6 फीट 2 इंच लंबे इस खिलाड़ी का नाम पिछले अंडर-19 वर्ल्ड कप के दौरान भी उभरा था, जब उन्होंने 139.8 किमी की रफ्तार से गेंद फेंककर सबको चौंका दिया था। हालांकि उनके कोच टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया की मानें, तो अवेश 140 किमी से अधिक की रफ्तार भी निकाल सकते हैं। खुरासिया ने NDTV कोे बताया था कि उनकी स्पीड 140 किमी तक है और वे अपनी लंबाई और मजबूत कंधों की वजह से इससे अधिक की गति से भी गेंदबाजी कर सकते हैं। इन-स्विंग और आउट-स्विंग दोनों में अवेश को महारत हासिल है, जो उन्हें विशिष्ट गेंदबाज बनाती है। वे यॉर्कर और स्लोअर गेंदे भी फेंक लेते हैं।
नाथू सिंह : 140 किमी प्रति घंटे की तेजी
राजस्थान के इस 20 वर्षीय तेज बॉलर ने नई उम्मीदें जगाई हैं। उन्हें खेलते हुए अभी ज्यादा एक्सपर्ट्स ने नहीं देखा है, लेकिन जिसने भी देखा वह उनकी तेजी का कायल हो गया। 140 किमी प्रति घंटे की स्पीड से बॉलिंग करने वाला यह खिलाड़ी लगातार इसी स्पीड से बॉलिंग करने पर ध्यान दे रहा है। एमआरएफ पेस एकेडमी में नाथू को ग्लेन मैकग्राथ के अंडर भी ट्रेनिंग करने का मौका मिला। उन्होंने मैकग्राथ को अपनी तेज बॉलिंग से काफी प्रभावित किया। वैसे भी टीम इंडिया को मध्यम गति नहीं बल्कि एक वास्तविक फॉस्ट बॉलर की आवश्यकता है और यह संभावना नाथू में दिख रही है। नाथू ने 6 प्रथम श्रेणी मैचों में 12 विकेट लिए हैं। 87 रन देकर 7 विकेट उनका बेस्ट है।
शारदुल ठाकुर : मध्यम गति की गेंदबाजी में नई उम्मीद
टीम इंडिया को नए तेज गेंदबाज की भी तलाश है, जो लिमिटेड ओवर के क्रिकेट में कम रन देने के साथ ही विकेट निकाल सके। चयनकर्ताओं ने भुवनेश्वर कुमार और मोहित शर्मा को वनडे से बाहर कर दिया है। ऐसे में आने वाले समय में शारदुल उनकी कमी पूरी कर सकते हैं। शारदुल ने इस साल 8 रणजी ट्रॉफी मैचों में 29 विकेट लिए हैं, जबकि विजय हजारे ट्रॉफी में 6 विकेट लिए हैं।
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