पीटर हैंड्सकॉम्ब सहित प्रमुख ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज स्पिन विकेटों पर अभ्यास कर रहे हैं
दुबई: भारतीय धरती पर इंग्लैंड क्रिकेट टीम का तीनों ही फॉर्मेट में जो हश्र हुआ है, उससे इस महीने के अंत में भारत दौरे पर आने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम में खलबली मची हुई है. वनडे और टी-20 में तो इंग्लैंड की टी टीम इंडिया को कुछ टक्कर देती नजर आई, लेकिन टेस्ट सीरीज में तो उसे 4-0 से हार का सामना करना पड़ा. ड्रॉ हुए पहले टेस्ट को छोड़ दें, तो इंग्लैंड की टीम दूर-दूर तक मुकाबले में नहीं दिखी. इससे टेस्ट में नंबर बन चुकी टीम इंडिया के हौसले बुलंद हैं और खुद कप्तान विराट कोहली का बल्ला भी जमकर बोल रहा है. साल 2016 में तीन दोहरे शतक लगा चुके भारतीय कप्तान की बांग्लादेश के खिलाफ बल्लेबाजी को देखकर ऑस्ट्रेलियाई टीम और चिंतित हो गई होगी. वैसे भी वह पहले से ही स्पिन ट्रैक पर अपने बल्लेबाजों की क्षमता को लेकर संशय में है और तकनीक में सुधार के लिए इन दिनों दुबई के स्पिन फ्रेंडली विकेटों पर अभ्यास कर रही है, लेकिन उसके दिलोदिमाग पर स्पिन का खौफ नहीं जा रहा. टीम प्रबंधन, कोच से लेकर खिलाड़ी तक अपनी-अपनी चिंताएं जाहिर कर रहे हैं.
अब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज पीटर हैंड्सकाम्ब ने भी इस पर अपनी राय दी है. उनके अनुसार यदि उनकी टीम के बल्लेबाज इस तरीके को अपनाते हैं, तो वह स्पिन विकेटों पर आसानी से खेल पाएंगे. उनका मानना है कि भारतीय विकेटों पर मिलने वाले अप्रत्याशित टर्न को देखते हुए उसके स्पिनरों से निबटने का सबसे बेहतर तरीका अपनी रक्षात्मक क्षमताओं पर विश्वास करना होगा.
ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ दुबई की आईसीसी अकादमी में अभ्यास कर रहे हैंड्सकाम्ब ने कहा, ‘भारत में अप्रत्याशित टर्न मिलता है. वहां गेंद वास्तव में बहुत ज्यादा स्पिन ले सकती है. इसलिए अपने रक्षात्मक खेल पर भरोसा रखना जरूरी है.’
हैंड्सकॉम्ब ने टर्निंग ट्रैक पर खेलने की मुश्किलों पर चर्चा की. उन्होंने अपनी रणनीतियों के बारे में चर्चा करते हुए कहा, ‘दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज नहीं जानते कि इससे कैसे निबटना है. मैंने कुछ रणनीतियां बनाई हैं और उम्मीद है कि वे कारगर साबित होंगी.’
उन्होंने कहा कि 13 फरवरी को मुंबई पहुंचने वाली उनकी टीम को भारतीय परिस्थितियों से जल्द से जल्द तालमेल बिठाना होगा. उन्होंने कहा, ‘मैंने इससे पहले भारत में टेस्ट मैच नहीं खेले हैं. मैं केवल आईपीएल में खेला हूं. विकेट अलग तरह के होंगे इसलिए हमें वहां की परिस्थितियों का जल्द से जल्द आंकलन करना होगा.’